संसद सत्र का सोमवार (1 जुलाई) को छठा दिन है। सत्र की शुरुआत में स्पीकर ने विपक्ष के स्थगन का प्रस्ताव खारिज कर दिया, इस पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। इससे पहले विभिन्न देशों के नेताओं के निधन पर शोक जताया गया। वहीं, टी-20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की जीत पर खुशी जताई गई।
देश में नई सरकार के गठन के बाद संसद का विशेष सत्र 24 जून से 3 जुलाई तक हो रहा है। सत्र में पहले लोकसभा के नवनिर्वाचित सांसदों का शपथ ग्रहण हुआ। इसके बाद संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण हुआ। हालांकि, इसके बाद नीट पेपर लीक के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों में ही विपक्ष की ओर से भारी हंगामा किया गया। माना जा रहा है कि विपक्ष की ओर से नीट और ईडी की कार्रवाई के मुद्दे पर आज भी हंगामा हो सकता है।
लोकसभा में NEET पर बहस की मांग पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- संसद की कार्यवाही कुछ नियमों और परंपराओं के आधार पर चलती है। मैं विपक्ष से अनुरोध करता हूं कि कोई भी चर्चा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के बाद ही की जानी चाहिए।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अभिभाषण तारीफ का पुल बांधने वाला था. उन्होंने कहा कि इसमें बुनियादी सुविधाओं को नजरअंदाज किया गया. खरगे ने कहा कि, राष्ट्रपति ने कहा कि हम साथ मिलकर काम करेंगे, लेकिन पिछले दस साल को देखेंगे तो पता लगेगा कि ये सिर्फ भाषण में ही है.
लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने कहा- सदन के बाहर कुछ सांसद आरोप लगाते हैं कि स्पीकर माइक बंद कर देते हैं। माइक का नियंत्रण कुर्सी पर बैठने वाले के हाथ में नहीं होता है।
राहुल गांधी ने NEET पर एक दिन चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा- यह लाखों छात्रों की समस्या है। इस पर स्पीकर ने कहा- राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर अभी आप भाग लें। इसके बीच न शून्यकाल होगा, न स्थगन प्रस्ताव होगा।
लोकसभा में इस समय संसदीय समितियों के गठन पर प्रस्ताव रखे जा रहे हैं। यह प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू रख रहे हैं।
नए कानूनों पर पुनर्विचार हो- राजीव शुक्ला
3 नए आपराधिक कानूनों पर कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, “विपक्ष की मांग है कि उसमें कई खंड ऐसे हैं जिन पर पुनर्विचार होना चाहिए लेकिन सरकार मान नहीं रही है और उसे लागू कर रही है।”
माइक का कंट्रोल मेरे हाथ में नहीं- ओम बिरला
लोकसभा में विपक्ष के विरोध के बीच स्पीकर ओम बिरला ने कहा, “सदन के बाहर कुछ सांसद आरोप लगाते हैं कि स्पीकर माइक बंद कर देते हैं। माइक का नियंत्रण कुर्सी पर बैठने वाले के हाथ में नहीं है।”
विपक्ष का वॉकआउट
हंगामे के बीच विपक्षी दलों के सांसदों ने निचले सदन लोकसभा से वॉकआउट कर दिया है।
इसी के साथ सदन में स्पीकर के चुनाव के बाद अब सत्ता पक्ष और विपक्ष डिप्टी स्पीकर के पद के लिए आमने-सामने आ गए हैं. विपक्ष ने भी डिप्टी स्पीकर के पद के लिए अपनी दावेदारी रखनी शुरू कर दी है. जिसे लेकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और ममता बनर्जी के बीच फोन पर बात होने की खबर है. सूत्रों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अयोध्या से समाजवादी पार्टी सांसद अवधेश प्रसाद को डिप्टी स्पीकर बनाने का प्रस्ताव रखा है. बता दें कि अवधेश प्रसाद दलित समुदाय से आते हैं. इससे पहले वह अयोध्या से विधायक थे.
गैर कांग्रेसी उम्मीदवार का रखा गया प्रस्ताव
बता दें कि लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को मिलने की परंपरा रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि अवधेश प्रसाद बीजेपी के लिए एक मुश्लिक भरा प्रस्ताव हैं. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने एक गैर कांग्रेसी विपक्षी उम्मीदवार का नाम आगे रखा है. आमतौर पर सत्ता पक्ष के पास लोकसभा स्पीकर का पद होता है, जबकि विपक्ष को डिप्टी स्पीकर का पद दिया जाता है. हालांकि 1990 से लेकर 2014 तक डिप्टी स्पीकर का पद भी सत्ता पक्ष के पास रहा. जबकि 2019 से 2024 तक लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का पद खाली रहा है.
अध्यक्ष के बराबर होती हैं डिप्टी स्पीकर की शक्तियां
लोकसभा के उपसभापति के पास अध्यक्ष के बराबर ही विधायी शक्तियां होती हैं. इसके अलावा उपसभापति मृत्यु, बीमारी या किसी अन्य कारण से अध्यक्ष की अनुपस्थिति में प्रशासनिक शक्तियां भी संभालता है. इसके साथ ही एक जवाबदेह लोकतांत्रिक संसद चलाने के लिए सत्ता पक्ष के साथ ही किसी अन्य पार्टी से लोकसभा का उपाध्यक्ष चुनना संसदीय परंपरा रही है. लेकिन पिछले पांच साल से खाली पड़े इस पद को इस बार भी भरने के कोई संकेत नहीं मिले हैं कि 18वीं लोकसभा में भी यह पद भरा जाएगा या नहीं. गौरतलब है कि 17वीं लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का पद खाली था. जो आजादी के बाद पहली बार हुआ था.