July 12, 2025

बेतिया: बैरिया थाना क्षेत्र की खुशी टोला मे चल रहे सहारा वृद्ध आश्रम में जबरन बुजुर्गों को रखने का मामला तूल पकड़ लिया है ।सहारा वृद्ध आश्रम पर बुजुर्गों को जबरन रखने का आरोप के नाम से ab News की खबर के बाद समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक बृजभूषण कुमार ने सुबह करीब 8:00 बजे वृद्ध आश्रम पहुंचे तथा 4 घंटे तक इसकी गहन जांच की उन्होंने आश्रम में कई अनियमिताएं होने की बात स्वीकारी है। उन्होंने कहा है कि इसकी रिपोर्ट समाज कल्याण विभाग के वरीय पदाधिकारी जिलाधिकारी व एसपी को भेजी जाएगी । उन्होंने बताया कि जिन लोगों को रेस्क्यू करके लाया गया है उनको किन के आदेश पर लाया गया है यह जांच का विषय है ।उन्होंने यह भी स्वीकारा कि जिन लोगों को इस वृद्ध आश्रम में रखा गया है वह इस वृद्ध आश्रम में रहने के लायक नहीं है। उन्होंने बताया की जितने भी लोग याहा है वह अपने घर जाना चाहते है लेकिन संस्था के पास उनके बारे में कोई डिटेल नहीं है। इन बृध लोगो के पास इनका आधार कार्ड भी नहीं है ।इनका कुछ आता पता संस्था के पास नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले मार्च के बाद से इस संस्था का भुगतान नहीं हुआ है पिछले डायरेक्टर साहब की जांच में संस्था में अनीयमता पाई गई थी जिसके बाद संस्था को मिलने वाली भुगतान राशि रोक दी गई है।

यह है मामला

नालंदा जिले के बेना थाने के अरौता ग्राम निवासी अमरेश पासवान ने बैरिया थाने में मंगलवार को आवेदन देकर बताया था कि उनके पिता जगदेव पासवान को पटना से सहारा वृद्ध आश्रम के लोगों द्वारा जबरन रेस्क्यू करके बेतिया अपने आश्रम में लाया गया था। जिसके बाद उनके घर पर फोन गया। जब वे अपने पिताजी को लेने मंगलवार को वृद्ध आश्रम आए तो उन्हें यह कहा गया कि उनके पिताजी यहां नहीं है । उन्हें छोड़ दिया गया है। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज दिखाने की मांग की तो संस्था द्वारा नहीं दिखाया गया। जिसके कारण अमरेश संतुष्ट नहीं हुए और थाने में आकर आवेदन दिया।

आवेदन मिलते ही बैरिया पुलिस हरकत में आई

आवेदन मिलते ही बैरिया थाना अध्यक्ष अंजेश कुमार ने एक टीम गठित कर वृद्ध आश्रम की जांच के लिए भेजा ।पुलिस पहुंची और इसकी जांच की। इसी क्रम में वृद्ध आश्रम में रह रहे, हरिराम यादव ,दिनेश प्रसाद ,एवं जगदेव पासवान ने बताया कि हमें पटना महावीर मंदिर से उठाकर जबरन इस वृद्ध आश्रम में लाया गया तथा हमारे साथ मारपीट की गई। हमें इस रूम से बाहर निकालने की आजादी नहीं है। हम लोगों के साथ कैदी की तरह व्यवहार किया जा रहा है। हम लोग की जिंदगी यहां नरकीय हो गई है। हम लोग अपने घर जाना चाहते हैं हमें नहीं जाने दिया जा रहा है। इस संस्था में कुल 39 महिला पुरुष फिलहाल रह रहे हैं जिसमे 8 महिला तथा 31 पुरुष है।

क्या कहते हैं ग्रामीण

सहारा वृद्ध आश्रम के अगल-बगल रह रहे ग्रामीण राहुल कुमार, रामधनी देवी, विक्की कुमार, प्रियांशु कुमार आदि ने बताया कि लगातार वृद्ध आश्रम से रोने चिल्लाने की आवाज आती है। जिसे यह प्रतीत होता है कि यहां बुजुर्गों के साथ मारपीट होती रहती है। और तीन बुजुर्गों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। उन्होंने बताया कि पिछले महीने एक व्यक्ति की मौत वृद्ध आश्रम में हुई थी। जिसे एक बोरे में भर कर टेंपो पर लादकर बगैर पोस्टमार्टम कराए कहीं ले जाकर आश्रम के कर्मियों द्वारा फेंक दिया गया या जलाया। अगर आश्रम सही तरीके से चला तो उस वृद्धि की पहले पोस्टमार्टम कराई जानी चाहिए थी।इसका मतलब है कि इस आश्रम में कुछ ना कुछ गड़बड़ है। वह आश्रम की गहन जांच करते हुए इसे बंद करने की भी मांग की है।
इस आश्रम के डायरेक्टर मंतोष कुमार ने कहा कि हम ऐडिएस एस पटना के आदेश के आलोक में लोगों को रेस्क्यू करते हैं। संस्था सरकार के नियमों के अनुसार कार्य करती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक ब्रज भूषण कुमार शुरू से ही संस्था को पसंद नहीं करते हैं। वह नहीं चाहते हैं कि संस्था ठीक से कम करें।

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