राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है। सभापति जयदीप धनखड़ ने हाथरस हादसे में मारे गए लोगों के प्रति शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। पूरे सदन ने मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। धनखड़ ने कहा- ऐसे आयोजनों के लिए नियमावली बननी चाहिए। सांसदों से उन्होंने अपनी राय देने के लिए कहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देंगे। मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में 2 घंटे15 मिनट की स्पीच दी थी। इसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मुंह झूठ का खून लग गया है। प्रधानमंत्री के भाषण के बाद लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
PM ने कहा- कांग्रेस पार्टी 2024 से परजीवी पार्टी के रूप में जानी जाएगी। कांग्रेस जिसके साथ रहती है, उसी के वोट खा जाती है। मैं ऐसा आंकड़ों के आधार पर कह रहा हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी के ‘हिंदू हिंसक’ वाले कल के बयान पर कहा- ये गंभीर बात है कि हिंदुओं पर आरोप लगाने का झूठा षड्यंत्र हो रहा है। कल (1 जुलाई को) सदन में देवी-देवताओं की तस्वीरें दिखाई गईं। जिनका दर्शन किया जाता है, उनका प्रदर्शन नहीं किया जाता। अब हिंदू समाज को सोचना पड़ेगा कि क्या ये अपमान कोई संयोग है या बड़े प्रयोग की तैयारी है।
धनखड़ बोले- हाथरस जैसे हादसे रोकने के लिए नियमावली बने, सांसद इस पर राय दें
सभापति जयदीप धनखड़ ने हाथरस हादसे में मारे गए लोगों के प्रति शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। पूरे सदन ने मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। धनखड़ ने कहा- ऐसे आयोजनों के लिए नियमावली बननी चाहिए। सांसदों से उन्होंने अपनी राय देने के लिए कहा।
खड़गे बोले- ऐसे आयोजनों को व्यवस्थित करने के लिए कानून बनाएं
राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- हाथरस जैसा हादसा दुखद है। ऐसे आयोजनों को कराने के लिए कानून बनाना चाहिए। किस तरह से आयोजन हो, वहां क्या-क्या व्यवस्था हो, जिससे आयोजन हो सके। कई बाबा जेल में है। ऐसा कानून बनना चाहिए, जिससे अंध श्रद्धा पर रोक लगे। जो असली लोग है, उन्हें आने दो। जो नकली लोग हैं, वे आश्रम बनाकर लोगों को लूट रहे हैं।
लोकसभा के पहले सत्र में 7 बैठकें हुईं, लगभग 34 घंटे कार्यवाही चली
18वीं लोकसभा का पहला 2 जुलाई को खत्म हुआ। यह 24 जून को शुरू हुआ था। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि पहले सत्र में 7 बैठकें हुईं और लगभग 34 घंटे तक सदन की कार्यवाही चली। लोकसभा ने सत्र के दौरान 103% कार्य उत्पादकता दर्ज की गई।
27 जून को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर 18 घंटे से ज्यादा समय तक चर्चा चली। इसमें 68 सदस्यों ने भाग लिया। इसके अलावा 50 सदस्यों ने अपने भाषण दिए। 2 जुलाई को प्रधानमंत्री के जवाब के साथ धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा खत्म हुई।