नीट पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी संजीव मुखिया की गिरफ्तारी को लेकर आज पटना हाई कोर्ट में अहम सुनवाई होगी। कोर्ट में आज की सुनवाई के बाद पता चल सकेगा कि संजीव मुखिया को नो कोर्सिव कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं) का लाभ मिलता रहेगा या नहीं।
संजीव मुखिया को निचली अदालत से मिली थी राहत
दरअसल पांच जून को ही संजीव मुखिया ने पटना के एडीजी-5 की कोर्ट से नौ कोर्सिव (कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं) का आदेश प्राप्त कर लिया था। इस आदेश के बाद अगले आदेश तक उसकी गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। पुलिस या सीबीआई अगले आदेश तक कोई एक्शन नहीं ले सकती।
संजीव का बेटी जेल में है बंद
पटना की एक अदालत आज मुखिया की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी। संजीव मुखिया का दामन पहले से ही दागदार रहा है। उसका बेटा शिव पहले से ही बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक में शामिल होने के आरोप में जेल में बंद है।
संजीव मुखिया कौन हैं?
संजीव मुखिया का असली नाम संजीव सिंह है जोकि बिहार के नालंदा जिले के नगरनौसा गांव का निवासी है। मुखिया नालंदा कॉलेज की नूरसराय शाखा में तकनीकी सहायक हैं। मुखिया पहले सबौर कृषि कॉलेज में काम कर चुका है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी पत्नी ममता देवी के भुतहाखार पंचायत के ‘मुखिया’ चुने जाने के बाद उन्हें ‘मुखिया’ के नाम से संबोधित किया जाने लगा। ममता ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में हरनौत सीट से एक क्षेत्रीय पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन असफल रहीं थीं।