March 24, 2025

केंद्रीय कानून मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि देशभर की अदालतों में 5.07 करोड़ मामले लंबित हैं. केंद्रीय कानून मंत्री अर्दुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) के मुताबिक, देश के अलग-अलग हिस्सों में 5.07 करोड़ मामलों का निपटारा होना बाकी है.

मेघवाल ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान BJD सांसद सस्मित पात्रा और AAP के संजीव अरोड़ा के सवालों के जवाब में यह जानकारी दी.

 

राज्यों की बात करें तो उत्तर प्रदेश की अदालतों में 1.18 करोड़ मामले लंबित हैं, जिसके बाद महाराष्ट्र है जहां 54 लाख मामले लंबित हैं. यह आंकड़े कानून मंत्रालय द्वारा सांसद राहुल कासवान, हिबी ईडन और खलीलुर रहमान के प्रश्नों के उत्तर में उपलब्ध कराए गए हैं.

मामलों के लंबित होने के क्या कारण हैं?

जब कानून मंत्री से मामलों के समाधान में देरी के कारणों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया कि लंबित मामलों के पीछे “भौतिक बुनियादी ढांचे और सहायक अदालती कर्मचारियों की उपलब्धता, शामिल तथ्यों की जटिलता, साक्ष्य की प्रकृति, हितधारकों जैसे बार, जांच एजेंसियों, गवाहों और वादियों का सहयोग और नियमों और प्रक्रियाओं का उचित अनुप्रयोग” जैसे मुद्दे शामिल हैं.

कानून मंत्री ने अपने जवाब में कहा, “आपराधिक मामलों के लंबित रहने की स्थिति में, आपराधिक न्याय प्रणाली विभिन्न एजेंसियों जैसे पुलिस, अभियोजन, फोरेंसिक लैब, हस्तलेखन विशेषज्ञ और मेडिको-लीगल विशेषज्ञों की सहायता पर काम करती है. संबद्ध एजेंसियों द्वारा सहायता प्रदान करने में देरी से मामलों के निपटारे में भी देरी होती है.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *