April 19, 2025

जनता दल यूनाइटेड (जदयू) दिल्ली में 29 जून को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक करेगी। इसमें संगठन में बड़े बदलाव और बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे पर चर्चा होने की उम्मीद है। हाल ही में लोकसभा चुनाव में जदयू को मिली हार के बाद, और नीतीश कुमार के राजनीतिक भविष्य पर उठ रहे सवालों के बीच यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बैठक में पार्टी के सभी बड़े नेता- मंत्री, सांसद, विभिन्न राज्यों के अध्यक्ष शामिल होंगे। सवाल नीतीश के भविष्य पर भी उठ रहे हैं क्योंकि कहा जा रहा है कि उनकी उम्र उनका साथ नहीं दे रही, लेकिन अंदर की खबर तो नीचे है।

बॉस तो नीतीश कुमार ही रहेंगे- सूत्र

भले ही विरोधी या फिर सियासी गलियारे में नीतीश कुमार के भविष्य को लेकर फुसफुसाहट चल रही हो। लेकिन ये तय मान लीजिए कि 29 जून की बैठक के बाद भी जदयू के बॉस सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार ही रहेंगे। उनकी जगह लेने वाला फिलहाल कोई नहीं दिख रहा। ये जाहिर बात है कि जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष चाहे जो भी रहा हो, लेकिन फैसले नीतीश ही लेते रहे हैं। कुल मिलाकर लब्बोलुआब ये कि 29 की बैठक में भी फैसले नीतीश ही लेंगे। अब सवाल ये कि बैठक में होगा क्या?

इस बैठक से निकलेगा 2025 बिहार विधानसभा चुनाव का ब्लूप्रिंट- सूत्र

हमारे विश्वसनीय सूत्र ने बताया कि इस बैठक में जदयू अपने संगठन को मजबूत करने और आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी पर रणनीति बनाएगी। पार्टी लोकसभा चुनाव से अपनी कमियों की जड़ें तलाशेगी। यही नहीं इस प्रदर्शन की समीक्षा के बाद सभी कमजोर कड़ियों को सामने लाया जाएगा। अगर जरुरत पड़ी तो उन कड़ियों को हटाया भी जा सकता है। ऐसे में हो सकता है कि नीतीश अपने करीबी नेताओं को बड़ी जिम्मेवारी सौंपें।

लोकसभा की चार सीटों में ‘खेल’ पर भी होगी चर्चा

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव 2024 में जदयू को चार सीटों का नुकसान हुआ है। वहीं NDA को कुल 9 सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा। इस बैठक में इन चार सीटों पर हार को लेकर भी जदयू मंथन करेगी। बैठक में बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे या विशेष पैकेज की मांग को लेकर भी प्रस्ताव लाए जाने की बात भी कही जा रही है, हालांकि अप नीतीश के एनडीए में आने के बाद इसके उतने जोरदार तरीके से उठाए जाने की उम्मीद कम ही है।

29 जून को तय हो जाएगा बहुत कुछ

हमारे विश्वसनीय सूत्र ने बताया कि इस बैठक में भीतरघात पर भी चर्चा होनी तय है। माना जा रहा है कि NDA के कुछ नेताओं ने अंदर ही अंदर लोकसभा चुनाव में खेल किया। हालांकि ये अभी स्पष्ट नहीं है कि ऐसे कौन-कौन से लोग थे। चर्चा इस बात पर भी होगी कि लोकसभा चुनाव में लव-कुश वोटों ने एनडीए का शाहाबाद रेंज में साथ क्यों नहीं दिया? JDU का ये मानना है कि भले ही इसकी वजह से नुकसान उपेंद्र कुशवाहा और बीजेपी का हुआ, लेकिन खतरे की घंटी उसके लिए भी बज गई है। क्योंकि लवकुश वोट भी जदयू के आधार वोट माने जाते हैं। डर है कि लालू यादव की ये चाल 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में JDU को भी नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए समय रहते ही जदयू इस सियासी घाव का इलाज करने में लग गई है। लेकिन एक बात जान लीजिए कि नीतीश कुमार चौंकाने के लिए भी जाने जाते हैं, इसलिए दिल थाम कर 29 जून की शाम का इंतजार कीजिए। बड़ी खबर आने ही वाली है।

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