May 14, 2025

एक जुलाई से देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं। इसे लेकर बिहार पुलिस ने सभी तैयारियां पूरी कर लीं हैं। राज्य पुलिस मुख्यालय से दी गई जानकारी के मुताबिक इन तीनों कानूनों को लेकर राज्य के सभी थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा‚ जिसमें संबंधित धानाध्यक्ष स्थानीय नागरिकों को इन तीनों नये आपराधिक कानून की प्रमुख विशेषताओं की जानकारी देंगे।

थाने में पदस्थापित महिला पुलिस पदाधिकारियों द्वारा आमंत्रित नागरिकों को विशेष रूप से महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित प्रमुख प्रावधानों के बारे में अवगत कराया जाएगा। बिहार पुलिस की ओर से आपराधिक कानून में किये गये बडे बदलाव के संबंध में थानों को पुस्तिका उपलब्ध करायी गयी है। थानाध्यक्ष आमंत्रित नागरिकों को इसे उपलब्ध करायेंगे एवं इस संबंध में जानकारी देंगे। राज्य पुलिस मुख्यालय की मानें तो राज्य के २५००० पुलिस पदाधिकारियों को इस नये आपराधिक कानून‚ विधि विज्ञान एवं डिजिटल पुलिसिंग को लेकर प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण में पुलिस पदाधिकारियों को तीनों नये आपराधिक कानून क्रमशः भारतीय न्याय संहिता २०२३‚ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ और भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ की विस्तृत जानकारी दी गयी। पुराने कानून से नये कानून में हुए बदलाव‚ हर नये कानून की मुख्य विशेषताएं‚ जोडी एवं हटायी गयी महत्वपूर्ण धाराओं और पुराने कानून और नये कानून की धाराओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। नये अपराधिक कानून में किये गये बदलाव के अनुरूप ही बिहार पुलिस की वेबसाइट में भी बदलाव किया गया है। अब वेबसाइट पर तीनों आपराधिक कानून हिन्दी एवं अंग्रेजी वर्जन में उपलब्ध हैं।

पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन एवं डिजिटल पुलिसिंग को लेकर प्रत्येक जिले में मोबाइल फोरेंसिक साइंस यूनिट की व्यवस्था की गयी है तथा विधि–विज्ञान विशेषज्ञों की प्रतिनियुक्ति की गयी है। अब गंभीर घटना में फॉरेंसिक यूनिट विशेषज्ञों एवं उपकरणों के साथ घटनास्थल पर त्वरित पहुंच कर वीडि़योग्राफी एवं फोटोग्राफी के साथ ही अन्य वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन करेगी जिससे दोषियों को सजा मिल सकेगी। इससे बयान के आधार पर गलत दोषारोपण पर भी रोक लगेगी। इन तीनों नये कानूनों को लेकर नेशनल ऑटोमेटेड़ फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम की राष्ट्रीय ड़ाटाबेस जिसमें सभी गिरफ्तार व्यक्तियों के फिंगरप्रिंट उपलब्ध रहते हैं जिसे अब बिहार के प्रत्येक जिले में लागू कर दिया गया है। साथ ही अब प्रत्येक पुलिस पदाधिकारियों

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