बांग्लादेश में आरक्षण आंदोलन के सोमवार को अचानक राजनीतिक संकट में बदलने के बाद वहां हालात विकट हो गए हैं. बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देने के साथ ही देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी है. इसके बाद कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी ने भारत का नाम लिए बिना उसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जमात-ए-इस्लामी ने अपने समर्थकों से शेख हसीना को शरण देने वाले देश के दूतावास को घेरने के लिए कहा है. उधर, प्रदर्शनकारियों ने नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रधानमंत्री बनाने का निर्णय लिया है. इस राजनीतिक उलटफेर के बीच पूरे बांग्लादेश में चल रही लूटपाट और तोड़फोड़ में प्रदर्शनकारियों ने शेरपुर जिले की जेल पर भी हमला बोल दिया है. इस हमले के बाद जेल में आग लगा दी गई है. जेल से 518 कैदी फरार हो गए हैं, जो अपने साथ जेल के हथियार भी लूटकर ले गए हैं. इन फरार कैदियों में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन JMB के कई खतरनाक आतंकी भी शामिल हैं. इनकी फरारी के बाद भारत में भी हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. दिल्ली स्थित बांग्लादेशी दूतावास पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जबकि बांग्लादेश से सटी सीमा पर सुरक्षा की दोबारा समीक्षा की जा रही है. दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी दलों की साझा बैठक बुलाई है.
सर्वदलीय बैठक में सरकार ने विपक्षी दलों को हटाई गईं बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना की स्थिति पर भी अपडेट दिया है. सरकार ने बताया कि शेख हसीना को लेकर आया बांग्लादेशी सेना का C-130J ट्रांसपोर्ट विमान मंगलवार सुबह 9.30 बजे हिंडन एयरबेस से वापस उड़ान भर गया है. शेख हसीना को शरण देने पर अभी किसी भी देश ने सहमति नहीं दी है. भारत सरकार से भी शेख हसीना ने शरण देने की मांग नहीं की है. यदि शेख हसीना भारत से शरण मांगती हैं तो इस पर विचार किया जाएगा. फिलहाल शेख हसीना को अपनी अगली योजना तैयार करने के लिए समय दिया गया है. विपक्षी नेताओं ने सरकार के बयान पर संतुष्टि जताई है. हालांकि कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बांग्लादेश मुद्दे पर संसद में बस कराए जाने की मांग की है.
बांग्लादेश में चल रही हिंसा के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार वहां से अपने नागरिकों को निकालने की कोशिश में जुट गई है. यह जानकारी विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सर्वदलीय बैठक में सभी विपक्षी नेताओं के साथ साझा की है. उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में अभी 12 से 13 हजार भारतीय नागरिक मौजूद हैं, जिनमें से अधिकतर छात्र हैं. उन सभी को वहां से निकालने की कवायद शुरू कर दी गई है. भारत सरकार अपने सभी राजनयिक भी वहां से वापस लाएगी. इसके लिए बांग्लादेशी सेना से भी बात की जा रही है. सरकार ने विपक्षी दलों को यह भी बताया कि सीमा पर फिलहाल कोई अशांति नहीं है. इसे लेकर भी बांग्लादेशी सेना के साथ संपर्क बना हुआ है. राहुल गांधी ने बांग्लादेश में हुए तख्तापलट में विदेशी हाथ होने की संभावना पर सवाल पूछा, जिसका स्पष्ट जवाब फिलहाल प्रधानमंत्री या किसी अन्य ने नहीं दिया है.
सोमवार शाम को हुआ था जेल पर हमला
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, शेरपुर जिला जेल पर सोमवार शाम को हमला हुआ था. शेरपुर के डिप्टी कमिश्नर अब्दुल्ला अल खैरून ने बताया कि सोमवार शाम 4.30 बजे से 5.30 बजे के बीच भारी भीड़ ने जेल पर अचानक हमला बोल दिया. जेल के दरवाजे में आग लगा दी गई. इस दौरान जेल में बंद JMB के आतंकियों समेत 518 कैदी भागने में सफल रहे. कैदी भागते समय जेल के हथियार और बहुत सारा अन्य कीमती सामान भी लूट ले गए हैं.