अवैध खनन मामले में झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस मामले में ED ने चार्जशीट दाखिल कर कोर्ट को उनकी संलिप्तता की जानकारी तो दी ही है, लेकिन अब उनकी मुसीबत अवैध खनन मामले की वजह से बढ़ सकती है।
ऐसा इसलिए कि ED ने एक शपथपत्र के माध्यम से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) पूर्वी जोन कोलकाता को विस्तृत जानकारी दी है। जिसमें ED ने बताया है कि साहेबगंज जिले में हुए एक हजार करोड़ रुपए से अधिक के अवैध खनन का मास्टर माइंड पंकज मिश्रा है। वह पूर्व सीएम का विधायक प्रतिनिधि भी रह चुका है।
पंकज मिश्रा ने राजनीतिक संरक्षण और सरकारी मैकेनिज्म का इस्तेमाल करते हुए अवैध खनन किया है। NGT में अब इस मामले की सुनवाई 13 मई को होगी। पंकज मिश्रा हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि रह चुके हैं।
राजनीतिक संरक्षण की बदौलत चलाया कारोबार
NGT को दायर शपथ के मजमून के अनुसार साहेबगंज में अवैध खनन करने और उसके ट्रांसपोर्टेशन में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पंकज मिश्रा ही शामिल है। इस काम करने के लिए उसे राजनीतिक संरक्षण मिले हुए थे।
ED ने NGT को बताया कि साहेबगंज जिले के बरहरवा थाना में विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम के खिलाफ मामला (कांड संख्या-85/2020 ) दर्ज था, जिसे इसीआइआर में परिवर्तित करते हुए जांच की।
जांच के दौरान बड़े पैमाने पर अवैध खनन और उसके ट्रांसपोर्टेशन की जानकारी मिली। इसी पड़ताल के दौरान एक हजार करोड़ के पत्थर की अवैध माइनिंग की जानकारी का पता चला।
ED ने कब दी एनजीटी को जानकारी
दरअसल साहेबगंज जिले के ऐतिहासिक राजमहल पहाड़ के संरक्षण, संवर्धन और वहां संचालित सभी अवैध खनन और स्टोन क्रशर को बंद करने को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता सैयद अरशद नसर ने एक याचिका दायर की थी।
यह याचिका नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) पूर्वी जोन कोलकाता में याचिका संख्या-23/2017 के तहत दायर की गई थी। इसी याचिका पर ED झारखंड की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर विस्तार से मामले की जानकारी दी गई है।
दूसरों का अलॉट खदान भी पंकज ही चलाता था
NGT को दी गई तमाम जानकारी में एक अहम जानकारी यह भी दी गई है कि अवैध खनन और उसके ट्रांसपोर्टेशन को बिना किसी परेशानी के चलाने के लिए लोकल क्रिमिनल की पंकज मिश्रा ने ग्रुप बना रखी थी।
यह ग्रुप धमकाने-डराने का काम करता था। स्थिति ऐसी थी कि दूसरे किसी व्यक्ति को जो खदान अलॉट किए गए थे, उसका खनन भी पंकज मिश्रा ही कराता था। राजेश यादव उर्फ दाहु यादव, सुनील यादव, बच्चु यादव पंकज मिश्रा के सहयोगी रहे हैं।
साहेबगंज अवैध खनन और ईडी की कार्रवाई
- आठ जुलाई 2022 को पंकज मिश्रा और उनके सहयोगियों के परिसरों की तलाशी ली।
- पांच करोड़ रुपए कैश जब्त किए गए।
- 15 करोड़ के बैंक बैलेंस को फ्रीज किया गया।
- 25 जुलाई से लेकर 29 जुलाई 2022 तक राज्य के अधिकारियों/कर्मचारियों की टीम ने सर्वे किया और वेरिफिकेशन किया।
- अवैध खनन और उनके अवैध ट्रांसपोर्टेशन की पुष्टि भी इसी दौरान हुई। जानकारी मिली कि 1000 करोड़ से अधिक का अवैध माइनिंग हुआ।
- इसके लिए अवैध ट्रांसपोर्टेशन रेलवे, सड़कों और अंतर्देशीय मालवाहक जहाजों से हुआ।