सोनपुर मेला और मां अंबिका भवानी मंदिर को राष्ट्रीय पर्यटक मानचित्र में शामिल करने की मांग को लेकर वरीय भाजपा नेता ओम कुमार सिंह ने पिछले दिनों बिहार के पर्यटन मंत्री नीतीश कुमार मिश्रा को ज्ञापन सौंपा था। श्री कुमार के इस ज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने सोनपुर अनुमंडल स्थित मां अंबिका भवानी मंदिर आमी के विकास के लिए 13 करोड़ 29 लाख 34 हजार रुपये की मंजूरी दी है। यह राशि प्रसाद योजना के तहत स्वीकृत की गयी है।
योजना के तहत मंदिर परिसर, नदी घाट, पार्किंग, पाथवे, घेराबंदी, पहुंच पथ का चौड़ीकरण और पुनर्निर्माण, सोलर स्ट्रीट जैसे कार्य कराए जाएंगे। मंदिर परिसर में दुकानों और कियोस्क के विकास पर 164.10 लाख रुपये, स्तंभ और उच्च आधार पर 330.91 लाख रुपये तथा फ्लोरिंग पर 30.36 लाख रुपये खर्च होंगे। पास के नदी घाट के विकास के लिए घाट डेक का विस्तार 454.83 लाख रुपये, पार्किंग व पाथवे पर 123 लाख रुपये खर्च किये जाएंगे।
करीब 1.5 किमी लंबे पहुंच पथ के चौड़ीकरण और पुनर्निर्माण पर 117.32 लाख रुपये तथा 42 सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने पर 25.30 लाख रुपये खर्च होंगे। वहीं ओम कुमार सिंह ने सोनपुर मेले को राष्ट्रीय मेला घोषित करने तथा सोनपुर मेले के लिए उचित राशि मुहैया करने के लिए भी आवेदन दिया था जिसपर केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत सोनपुर मेला क्षेत्र के विकास के लिए 24.28 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। पहली किश्त के रूप में 2,40,290 लाख रुपये जारी करने का आदेश भी दिया गया है। मेला क्षेत्र में प्रवेश द्वार, हाट निर्माण, सड़क चौड़ीकरण, हाट से घाट तक संपर्क पथ, एवी वीआर बिल्डिंग, पार्किंग, शटल सेवा, पब्लिक यूटिलिटी और लैंडस्केपिंग पर 1443.65 लाख रुपये खर्च होंगे।
जिला प्रशासन और बिहार पर्यटन विभाग के समन्वय से इस योजना के लिए समेकित कार्य योजना तैयार कर प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था। ग्रीन टूरिज्म सस्टेनेब्लिटी घटक के तहत प्लास्टिक फ्री मेला जोन, वेस्ट मैनेजमेंट, इको फ्रेंडली परिवहन, सोलर लाइटिंग, जागरूकता और शैक्षणिक अभियान पर 145 लाख रुपये खर्च होंगे। डिजिटाइजेशन घटक में एवी वीआर फैसिलिटी, मेला एप्प, कैशलेस और कटिक्टलेस लेनदेन, वर्चुअल दर्शन, लाइव स्ट्रीमिंग, क्राउड मैनेजमेंट सिस्टम, डिजिटल साइनेज और सूचना प्रणाली पर 359.72 लाख रुपये खर्च होंगे। स्किल विकास घटक में गाइड ट्रेनिंग, हॉस्पिटैलिटी, हाइजीन, डिजिटल मार्केटिंग, हैंडीक्राफ्ट, सांस्कृतिक कार्यक्रम, फूड वेंडर सेंसिटाइजेशन और टूर ऑपरेटर वर्कशॉप पर 9.07 लाख रुपये खर्च होंगे। टूरिज्म एमएसएमई इंटरवेंशन के तहत स्टार्टअप प्रमोशन के लिए 90 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है।
बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम को कार्यकारी एजेंसी बनाया गया है। परियोजना की कुल लागत की 10 प्रतिशत राशि 242.90 लाख रुपये जारी कर दी गई है। कार्य पूरा करने की समय सीमा 31 मार्च 2026 तय की गई है। योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेवारी बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम को दी गयी है। कार्य निविदा के माध्यम से कराया जायेगा। केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय के इस मंजूरी का ओम कुमार सिंह ने स्वागत किया है। उन्होंने इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार को धन्यवाद दिया है। कहा कि इससे क्षेत्र का विकास होने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। काफी लंबे समय से स्थानीय लोगों की यह मांग थी। बताते चलें कि इस योजना के लिए सारण जिला प्रशासन ने पर्यटन विभाग बिहार के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार की थी। डीएम अमन समीर ने स्थल का निरीक्षण भी किया था। जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग के समन्वय तथा स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रूडी की पहल और ओम कुमार सिंह के प्रयास से योजना को मंजूरी मिली। वहीं ओम कुमार सिंह ने सारण के प्रभारी मंत्री सुमित कुमार सिंह का भी धन्यवाद किया है। योजना के लागू होने के बाद श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलने के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।