राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि बिहार में 300 से ज्यादा किस्म के आम होते हैं। जर्दालु आम की विशिष्ट पहचान है। यहां आम की पैकेजिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग एवं प्रोसेसिंग की समुचित व्यवस्था हो। इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी। वे शनिवार को राजभवन में दो दिवसीय ‘बिहार आमोत्सव- 2024’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बिहार में कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए। ये पर्यावरण के अनुकूल भी होते हैं। राज्यपाल ने काला नमक चावल मैन के नाम से प्रसिद्ध पद्मश्री डॉ. आरसी चौधरी, किसान चाची के नाम से मशहूर पद्मश्री राजकुमारी देवी एवं मैंगो मैन के नाम से प्रसिद्ध अशोक चौधरी को सम्मानित किया।
समारोह को उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा एवं कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने भी संबोधित किया। इस दौरान मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, श्रवण कुमार व अन्य मौजूद थे। इस दौरान राज्यपाल ने आम प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इसे देखा, गोवा से लाए गए आम के पौधे को लगाया।
कार्यक्रम में किसान शामिल
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आम उत्पादक किसान, व्यापारी और आम के प्रेमी हिस्सा ले रहे हैं। आमोत्सव-2024 का उद्घाटन शनिवार को राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर द्वारा किया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा, “आम से मेरा प्यार बहुत पुराना है, गोवा जहां से मैं हूं, वहां का अल्फांजो और हापुस आम पूरी दुनिया में भारत की पहचान के तौर पर जाना जाता है | लेकिन जब मुझे बिहार आने पर जर्दालू आम दिया गया तो मैं इसके स्वाद से काफी प्रभावित हुआ। बिहार के प्रमुख आम जर्दालू, दीघा मालदह और दुधिया मालदह में वह क्षमता है कि यह भारत की पहचान के रूप में स्थापित हो सके।”
बिहार में विविधता-राज्यपाल
राज्यपाल ने आमोत्स्व-2024 के आयोजन के पीछे का मकसद बताते हुए कहा, “बिहार के आम का स्वाद बहुत अनोखा होता है और इसे उचित बाज़ार मिले तो निश्चित तौर पर आम उत्पादकों को बड़ा फायदा होगा।” उन्होंने कहा कि बिहार में अगर हम इंडस्ट्री लगाने की बात करते हैं तो वह इंडस्ट्री कृषि आधारित होना चाहिए। इस आम उत्सव में बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने अपने संबोधन में आम और भारतीय संस्कृति में अनूठे रिश्ते पर प्रकाश डाला और कहा कि आम प्रकृति का सबसे बड़ा उपहार और शास्त्रों में इसे अमृत फल के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने कहा कि बिहार में आमों की इतनी विविधताएं पायी जाती हैं, फिर भी बिहार का देश में आम उत्पादन में चौथा स्थान है। इस तरह के आयोजन से आम के उत्पादन और विपणन में बढ़ोतरी होगी और निश्चित तौर पर बिहार आम उत्पादन में प्रथम स्थान हासिल करेगा। कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि आम प्रदर्शन में 300 से अधिक किस्में और आम के विभिन्न उत्पाद प्रदर्शित किये गए हैं। यहां प्रदर्शित आम के विभिन्न उत्पादों में उद्यमिता की भरपूर क्षमता है। उन्होंने कहा कि बिहार में लगभग 1.6 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आम की खेती होती है और औसत उपज 9.7 टन प्रति हेक्टेयर है। इस महोत्सव में देश भर के उद्यान वैज्ञानिक भी शामिल हो रहे हैं। इससे पहले राज्यपाल द्वारा जर्दालू आम पर बनी लघु वृत्तचित्र और मैंगो पोर्टल का भी लोकार्पण किया गया।