May 14, 2025

यूजीसी नेट परीक्षा के पेपर लीक मामले में एक बड़ा खुलासा सामने आया है. न्यूज18 इंडिया को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक यूजीसी नेट परीक्षा इसलिए रद्द हुई क्योंकि परीक्षा के दिन ही यानी 18 जून को ही यूजीसी नेट पेपर में गड़बड़ी का पता संबंधित एजेंसियों के सामने आ गया था. 18 जून को दोनों पारी की यूजीसी नेट परीक्षा के बाद शिक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय हरकत में आए और संबंधित एजेंसियों ने अपना काम करना शुरू कर दिया. भारत सरकार के गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर की नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स डिवीजन ने गड़बड़ियों की कई शिकायतों के मिलने के बाद अपनी तफ्तीश शुरू की.

उसकी जांच में ये सामने आया कि शिक्षण संस्थाओं के आनलाइन चैट फोरम पर यूजीसी नेट के क्वेश्चन पेपर और हल किए गए पेपर की कॉपियां मौजूद हैं और उनकी तादाद बहुत ज्यादा है. तुरंत ही इन गड़बड़ियों के बारे में गृह मंत्रालय को बताया गया. जिसके बाद गृह मंत्रालय ने यह जानकारी शिक्षा मंत्रालय से साझा की. फिर सारे पहलुओं का आकलन करने के बाद कल रात इस परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया है.

फिलहाल इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश तो कर दी गई है लेकिन शुरुआती तौर में जो जानकारी आई है, वह बेहद चौंकाने वाली है. सूत्रों के मुताबिक यूजीसी नेट परीक्षा लीक मामले में पूरी तरीके से सोशल मीडिया का सहारा लिया गया. चैट फोरम के अलावा इंक्रिप्टेड ग्रुप भी हैं जिनके जरिए क्वेश्चन पेपर की गोपनीय जानकारी साझा की गई. इस पूरे प्रकरण में शिक्षण संस्थाओं, ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इंक्रिप्टेड ग्रुप पहली नजर में पूरी तरीके से संदेह के घेरे में हैं.

सरकार ने क्यों रद्द की यूजीसी-नेट की परीक्षा
शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर की नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट से मिले इनपुट के आधार पर यूजीसी नेट परीक्षा 2024 को रद्द करने का फैसला किया गया। इनपुट में परीक्षा में धांधली होने का दावा किया गया। परीक्षा की नई तारीखों का एलान जल्द कर दिया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा ‘परीक्षा प्रक्रिया की सर्वोच्च स्तर की पारदर्शिता और पवित्रता बनाए रखने के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने फैसला किया है कि यूजीसी-नेट जून 2024 की परीक्षा को रद्द किया जाता है। नई परीक्षा कराई जाएगी और उसकी जानकारी जल्द साझा कर दी जाएगी। मामले की व्यापक जांच सीबीआई करेगी।’ यूजीसी-नेट परीक्षा, असिस्टेंट प्रोफेसर और जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए देना जरूरी है।

क्या है नेशनल टेस्टिंग एजेंसी
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एक स्वायत्त निकाय है, जो देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करती है। परीक्षा पेपर तैयार करने से लेकर इसे परीक्षा केंद्र तक वितरित करने और परीक्षा पेपर जांच की जिम्मेदारी भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ही संभालती है। केंद्र सरकार ने साल 2017 में इसका एलान किया था और दिसंबर 2018 में एनटीए ने पहली यूजीसी-नेट की परीक्षा कराई थी। यूजीसी-नेट, नीट के अलावा एनटीए इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेस एग्जामिनेशन (मेन) भी आयोजित कराती है। इसी परीक्षा के आधार पर देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों जैसे आईआईटी और एनआईटी में एडमिशन मिलते हैं। हालांकि जेईई मेन के बाद जेईई एडवांस्ड लेवल की परीक्षा कराई जाती है और इसका आयोजन रोटेशन प्रणाली के आधार पर आईआईटी संस्थानों द्वारा कराई जाती है। इनके अलावा एनटीए ही CMAT और GPAT जैसी परीक्षाएं भी आयोजित कराती है। सीमैट देश के प्रबंधन संस्थानों में एडमिशन के लिए और जीपैट फार्मेसी संस्थानों में मास्टर्स प्रोग्राम में दाखिले के लिए कराए जाते हैं।

फिलहाल एनटीए के प्रमुख यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार जोशी हैं। एनटीए की गवर्निंग बॉडी में अध्यक्ष समेत 14 लोग हैं। आईएएस अधिकारी सुबोध कुमार सिंह एनटीए के डायरेक्टर जनरल हैं। साथ ही जेईई एडवांस्ड लेवल परीक्षा पूर्व में कराने वाली और आगे कराने वाली आईआईटी के तीन निदेशक, सेंट्रल सीट एलोकेशन बोर्ड की पूर्व में अध्यक्षता करने वाले एनआईटी के दो निदेशक, कैट परीक्षा की पूर्व में अध्यक्षता करने वाले आईआईएम संस्थानों के दो निदेशक, रोटेशन के आधार पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन और रिसर्च इंस्टीट्यूट के एक-एक निदेशक, रोटेशन के आधार पर केंद्रीय विश्वविद्यालयों के एक प्रतिनिधि, इग्नू के वाइस चांसलर, नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल के अध्यक्ष, मनोविज्ञान के विशेषज्ञ डॉ. हरीश शेट्टी बोर्ड के सदस्यों में शामिल होते हैं।

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