बिहार के अधिकांश इलाकों में इन दिनों मॉनसून की झमाझम बारिश हो रही है. दरअसल जुलाई शुरू होते ही बिहार समेत अन्य प्रदेश में मॉनसून और अधिक मजबूत हो गया है. यही वजह है कि अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश हो रही है. बिहार की राजधानी पटना में भी अगले 72 घंटे में भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है. पटना ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों में जुलाई के पहले हफ्ते में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. वहीं बारिश के साथ ही तेज आंधी और ठनका गिरने की भी आशंका जताई गयी है.
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार उत्तरप्रदेश व बिहार के ऊपर एक चक्रवातीय परिसंचरण का क्षेत्र बना हुआ है. इनके प्रभाव से अगले तीन दिनों के दौरान राजधानी समेत प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भारी वर्षा होगी. मंगलवार को पटना सहित पूर्वी व पश्चिम चंपारण, किशनगंज में अति भारी वर्षा एवं सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सुपौल एवं अररिया में भारी वर्षा को लेकर चेतावनी जारी की गई है.
पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक कमल सिंह गुप्ता के अनुसार फिलहाल दो टर्फ रेखा एक्टिव है. इस वजह से मॉनसून की गतिविधियों को मदद मिल रही है. यही कारण है कि पूरे बिहार में भारी बारिश हो रही है. आज यानी 2 जुलाई को लखीसराय, जमुई और बांका में अति भारी वर्षा का पूर्वानुमान है. वहीं मुंगेर, शेखपुरा, नालंदा, पटना, जहानाबाद, सीवान और गोपालगंज में भारी बारिश का आसार है. इस दौरान इन जिलों में मेघगर्जन और ठनका गिरने की प्रबल संभावना है. इस वजह से सभी जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
इन जिलों में तेज बारिश का पूर्वानुमान
वहीं आज बिहार के पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, गया, नवादा, लखीसराय, बेगूसराय, खगड़िया, बांका और भागलपुर के अधिकांश जगहों पर तेज से अति तेज बारिश होने का पूर्वानुमान है. साथ ही सीतामढ़ी, शिवहर, मुज़फ्फरपुर, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, भोजपुर, बक्सर, अरवल, भभुआ, रोहतास और औरंगाबाद के अनेक स्थानों पर मध्यम से तेज बारिश होने की संभावना है.
समय को देखते हुए मौसम विभाग ने लोगों से आग्रह किया है कि वे सतर्क और सावधान रहें. यदि आप खुले में हो तो जल्द से जल्द किसी पक्के मकान की शरण लें. ऊंचे पेड़ और बिजली के खंभों से दूर रहें. किसान अपने खेतों में न जाए और मौसम सामान्य होने की प्रतीक्षा करें.
बारिश पर IMD की भविष्यवाणी
इस साल जून में पड़ी गर्मी ने 123 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया और अभी तक हुई बारिश ने भी लोगों को निराश ही किया है. हालांकि अब आईएमडी की भविष्यवाणी किसानों को खुश करने वाली है. मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में बताया है कि जुलाई के महीने में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, इस महीने में देशभर में करीब 106% बारिश दर्ज की जा सकती है.
मौसम विभाग की यह रिपोर्ट किसानों के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि वे खरीफ फसलों, खासकर धान जैसी फसलों की बुवाई की तैयारी में है, जिसे ज्यादा पानी की जरूरत होती है. इससे पहले उत्तर-पश्चिम भारत में जून का महीना असाधारण रूप से सूखा रहा, क्योंकि इस दौरान करीब 32.6% तक कम बारिश दर्ज की गई. इस दौरान लू के भी खूब थपेड़े चल और 123 सालों में सबसे गर्म जून दर्ज किया गया. जून में औसत मासिक तापमान सामान्य से करीब 1.65 डिग्री ज्यादा दर्ज किया गया.
वहीं जुलाई के लिए आईएमडी के पूर्वानुमान से पता चलता है कि पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में सामान्य से अधिक बारिश होगी. हालांकि मौसम विभाग ने इन इलाकों में बेहद तेज बारिश को लेकर भी चेतावनी भी दी है, जो विनाशकारी हो सकती है.
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में बाढ़ का खतरा
आईएमडी के महानिदेशक डॉ. एम. महापात्रा के अनुसार, जुलाई में अधिक बारिश से पश्चिमी हिमालयी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर और तलहटी राज्यों में नदी के बाढ़ आ सकती है. आईएमडी प्रमुख ने चेतावनी दी, ‘यह पूर्वानुमान निश्चित रूप से भारी बारिश की अधिक संभावना दिखाता है. पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में बादल फटने, भारी बारिश और भूस्खलन के कारण विनाशकारी प्रभाव देखने को मिल सकता है. साथ ही मध्य भारत के कुछ हिस्सों में गोदावरी, महानदी के आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश की उम्मीद है, इसलिए यहां बाढ़ की आशंका ज्यादा है. एजेंसियों को इसी हिसाब से आपदा प्रबंधन और बांध प्रबंधन किया जाना चाहिए.’
बिहार-यूपी में कैसी होगी बारिश?
हालांकि, बिहार-यूपी के अलावा पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में जुलाई महीने में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग ने बताया कि पूर्वोत्तर भारत के अलावा, पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों जैसे गोरखपुर, बिहार के पश्चिमी जिले, झारखंड में भी दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीपीय भारत और लद्दाख के कुछ हिस्सों के साथ-साथ सामान्य से कम बारिश हो सकती है.
जून महीने में भारत में लगभग 10.9% वर्षा की कमी दर्ज की गई, जिसमें उत्तर-पश्चिम भारत में सबसे अधिक 32.6% की कमी दर्ज की गई, उसके बाद मध्य भारत और पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत (लगभग 13%) का स्थान रहा. केवल दक्षिणी प्रायद्वीप में एलपीए से 14.2% अधिक बारिश हुई. हालांकि मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने गति पकड़ ली है और यह 8 जुलाई की अपनी सामान्य तिथि से पहले अगले दो-तीन दिनों में पूरे भारत को कवर कर लेगा.