नीट पेपर लीक कांड मामले (NEET Paper Leak Case) की जांच कर रही बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के हाथ कुछ अहम सुराग लगे हैं. जैसे जैसे जांच आगे बढ़ रही है, पेपर लीक के तार आगे जुड़ते जा रहे हैं. अब जांच एजेंसी के निशाने पर दो और शख्स आए हैं.. और अभी तक हुई इन्वेस्टिगेशन के दौरान पेपर लीक में इन्हीं दोनों का नाम मुख्य रूप से सामने आ रहा है. जांच कह रही है कि बच्चों को प्रश्न पत्र उपलब्ध कराकर उनके आंसर रटाने वाले अमित आनंद और नीतीश तो बस प्यादे थे. मेन खिलाड़ी तो ये दोनों शख्स हैं.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी है के अनुसार, EOU के निशाने पर दो सेटर अतुल वत्सय और अंशुल सिंह भी आए हैं. ये दोनों वैशाली के रहने वाले बताए जा रहे हैं. जांच के दौरान इन दोनों के नाम मुख्य रूप से सामने आ रहा है. इसकी जांच EOU कर रही है. दोनों का नाम सामने आने के बाद जांच एजेंसी गहराई से इस बात की जांच में जुटी हुई है कि अतुल और अंशुल को पेपर पहले ही मिला. वो इसके आगे की कड़ी भी जोड़ने में जुटी हुई है.
पुलिस के सूत्र बता रहे हैं कि इन दोनों की शह पर ही अमित आनंद और नीतीश कुमार बिहार में प्रतियोगी परीक्षा में सेटर का काम किया करते. विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को मोटी रकम लेकर पास करवाने का काम ये लोग किया करते. अतुल वत्सय पिछले कई महीने से महाराष्ट्र के एक शहर में रह रहा है.
नीट पेपर लीक पर आई बड़ी खबर, रद्द होगी परीक्षा? सरकार ले सकती है फैसला
नीट यूजी के पेपर लीक होने के बाद से बवाल बढ़ता जा रहा है. एक तरफ जहां विपक्ष सरकार पर हमलावर हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ छात्र संगठन भी पेपर रद्द करने की मांग कर रहे हैं. इस बीच सूत्रों से बड़ी जानकारी मिली है कि केंद्र सरकार नीट की परीक्षा को रद्द कर सकती है. केद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बहुत जल्द परीक्षा रद्द करने का आदेश दे सकते हैं. धर्मेंद्र प्रधान के आदेश के बाद NTA नीट परीक्षा को रद्द करेगा. बिहार EOU की जांच से केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान काफी संतुष्ट हैं. आला पुलिस आधिकारिक सूत्रों से यह अहम जानकारी मिली है.
EOU के ADG और NTA के शीर्ष अधिकारी को एक साथ बैठाकर धर्मेंद्र प्रधान ने पूरे मामले पर बात की है. पेपर लीक की हर एक पहलू को समझा है और अब अंतिम निर्णय केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को ही लेना है. आज दोपहर में EOU के ADG नैय्यर हसनैन खान दिल्ली से पटना लौटेंगे. वहीं मामले में गिरफ्तार आरोपियों की नियमित जमानत अर्जी पर आज सुनवाई होगी. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में आज सुनवाई होगी. एक आरोपी द्वारा दायर अग्रीम जमानत अर्जी पर भी सुनवाई की जाएगी. बता दें कि पेपर लीक के आरोप में शास्त्रीनगर थाने की पुलिस ने 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सभी न्यायिक हिरासत में बेउर जेल में बंद हैं.
न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा नियमित जमानत अर्जी खारिज करने के बाद आरोपियों ने सेशन अदालत में नियमित अर्जी दायर की है. जो आरोपी गिरफ्तार हैं, उनमें सिंकदर यादवेन्दु, अमित आनंद, नीतिश कुमार, अखिलेश कुमार, शिवनंदन कुमार, आयुष राज, रीना कुमारी है. जिन्होंने नियमित जमानत अर्जी दायर की है. जबकि नीट पेपर लीक से जुड़े मामले में ही संजीव कुमार ने अग्रीम जमानत अर्जी दायर की है.
नीट पेपर लीक मामले में लगातार नई जानकारियां सामने आ रही हैं. साथ ही पुलिस द्वारा लोगों की गिरफ्तारी भी की जा रही है. इसी कड़ी में इस बार नीट का पेपर देने वाला छात्र अनुराग कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अनुराग मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर के हसनपुर थाना क्षेत्र के पीरदह गांव का रहने वाला है. उसके पिता का नाम संजीव कुमार है. इस मामले में कई और छात्रों के लिए गिरफ्तारी हुई है. साथ ही इस प्रकरण से जुड़े मामले को लेकर पूरे देश में पुलिस के द्वारा छापामारी की जा रही है. समस्तीपुर के रहने वाले अनुराग की गिरफ्तारी के बाद जब न्यूज़ 18 की टीम गांव में पहुंचकर लोगों से इस मामले पर उनकी राय जाननी चाही तो इस प्रश्न पत्र लीक मामले पर उनके द्वारा भी सवाल खड़ा किया गया और तो और अनुराग के साथ खेलने वाले उसके दोस्त ने भी इस पूरे प्रकरण पर सवाल खड़ा किया.
‘हमें अखबार और टीवी से पता चला’
ग्रामीण दिनेश ने कहा, ‘हम लोग अखबार में पढ़ते हैं, उससे जानते हैं. लेकिन हम लोगों को पूरा पता नहीं है कि कहां क्या होता है. ऐसे-ऐसे है 40 लाख.’ हालांकि ऑन कैमरा उन्होंने ज्यादा बातचीत नहीं की और इस मामले में बोलने से गुरेज किया. वहीं कुशो यादव से जब इस मामले पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘अरे गांव में जो हुआ, हम लोग तो खाली अखबार-टीवी में जो बोलते हैं, वहीं सुनते हैं. हम लोग तो अनपढ़ आदमी है, जो पढ़ा लिखा है वो ना समझेगा कि नीट बोलते हैं कि फीट बोलते हैं. गरीब का बच्चा कलेक्टर नहीं बनते, डीआईजी नहीं बनते और डॉक्टर नहीं बनते.’
‘पढ़ने वाले बच्चों का टूट जाता है मनोबल’
वहीं एक अन्य ग्रामीण से जब अनुराग की गिरफ्तारी पर सवाल किया गया तो कहा, ‘देखिए ये जो परिदा गांव के अनुराग हैं, जिनकी गिरफ्तारी हुई है नीट मामले में, इनके एक रिश्तेदार हैं विधान प्रखंड के ही हैं, हमको मीडिया से ही जानकारी मिली है कि उन्हीं के जरिए उनको नीट का प्रश्न पत्र मिला था. उसी में इनकी गिरफ्तारी हुई है, ये जो लड़का है, वो गांव कम आते थे. इनके पिताजी किसान परिवार से आते हैं. काफी मेहनत करके बेटा को पढ़ाया. उसके बाद वहां नीट की तैयारी कर रहे थे. लेकिन ऐसा होना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. क्योंकि जो मेधावी छात्र हैं उन लोगों का जो तैयारी कर रहे हैं, इस तरह से क्वेश्चन आउट होता रहा तो उनका सब्र टूट जाता है.’
साथ खेलने वाले दोस्त ने बताई बात
गांव के मनीष कुमार से जब इस मामले पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हमको इस बारे में जानकारी नहीं है और ना ही हम अनुराग यादव को जानते हैं. वहीं जब अनुराग के साथ खेलने वाले लड़के से इस मामले पर सवाल किया गया तो उसने कहा कि हां, इतनी जानकारी है कि उनकी गिरफ्तारी हुई है, पेपर लीक कराने में शायद उनके जीजा का हाथ था. घर उनका बहुत बढ़िया है, घर के लोग भी बढ़िया हैं. लेकिन इस तरह से पेपर लीक होने पर पढ़ने वाले छात्रों का मनोबल टूट जाता है.
नीट पेपर लीक में लगातार चल रही है जांच
दरअसल, नीट का रिजल्ट आने के बाद से ही बवाल मचा हुआ है. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है. साथ ही बिहार की आर्थिक अपराध शाखा (EOU) द्वारा जांच भी चल रही है. EOU ने कुल 9 अभ्यर्थियों को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसमें से केवल 2 अभ्यर्थी पहुंचे थे, जिनसे 2 घंटे तक पूछताछ चली थी. इस बीच पेपर लीक मामले ने अब राजनीति में भी एंट्री ले ली है और इसका तार बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के पीएस से जुड़ गए हैं.
EOU की जांच में चौंकाने वाले खुलासे
नीट पेपर लीक मामले में बिहार EOU की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है, उसके सामने नए-नए खुलासे आ रहे हैं. अब पेपर लीक कराने का यह जाल देशभर में फैलता दिख रहा है… जांच के दौरान EOU के हाथ जो नया फैक्ट लगा है, उसमें यह कड़ी अब बिहार से आगे निकलकर झारखंड तक जा पहुंची है. सूत्र बता रहे हैं कि केवल बिहार के पटना ही नहीं, नीट का क्वेश्चन पेपर लीक होकर एक दिन पहले झारखंड के रांची तक भी पहुंच गया था.
सूत्र बता रहे हैं कि रांची में भी कई परीक्षार्थियों के पास एक दिन पहले NEET का पेपर गया था. नीट पेपर लीक कांड में EOU की जांच गिरफ्तार आरोपितों और अभ्यर्थियों के आसपास ही घूम रही है. जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है गिरोह का नेटवर्क देशभर में फैला हुआ नज़र आ रहा है.
EOU सूत्रों से मिली जानकारी में पटना के अलावा रांची के कई अभ्यर्थियों के पास परीक्षा देने से एक रात पहले प्रश्नपत्र पहुंच गए थे. जांच में यह सामने आया है कि रांची शहर के कांके इलाके में रिंग रोड में एक से तीन मई के बीच कई अभ्यर्थियों और अभिभावकों बुलाया गया था.
सूत्रों के मुताबिक, यहां के एक होटल में पेपर लीक गिरोह के सदस्यों ने बैठक की थी. जांच में यह पता चला है कि नीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार अभ्यर्थी अभिषेक के पिता और सिकंदर भी उस बैठक में शामिल हुए थे. जांच में यह भी पता चला है कि सिकंदर का उस होटल में पहले से आना जाना था.