केके पाठक के आदेश को शिक्षकों ने दिखाया ठेंगा, गांव में नौकरी ज्वॉइन करने से किया इनकार

ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर नौकरी करना शिक्षकों को रास नहीं आ रहा है। इसको लेकर कई जगह से लगातार नियुक्ति होने के बाद शिक्षक नौकरी छोड़ रहे हैं।

वहीं भागलपुर जिले में 3760 शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी। जिसमें 514 शिक्षकों ने ज्वाइन ही नहीं किया। यानी जिला शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सिर्फ 3246 शिक्षकों ने ही सात दिसंबर तक स्कूलों में अपना योगदान दिया है।

514 शिक्षक जो पोस्टिंग होने के बाद स्कूलों में अपना योगदान नहीं दिया। ये ऐसे शिक्षक हैं जो या तो दूसरे नौकरी से इस नौकरी में आना नहीं चाहते। या ग्रामीण क्षेत्र में पोस्टिंग होने की वजह से नौकरी को छोड़ दिया। सात दिसंबर तक योगदान देने वाले में सबसे अधिक प्राथमिक के शिक्षक हैं।

 

शिक्षकों के नौकरी छोड़ने का भी दौड़ जारी

1897 शिक्षकों ने प्राथमिक शिक्षक में जबकि माध्यमिक में 600 शिक्षकों ने और उच्च माध्यमिक में 745 शिक्षकों ने अपना योगदान दिया है। इसके अलावा शिक्षकों के नौकरी छोड़ने का भी दौड़ जारी है। मिली जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग में आठ शिक्षकों द्वारा केंद्रीय विद्यालय में चयन के साथ-साथ अन्य कारणों को बताकर नौकरी छोड़ने के लिए आवेदन दिया है।

जिसमें जिला शिक्षा विभाग द्वारा चार को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इससे एक बात समझ आती है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा दिए गए बयान की गांव में नौकरी करनी है तो करिए, नहीं तो छोड़ दीजिए यह सत्य साबित हो रही है।

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