पटना के गर्दनीबाग थाना क्षेत्र में शराब तस्करी को लेकर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की। यह कार्रवाई उस समय हुई जब पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि इलाके में कुछ तस्कर बड़ी मात्रा में शराब लेकर जा रहे हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस की एक टीम तस्करों को पकड़ने के लिए 70 फीट इलाके में छापेमारी करने पहुंची।
तस्करों ने किया पुलिस पर हमला
जैसे ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, तस्करों ने विरोध में उग्र रूप अख्तियार कर लिया। उन्होंने पुलिस की गाड़ी पर ईंट और पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। इस पथराव में पुलिस की स्कॉर्पियो गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि गाड़ी में सवार पुलिसकर्मियों को अपनी जान बचाने के लिए सीट के नीचे छिपना पड़ा।
थानेदार का बयान और आधिकारिक स्थिति
गर्दनीबाग थाना प्रभारी प्रतोष कुमार ने इस हमले की बात से इनकार किया है। उनके अनुसार, पुलिस को तस्करों के मूवमेंट की पहले से सूचना थी, जिसके आधार पर यह छापेमारी की गई। उन्होंने बताया कि गाड़ियों का पीछा करते समय एक हल्की टक्कर जरूर हुई थी, लेकिन किसी भी तरह की चोट या हमला नहीं हुआ है। पुलिस ने मौके से एक बड़ी खेप में शराब जब्त की है और फिलहाल थाने में उसकी गिनती की जा रही है।
लंबे समय से चल रही थी निगरानी
पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह कार्रवाई अचानक नहीं हुई, बल्कि पुलिस देर रात से ही तस्करों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी। जैसे ही तस्कर अहले सुबह शराब लेकर बाईपास की ओर भागने लगे, पुलिस ने उनका पीछा किया। इसी दौरान यह हमला हुआ। हालांकि, इसके बावजूद पुलिस ने साहस का परिचय देते हुए तस्करों की शराब की खेप को जब्त करने में सफलता हासिल की।
जांच और अगली कार्रवाई
फिलहाल जब्त की गई शराब की जांच और गिनती की प्रक्रिया जारी है। साथ ही, इस घटना में शामिल तस्करों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है ताकि हमले की सही जानकारी मिल सके और दोषियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जा सके। यह घटना दिखाती है कि बिहार में शराबबंदी कानून के बावजूद तस्कर सक्रिय हैं और पुलिस की कार्रवाई का सामना करने से भी पीछे नहीं हटते। साथ ही, यह भी स्पष्ट होता है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।