हाथरस हादसे में पुलिस की जांच चल रही है. जांच के दौरान अभी तक जो भी खुलासे हुए हैं वो बेहद चौंकाने वाले हैं. भोले बाबा यानी विश्व साकार हरि भोले बाबा के प्रति उनके अनुयायियों में अटूट आस्था है. बाबा के कई भक्त तो ऐसे हैं कि वह इतना तक मान बैठे हैं कि बाबा के बहादुर नगर वाले आश्रम में लगे हैंड पंप से पानी की जगह अमृत निकलता है. इस पानी को पीने से कई तरह की बीमारी दूर हो जाती है. भक्त तो बाबा को भगवान कृष्ण का अवतार मानते हैं.
“लोगों ने बाबा को दान कर दी हैं अपनी जमीन”
बाबा के आश्रम तैनात सेवादार का मानना है कि आश्रम के हैंड पंप का पानी पीने से डेंगू जैसी बीमारी भी ठीक हो जाती है. इस आश्रम को लेकर बाबा के भक्तों में गजब की दीवानगी है. यही वजह है कि कई भक्तों ने तो आश्रम के लिए बाबा को अपनी जमीन तक दे दी है.
भक्तों में ये दीवानगी तो तब है जब बाबा कई वर्षों से इस आश्रम में नहीं गए हैं. बाबा के आश्रम में करीब 10 हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था है. आश्रम में पूरे साल भंडारा किया जाता है. मंगलवार का दिन आश्रम के लिए बेहद खास होता है, यही वजह है कि मंगलवार को यहां विशेष आयोजन किए जाते हैं.
हैंडपंप से पानी भरकर घर ले जाते हैं भक्त
बाबा के आश्रम में लगे हैंडपंप के पानी को भक्त इतना खास मानते हैं कि जो भी आश्रम में आता है वो यहां के पानी को बोतल में भरकर अपने घर ले जाता है. लोग इस पानी को पवित्र मानते हैं. भक्तों का मानना है कि जब डॉक्टर की कोई दवाई उनपर काम नहीं करती तो बाबा के आश्रम में आते हैं. यहां आने के बाद उन्हें आराम भी मिलता है और वो बीमारी भी दूर हो जाती है.
‘कृष्ण’ का अवतार हैं बाबा, उनकी कोई गलती नहीं
हाथरस सत्संग में घायल हुई एक महिला भक्त का मानना है कि भगदड़ भोले बाबा की वजह से नहीं हुआ है. महिला भक्त ने बताया कि जिस समय भगदड़ मची उस दौरान सब एक दूसरे के ऊपर गिर रहे थे. उस दौरान किसी को बचाने कोई सेवादार या पुलिस के जवान नहीं आया. मैं भी बेहोश हो गई थी. सत्संग वाले दिन जो कुछ हुआ उसमे बाबा कोई दोष नहीं है. बाबा तो भगवान कृष्ण के अवतार हैं.
पेपर लीक माफिया से ‘भोले बाबा’ का कनेक्शन
सूरज पाल उर्फ भोले बाबा के पेपर लीक माफिया से कनेक्शन के तार राजस्थान से जुड़ा है, जिस पेपर लीक माफिया के साथ ‘भोले बाबा’ का लिंक निकला है, उसका नाम हर्षवर्धन है. पता चला है कि राजस्थान के दौसा में भोले बाबा का जिस घर में दरबार लगता था वो इसी पेपरलीक माफिया हर्षवर्धन का था. भोले बाबा पेपर लीक माफिया हर्षवर्धन के मकान में हर 4 महीने में दरबार लगाता था. बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पर आते थे. सामने आया कि जहां बाबा नारायण हरि ने अपना अस्थाई डेरा बना रखा था, वो मकान हर्षवर्धन का ही था. इसी दरबार की आड़ में हर्षवर्धन पेपरलीक का रैकेट चलाता था.
…फिर बाबा का यहां नहीं लगा दरबार
पेपर लीक माफिया हर्षवर्धन काफी कुख्यात है. इस साल फरवरी में SOG ने उसके कई ठिकानों पर दबिश दी थी. तब SOG ने हर्षवर्धन के इस आवाज पर भी छापा मारा था, जहां भोले बाबा का दरबार लगता था. हालांकि हर्षवर्धन पर एसओजी के एक्शन के बाद यहां भोले बाबा का दरबार नहीं लगा. तभी से वो मकान सीज कर रखा है. हालांकि बताया जा रहा है कि यहां अभी टेंट लगे हुए हैं. बाहर एक बोर्ड लगा था जिस पर लिखा था ‘बाबा अभी निज प्रवास पर हैं.’भोले बाबा के दरबार की आड़ में पेपर लीक माफिया हर्षवर्धन कई अवैध काम करता था. इस प्रकरण के बाद से हर्षवर्धन अभी जेल में है.
हृदयविदारक है हाथरस कांड की घटना
बीते 2 जुलाई को हाथरस के सिकंदराराऊ गांव में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का सत्संग आयोजित हुआ था. बताया जाता है कि सत्संग करीब 2 घंटे चला था. सत्संग समापन के बाबा के भक्त अपने-अपने घर लौट रहे थे तभी भगदड़ मच गई. इसके बाद जो हुआ उसने पूरे देश की रूह कंपा दी. ऐसा हृदयविदारक हादसा हुआ कि 121 लोग काल के गाल में समा गए. मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थीं. किसी ने अपनी मां को खो दिया, तो किसी ने अपनी बहन को… उस दिन हाथरस में मौत का खौफनाक मातम पसरा हुआ था. हर ओर से मानो पीड़ितों की चित्कार की आवाज सुनाई दे रही थी. हादसे के बाद यूपी सरकार फुल एक्शन में है. सीएम योगी ने मामले की न्यायिक जांच का ऐलान किया है.
कौन है भोले बाबा?
बाबा को नारायण साकार हरि और साकार विश्व हरि जैसे नामों से जाना जाता है. बाबा का असली नाम सूरज पाल हैं. नारायण साकार हरि एटा जिले के बहादुर नगरी गांव का रहने वाला है. नारायण साकार हरि अपनी पत्नी के साथ सत्संग करते हैं. इनके सत्संग को मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम कहा जाता है.
बाबा खुद को इंटेलीजेंस ब्यूरो का पूर्व कर्मचारी बताते हैं. दावा है कि 26 साल पहले सरकारी नौकरी छोड़ वे प्रवचन करने लगे. सूत्रों की माने तो बाबा यूपी पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल था. उन पर बलात्कार का केस दर्ज हुआ था, जिसके बाद पुलिस विभाग ने उसे बर्खास्त कर दिया था. जेल से छूटने के बाद सूरज पाल बाबा बन गया.