मानसून शुरू होते ही बिहार में कई पुल ध्वस्त हो गए. इसको लेकर नीतीश सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. वहीं, इस मामले को लेकर जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद संवाददाता सम्मेलन कर गुरुवार को कई जानकारी दी. उन्होंने बताया कि तीन और चार जुलाई के बीच सीवान एवं सारण जिले के छाड़ी/ गंडक पर अवस्थित पुल ध्वस्त हुए हैं. छाड़ी नदी पर अब आगमन सुनिश्चित करने के लिए नये पुल का निर्माण कार्य की स्वीकृति युद्ध स्तर पर एक सप्ताह के अंदर प्रदान की जाएगी और इन पुल के निर्माण पर होने वाले खर्च की वसूली पुल के निर्माण करने वाले संवेदक से की जाएगी.
आगे उन्होंने बताया कि इस पुल के निर्माण करने वाले अभियंता और संवेदक पर कड़ी करवाई होगी. जांच भी की जा रही है.
एक्शन में नीतीश सरकार
चैतन्य प्रसाद ने कहा कि पुल गिरने का जो मामला सामने आया है उससे यह प्रतीत हो रहा है कि निर्माण कार्य के दौरान संबंधित अभियंताओं ने इस नदी पर अवस्थित पुलिया को सुरक्षित रखने के लिए एहतियातन कदम नहीं उठाया है और पूरी तरह लापरवाही बरती गई है. साथ ही यह भी प्रतीत हो रहा है कि संरचनाओं में पिलर के समीप तकनीकी रूप से संतुष्ट होने के उपरांत ही खुदाई का काम किया जाना चाहिए था. जो इसके लिए प्रथम दृष्टया में इस कार्य को देखरेख करने वाले संबंधित अभियंता की जवाबदेही दिख रही है.
आगे उन्होंने कहा कि इन पुलिया को क्षतिग्रस्त होने के मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है. इसकी जांच का आदेश उड़न दस्ता संगठन को दिया गया है. इसमें संबंधित दोषी अभियंता और संवेदक के विरोध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
‘आवेदन पर मुख्यमंत्री ने लिया था संज्ञान’
विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा कि इस पुल का निर्माण माननीय मुख्यमंत्री ने 2023 में गोपालगंज जिला में किए गए समाधान यात्रा के दौरान आवेदनों के संज्ञान में लिया था और गोपालगंज-सीवान एवं सारण के 170 किलोमीटर की लंबाई और 19 मीटर की चौड़ाई और 3 मीटर के गाद निकासी के कार्य करने की योजना की स्वीकृति दी थी. जिसके लिए 69.89 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं और इसी निर्माण कार्य के लिए प्रस्तावित छाड़ी/गंडक नदी पर पुल निर्माण का कार्य किया जा रहा है.