लोकसभा चुनाव के बाद बिहार में राज्यसभा की 2 सीटें खाली हुई हैं। पाटलिपुत्र सीट से लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती ने बीजेपी के रामकृपाल यादव को हराया है, तो नवादा से विवेक ठाकुर चुनाव जीतकर लोकसभा सांसद बने हैं।
लालू की बड़ी बेटी मीसा भारती दो बार से पाटलिपुत्र सीट से हार रही थीं। पिता लालू यादव ने हारने पर मीसा भारती को दो बार राज्यसभा भेजा। अब सवाल ये कि क्या पाटलिपुत्र सीट से मीसा भारती के चुनाव जीतने के बाद खाली हुई राज्यसभा की सीट से क्या लालू यादव रोहिणी आचार्य को राज्यसभा भेज सकते हैं?
ये सवाल बहुत से लोगों के मन में है। दिक्कत यह है कि ज्यादातर लोग यही समझते हैं कि मीसा भारती राज्यसभा की सीट रोहिणी आचार्य को दी जा सकती है, लेकिन ऐसा नहीं है। ये तभी संभव हो सकता है, जब लालू प्रसाद कोई बड़ी डील नीतीश कुमार के साथ कर लें।
रोहिणी की वजह से पिता लालू को मिला जीवनदान
रोहिणी आचार्य की वजह से ही लालू यादव को जीवन दान मिला है। रोहिणी ने ही लालू प्रसाद को अपनी एक किडनी डोनेट की है।
लालू प्रसाद और रोहिणी आचार्य का सफल ऑपरेशन सिंगापुर में किया गया था। उसके बाद से कई मंचों से लालू प्रसाद बेटी रोहिणी की तारीफ कर चुके हैं।
किडनी ट्रांसप्लांट के बाद लालू प्रसाद की सेहत में भी काफी सुधार है। रोहिणी सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं। तीखे बयानों के लिए वे चर्चित रही हैं।
रोहिणी आचार्य ने सारण लोकसभा सीट पर दमदार तरीके से चुनाव भी लड़ा। उन्होंने 4 लाख 58 हजार 91 वोट हासिल किया। वह रूडी से महज 13 हजार 661 वोट से चुनाव हारीं। लालू प्रसाद ने कई दिनों तक सारण में कैंप भी किया था। रोहिणी तीन दिन पहले सिंगापुर के लिए रवाना हुई हैं।
मीसा 2 बार लोकसभा हारीं, लालू ने दोनों बार राज्यसभा भिजवाया
यहां याद कीजिए कि जब मीसा भारती दो बार लोकसभा का चुनाव 2014 और 2019 में हारी थीं, तब दोनों बार लालू प्रसाद ने उनको राज्य सभा भेजा था। वह आसानी से राज्य सभा चली गईं थीं। लेकिन, इस बार रोहिणी की हार के बाद राज्यसभा उपचुनाव में वे रोहिणी को राज्य सभा नहीं भेज पाएंगे।
राज्यसभा की दोनों सीटों पर अलग-अलग होंगे चुनाव
उपचुनाव में रोहिणी को राज्यसभा का चुनाव लड़ना पड़ेगा। नियमानुसार रोहिणी को सर्वाधिक विधायकों का समर्थन चाहिए होगा, जो मुश्किल दिख रहा है।
यहां समझने वाली बात यह है कि राज्यसभा चुनाव और राज्यसभा उपचुनाव के नियम अलग-अलग हैं। उपचुनाव में बहुमत से जीत-हार तय होती है। विवेक ठाकुर और मीसा भारती दोनों की खाली सीटों पर अलग-अलग उपचुनाव होंगे।
एक सीट का टर्म 2026 तो दूसरे का 2028 में खत्म होगा
बिहार में विवेक ठाकुर का राज्यसभा का टर्म 2026 में खत्म हो रहा है और मीसा भारती का अप्रैल 2028 में। इस पर उपचुनाव में चुने जाने वाले नए राज्य सभा सदस्य का टर्म इसी समय तक के लिए होगा।
NDA में इन दो नामों की चर्चा
ऐसे में जब रोहिणी आचार्य को लालू राज्यसभा नहीं भेज पाएंगे, तब एनडीए में किन दो नामों की चर्चा है। हमने इसे राजनीतिक हलके में टटोलने की कोशिश की तो दो नाम सामने आए। एक उपेन्द्र कुशवाहा का और दूसरा शाहनवाज हुसैन का। एक नाम रमा देवी का भी है।
इस बार वह शिवहर से चुनाव नहीं लड़ी थी। शिवहर की सीट जेडीयू के पास चला गई थी और वहां से लवली आनंद की जीत हुई है। लेकिन, ज्यादा चर्चा उपेन्द्र कुशवाहा और शहनवाज हुसैन के नाम की है। इसके भी कारण हैं।
एक सीट जदयू तो दूसरी बीजेपी के पास जा सकती है
दो खाली हो रही सीटों पर राज्यसभा उपचुनाव में एक जेडीयू के पास और दूसरी सीट बीजेपी के पास जाने की उम्मीद है। चर्चा इस बात की भी है कि नीतीश कुमार एक सीट पर उपेंद्र कुशवाहा को भेज सकते हैं।
उपेंद्र कुशवाहा ने काराकाट से लोकसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। दूसरी तरफ बीजेपी, विवेक ठाकुर से खाली हुई सीट पर शाहनवाज हुसैन को राज्यसभा भेज सकती है।
पहली वजह यह कि लालू प्रसाद के कुशवाहा कार्ड की वजह से एनडीए में खलबली है। नीतीश चाहते हैं कि कुशवाहा समाज में मैसेज दिया जाए।
दूसरी वजह ये है कि लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने किसी मुसलमान को टिकट नहीं दिया और न ही केंद्र की नई एनडीए सरकार में किसी मंत्रालय में जगह दी। इसे लेकर बीजेपी पर कई सवाल भी उठ रहे हैं।
राज्यसभा सांसद के लिए एनडीए का पलड़ा भारी
लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद बिहार में राज्यसभा की दो सीट खाली हुई है। इसमें एक राजद और एक बीजेपी कोटे के हैं, लेकिन राज्यसभा उपचुनाव में एनडीए का पलड़ा भारी दिख रहा है।
चुनाव आयोग राज्यसभा उपचुनाव को लेकर दो नोटिफिकेशन जारी करेगी। इससे विधानसभा के सभी सदस्यों को वोटिंग के लिए दो-दो बैलेट दिए जाएंगे और जिस प्रत्याशी के पास बहुमत होगा, वह विजयी होंगे।
बिहार विधानसभा में एनडीए के 128 विधायक और महागठबंधन के 115 विधायक हैं। एनडीए उपचुनाव में दो प्रत्याशी उतारती है तो दोनों को 128 वोट मिलेंगे। वहीं, महागठबंधन के प्रत्याशी को 115। इस स्थिति में एनडीए के प्रत्याशी का जीतना तय माना जा रहा है।
अगर लालू प्रसाद और नीतीश कुमार मीसा भारती की सीट पर रोहिणी के नाम पर आपस में सेटिंग करते हैं तो संभव है कि रोहिणी राज्यसभा चली जाएंगी, लेकिन अभी की राजनीतिक स्थिति में यह आसान नहीं।
अक्सर राज्यसभा उपचुनावों में सत्ता पक्ष का कब्जा होता है
वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं कि लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद राज्यसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। राज्यसभा की दो सीटें खाली हो रही हैं। मीसा भारती और विवेक ठाकुर के इस्तीफे के बाद दोनों सीटें भरी जाएंगी।
राज्यसभा के उपचुनावों में सत्ता पक्ष का ही कब्जा होता है। इसलिए ज्यादातर चुनाव की नौबत नहीं आती है। इस बार लालू प्रसाद यादव अपनी बेटी रोहिणी आचार्य को चुनाव लड़ा सकते हैं।
लालू प्रसाद एनडीए नेताओं से बात कर एक-एक सीट पर समझौता कर सकते हैं, नहीं तो वे वोटिंग की नौबत ला सकते हैं। स्थिति ऐसी है कि आरजेडी को राज्यसभा में जीत के लिए लगभग 8-10 और विधायकों की जरूरत होगी। अगर चुनाव होता है तो 10 विधायक इधर से उधर पाला बदल सकते हैं।