April 25, 2025

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आज यानी 23 जून को होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातकोत्तर (NEET PG) परीक्षा स्थगित कर दी है. पुनर्निर्धारित तिथि की घोषणा जल्द ही की जाएगी. इसके अतिरिक्त, शिक्षा मंत्रालय ने NEET स्नातक (UG) परीक्षा 2024 में “अनियमितताओं” की जांच गहन जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी है.  देश के 6 शहरों में आज NEET-UG की परीक्षा दोबारा से कराई जा रही है। ये परीक्षा सिर्फ 1,563 उम्मीदवारों के लिए है। परीक्षा केंद्रों पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। दोबारा परीक्षा दोपहर 2 बजे से शाम 5:20 बजे तक आयोजित की जाएगी। NEET-UG री एग्जाम में सिर्फ वही उम्मीदवार शामिल हो हो रहें हैं, जिन्हें इस परीक्षा में ग्रेस मार्क्स मिले थे।

यूजीसी नेट और नीट परीक्षा घोटाले मामले में जांच की आंच नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और शिक्षा मंत्रालय तक पहुंच गई है. इस मामले में कुछ अधिकारियों से जांच एजेंसियां पूछताछ कर सकती है.

पेपर लीक में लगातार हो रहे आलोचनाओं के बीच केंद्र सरकार ने एक्शन लेते हुए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह को उनके पद से हटा दिया. यह निर्णय कथित परीक्षा “अनियमितताओं” को लेकर बढ़ते विवाद के बाद लिया गया है. प्रदीप सिंह खरोला को शिक्षा मंत्रालय के तहत NTA के महानिदेशक के रूप में अतिरिक्त जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं.

सौंपी गई शिक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट

पर लीक मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने अपनी जांच रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को सौंप दी है. EOU ने पैसे से जुड़े लेनदेन के सबूत, पकड़े गए 13 लोगो का कबूलनामा, इलेक्ट्रॉनिक एविडेन्स ओर फोन कॉल डिटेल्स जैसे अहम् सबूत भी रिपोर्ट के साथ दिए हैं. NEET मामले में बिहार से अब तक 24 लोगो की गिरफ्तारी.

NTA के तहत अब तक कौन सी परीक्षाएं प्रभावित हुई हैं?

NTA के तहत अब तक ये परीक्षाएं प्रभावित हुई हैं.

नीट-पीजी 2024: केंद्र ने आज के लिए निर्धारित परीक्षा को स्थगित कर दिया है। जल्द ही नई तिथि की घोषणा की जाएगी.

सीएसआईआर-यूजीसी-नेट 2024: मूल रूप से 25 और 27 जून के लिए निर्धारित इस परीक्षा को एनटीए ने “अपरिहार्य परिस्थितियों” और “लॉजिस्टिक मुद्दों” के कारण स्थगित कर दिया है. नई तिथि की घोषणा अभी बाकी है.

नेट-यूजीसी 2024: केंद्र ने परीक्षा की अखंडता से समझौता करने की रिपोर्ट के बाद 18 जून को आयोजित इस परीक्षा को रद्द कर दिया. जल्द ही नई परीक्षा तिथि की घोषणा की जाएगी.

नीट-यूजी 2024: नीट-यूजी 2024 परीक्षा के दौरान छह केंद्रों पर खोए समय की भरपाई के लिए छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स को लेकर विवाद खड़ा हो गया। केंद्र ने बाद में सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि इन ग्रेस मार्क्स को खत्म कर दिया जाएगा और 1,563 प्रभावित छात्रों को फिर से परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पुनः परीक्षा आज सात केंद्रों पर आयोजित की जाएगी.

नीट-पीजी परीक्षा स्थगित करना एक और घोटाला- लक्ष्य मित्तल

यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष लक्ष्य मित्तल ने शनिवार को नीट-पीजी परीक्षा स्थगित किए जाने को ‘एक और घोटाला’ बताया. उन्होंने कहा, “कल होने वाली नीट-पीजी परीक्षा को अंतिम समय में रद्द कर दिया गया है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि परीक्षा की सत्यनिष्ठा और संवेदनशीलता को देखते हुए इसे स्थगित किया गया है. नीट-यूजी के बाद यह एक और घोटाला है. अभ्यर्थी विभिन्न राज्यों में यात्रा कर रहे हैं और परीक्षा निर्धारित समय से 10 घंटे पहले इसे रद्द करना डॉक्टरों की भावनाओं से खेलने से कम नहीं है. नीट पीजी और नीट यूजी दोनों के संचालन अधिकारियों की जांच होनी चाहिए. भारत की चिकित्सा शिक्षा प्रणाली को बर्बाद कर दिया गया है. नीट-यूजी मामले की सीबीआई जांच एक सराहनीय कदम है.”

 

नीट पेपर लीक कांड की पूरे देश में चर्चा हो रही है. इस पर जमकर सियासत जारी है. इस प्रकरण के मुख्य आरोपी सिकंदर प्रसाद यादुवेंद्र के तार समस्तीपुर जिले से जुड़े हुए हैं. उसके परिवार ने बताया कि वह मैट्रिक बिथान प्रखंड का टॉपर रहा है. पढ़ने-लिखने में बहुत अच्छा था. परिजनों का कहना है कि उसे फंसाया जा रहा है. बता दें कि बीते चार सालों से वह अपने पैतृक गांव तक नहीं गया.

नीट पेपर लीक कांड का आरोपी सिकन्दर प्रसाद यादुवेंद्र मैट्रिक में बिथान प्रखंड का टॉपर था. वह समस्तीपुर जिले के बिथान थाना इलाके के पुसहो गांव का रहने वाला है. उसने साल 1984 में पी.एस.पी. हाई स्कूल बिथान से मैट्रिक परीक्षा पास की थी. मैट्रिक पास करने के बाद वह रांची गया. जहां पढ़ने के दौरान ठेकेदारी भी करने लगा.  गांव के लोगों की मानें तो साल 1990 – 92 में वह नौकरी के सिलसिले में पुसहो के ही महेंद्र नारायण मुखिया जो कि रांची में ही REO में जेई के पद पर थे. उनसे मिला और उन्होंने उसकी मदद की थी.

बताया जाता है कि साल 2012 के आसपास उसकी नौकरी लग गई. नौकरी लगने के बाद सिकंदर प्रसाद ने हसनपुर प्रखंड के परिदह में शादी की. उसके घरवालों और ग्रामीणों की मानें तो वह पढ़ाई के समय से ही गांव बहुत कम आया करता था. खास कर छठ पर्व में वह अक्सर घर आया करता था. लेकिन घर वालों ने बताया कि पिछले 4 साल से वह गांव नहीं आया है. गांव की सकरी गलियों से होकर उसके घर का रास्ता जाता है. जहां चार चक्का वाहन भी नहीं जाता. घर पर उसके बड़े भाई विवेकानंद यादव रहते हैं. जिनके तीन बेटे हैं और तीनों बेरोजगार हैं. गांव में ही खेतीबाड़ी करते हैं. सिकंदर के परिवार वालों का कहना है कि इस मामले में उसे फंसाया जा रहा है.

गौरतलब है कि नीट पेपर लीक मामले में आरोपियों ने अपना जुर्म स्वीकार किया है. जिसमें बताया गया है कि पेपर लीक हुआ था. आरोपियों के कबूलनामे के अनुसार इस पेपर लीक करने वाले गैंग ने परीक्षा से एक दिन पहले अभ्यर्थियों को प्रश्न और उत्तर रटवाए थे. आरोपी अनुराग यादव ने कबूल किया कि फूफा ने कहा था सेटिंग हो गई. उसे कोटा से बुलाया गया था. परीक्षा से ठीक 1 दिन पहले 4 मई को क्वेश्चन पेपर पहुंच गया था.

आखिर नालंदा ही क्यों? कल रंजीत डॉन, आज संजीव मुखिया…

NEET पेपर लीक मामले के अधिकांश तार एक बार फिर से बिहार नालंदा जिले से जुड़ रहे हैं. इस बारे में अधिक बात करें उससे पहले यह जानना जरूरी है कि बिहार का नालंदा कई मायनों में खास है. विश्व की सबसे प्राचीनतम विश्वविद्यालयों में शुमार नालंदा यूनिवर्सिटी भी इसी जिले में है, जिसका 815 सालों बाद जीर्णोद्धार हुआ. इसी हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन घर एक बार फिर से बिहार के पुराने गौरव को वापस लाने का काम किया है. वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला भी नालंदा ही है. वहीं पर्यटन के लिहाज से देश-दुनिया में खास पहचान रखने वाला राजगीर भी नालंदा जिले में ही है. वैसे तो ये सारी बातें कहीं न कहीं नालंदा की खूबसूरती को बयां करती है. लेकिन, इस बीच नालंदा को बदनाम करने वालों के कुछ ऐसे किस्से भी हैं जो बार-बार यही सवाल पैदा करता है कि आखिर नालंदा ही क्यों? दरअसल पेपर लीक का असल डॉन माना जाने वाला नालंदा निवासी रंजीत सिंह उर्फ रंजीत डॉन वह नाम है जो सीधे परीक्षा केंद्र ही खरीद लेता था. उसने कई लोगों डॉक्टर बनाया था. डॉक्टर ही नहीं इंजीनियर, पीओ बनाना सब उसके लिए बहुत आसान काम था.

वहीं अब नीट (NEET) परीक्षा 2024 पेपर लीक कांड के तार एक बार फिर से नालंदा जिले से जुड़े हैं. दरअसल नीट पेपर लीक का मास्टरमाइंड माना जाना वाला संजीव सिंह उर्फ संजीव मुखिया भी बिहार के नालंदा जिले का ही रहने वाला है. नीट पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड संजय मुखिया बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि नीट यूजी प्रश्न पत्र लीक मामले में इकोनामिक ऑफेंस यूनिट यानी इओयू (EOU) को एक और शख्स की तलाश है जिसका नाम संजीव मुखिया बताया जा रहा है. संजीव मुखिया मूल रूप से नालंदा के नगरनौसा का रहने वाला है. फिलहाल वह फरार चल रहा है.

संजीव मुखिया 2 दशकों से एक्टिव

संजीव मुखिया सॉल्वर गैंग का पुराना मेंबर रहा है. पिछले दो दशकों से वह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की सेटिंग में शामिल रहा है और पुलिस ने इस गिरफ्तार भी किया है. वह जेल की हवा भी खा चुका है. संजीव मुखिया का बेटा डॉक्टर शिव शिक्षक बहाली पेपर लीक मामले में फिलहाल जेल में बंद है. अब संजीव मुखिया कोर्ट से अग्रिम जमानत लेने की फिराक में लगा हुआ है. वकील के माध्यम से संजीव मुखिया ने पटना सदर के एसीजीएम 9 के कोर्ट में अर्जी दाखिल की है.

हालांकि कोर्ट में संजीव मुखिया ने कहा है कि नीट यूजी पेपर लीक मामले में उसे फसाने की कोशिश की जा रही है. संजीव मुखिया बिहार सरकार कहीं एक पुराना कर्मचारी रहा है. जानकारी के अनुसार वह लोअर डिविजनल क्लर्क के पद पर तैनात था. दरअसल संजीव मुखिया एक पुराना सेटर रहा है. वह पहले भी प्रश्न पत्र लिख मामले में जेल जा चुका है. सूत्रों की माने तो संजीव मुखिया का बेटा डॉक्टर है. वह भी सॉल्वर गैंग का एक्टिव मेंबर रहा है. हालांकि फिलहाल वह बिहार में शिक्षक बहाली परीक्षा पेपर लीक मामले में जेल में बंद है.

सभी 6 नालंदा के ही रहने वाले हैं

पेपर लीक कांड मामले में 6 लोगों को देवघर से गिरफ्तार किया गया है. इन युवकों में चिंटू कुमार उर्फ सिंटू, प्रशांत कुमार, पंकु कुमार, परमजीत सिंह, बालदेव सिंह व काजू कुमार शामिल हैं. सभी देवघर के झुन्नू सिंह के घर में मकान में किराए पर रहते थे. पकड़े गए युवकों में से एक गार्ड और वर्तमान में एम्स में कार्यरत है. गॉर्ड भी नालंदा का ही रहने वाला था और इन लोगों से पहले से परिचित था. गिरफ्तार सभी आरोपी नालंदा के रहने वाले हैं. ऐसे में अब यह भी सवाल उठने लगा है कि पेपर लीक कांड मामले में नालंदा का क्या कनेक्शन है. पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड माना जाना वाला संजीव मुखिया भी नालंदा का ही रहने वाला है.
बता दें कि रंजीत कुमार उर्फ सुमन कुमार सिंह को 26 नवंबर 2003 को सीबीआई द्वारा कथित रूप से कैट की परीक्षा के पेपरलीक करते हुए दिल्ली में गिरफ़्तार किया गया था. अप्रैल 2003 में हुए सीबीएसई मेडिकल की परीक्षा के पेपरलीक के मामले में भी रंजीत को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है. सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार 10 दिसंबर 2003 को रंजीत समेत 18 अन्य लोगों के खिलाफ़ केस नंबर RC- 24A/2003 के तहत आईपीसी की धारा 409 और प्रीवेंशन ऑफ़ करप्शन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है. जिसके लिए अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है. बताते चलें कि फ़र्जीवाड़ा राष्ट्रीय स्तर पर हुआ था. इसलिए मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी. जांच शुरू हुई तो एक बड़े सिंडिकेट का ख़ुलासा भी हुआ. जिसके किंगपिन बनाए गए बिहार के नालंदा ज़िले के हिलसा प्रखंड के रहने वाले डॉ रंजीत कुमार सिंह, उर्फ सुमन कुमार उर्फ रंजीत डॉन.

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