आज गंगा दशहरा पर तिथि, नक्षत्र, करण और चंद्रमा की स्थिति से शुभ योग बन रहा है। साथ ही पूरे दिन अमृतसिद्धि, सर्वार्थसिद्धि और रवियोग भी रहेंगे। जिससे स्नान-दान और गंगा पूजन का ये पर्व और भी खास हो गया है।
गंगा दशहरे पर देवी गंगा का पूजन किया जाता है और इस दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष में दशमी तिथि को मां गंगा अवतरित हुई थीं, इसलिए गंगा दशहरा मनाते हैं।
ये भी कहा जाता है कि गंगा दशहरे के दिन देवी गंगा की पूजा से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। इस दिन पूजा करते वक्त ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः मंत्र बोलें। साथ ही भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने का भी विधान है।
गंगा दशहरे का दिन सिद्ध मुहूर्त के समान शुभ फलकारी माना जाता है। इस दिन नई शुरुआत और खरीदारी से लंबे समय तक फायदा मिलता है। साथ ही ग्रंथों के मुताबिक इस दिन पानी, पंखा, खरबूजा, मटका और आम दान करने का भी विधान है।
मान्यता: 10 तरह के पाप खत्म होते हैं
डॉ. मिश्र ने बताया कि मान्यता है कि गंगा दशहरे पर गंगा नदी या गंगाजल से स्नान करने से 10 तरह के पाप खत्म होते हैं। इनमें 3 तरह के शारीरिक, वाणी से होने वाले 4 तक के पाप और 3 तरह के मानसिक पाप शामिल हैं, इसलिए हिंदू धर्म में कहा गया है कि जीवन में एक बार गंगा स्नान जरूर करना चाहिए। गंगा दशहरा के दिन दान करने का भी विशेष महत्व है। इस दिन गंगाजल का दान करने से महापुण्य मिलता है।
10 योग से बना दशहरा
ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार जब गंगा का अवतरण हुआ तब ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर बुधवार और हस्त नक्षत्र के साथ ही व्यतिपात योग, गर करण आनंद योग, चंद्रमा कन्या राशि और सूर्य वृष राशि में था।
ऐसे संयोग में गंगा पूजन और स्नान-दान से अक्षय पुण्य मिलता है। हालांकि ये संयोग बहुत दुर्लभ होता है। इस बार ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि, हस्त नक्षत्र, गर करण, कन्या राशि में चंद्रमा रहेगा।
ज्येष्ठ माह में गंगा दशहरा पर बक्सर का प्रमुख घाट रामरेखा घाट के अलावा विभिन्न घाटों पर गंगा में स्नान को लेकर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा हुआ है। जहां लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। बता दें कि रविवार भोर से ही गंगा तट श्रद्धालुओं से खचाखच भर हुआ है।
श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई और सूर्य नारायण को अर्घ देकर मां गंगा को पुष्प और दीप अर्पित कर अपने परिवार के कल्याण की कमाना की। इस दौरान स्थानीय गोताखोर के साथ ही गंगा घाटों पर भारी पुलिस बल भी तैनात रहा।
ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त
ट्रैफिक पुलिस की सतर्कता के चलते इस बार श्रद्धालुओं को जाम से फिलहाल मुक्ति दिखाया दे रहा है। जिससे श्रद्धालुओं के आवागमन में कोई रुकावट पैदा नहीं हो रही है। साथ ही गंगा घाट हर हर गंगे के जयकारों से गुंजायमान रहे। सबसे ज्यादा भीड़ बक्सर के रामरेखा घाट पर देखने को मिल रही है।
सुरक्षा को देखते हुए गंगा की गहराई होने पर खतरे का निशान लगाते हुए बैरिकेडिंग की गई थी। बोट में बैठकर पुलिस कर्मी व पीएसी की टीम ने श्रद्धालुओं पर कड़ी नजर बनाए हुए है। इस दौरान गंगा तट पर मेले जैसा नजारा दिखाई दिया। दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए तरह के दुकानें और खिलौने से पारा घाट परिसर सजा हुआ है।
गंगा दशहरा पर रामरेखा घाट पर काफी भीड़ हो गया। इस दौरान बच्चे और दूर दराज से आई महिलाएं अपनों के साथ से बिछड़ जाने के कारण परेशान दिखाई दिए। जिनके लिए वहा पर पुजारियों द्वारा खोया पाया केंद्र बनाया गया है। इस दौरान केंद्र पर खोए हुए बच्चों, महिलाओं और बड़ों को माइक से एलाउंस कर अपनों से मिलाने का काम किया जा रहा है। किसी का पायल पर्स भी गिरने पर उसे खोया पाया केंद्र तक पहुंचा, इसकी जानकारी भिड़ को देने का काम किया जा रहा है।
गंगा दशहरा के अवसर गंगा स्नान करने के लिए बेगूसराय के गंगा घाटों पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा पड़ा है। जिले के चमथा से लेकर साहेबपुर कमाल तक के घाटों पर अहले सुबह से ही दूर-दूर से आए श्रद्धालु गंगा स्नान कर रहे हैं।
सबसे अधिक भीड़ सिमरिया गंगा घाट पर उमड़ी हुई है। यहां रात से ही श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए जुटे हुए थे। सुबह 3:00 बजे से हर-हर गंगे के जयकारा के बीच स्नान का सिलसिला लगातार जारी है। यहां बिहार के विभिन्न जिलों के अलावा नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए आए हुए हैं।
अनुमान के मुताबिक दो लाख से अधिक श्रद्धालु यहां गंगा स्नान कर चुके हैं। हालांकि इस बार प्रशासनिक स्तर पर कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गई है, जिसके कारण श्रद्धालु भगवान भरोसे स्नान कर रहे हैं। यहां सबसे अधिक भीड़ मिथिला से क्षेत्र के श्रद्धालुओं की है।
ट्रेन बरौनी और सिमरिया पुल स्टेशन पर खाली हो जा रही
मिथिला-दरभंगा साइड से आने वाली सभी ट्रेन बरौनी और सिमरिया पुल स्टेशन पर खाली हो जा रही है। मगध क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में लोग जुटे हुए हैं। लोग गंगा स्नान के बाद गंगा पूजन कर विभिन्न मंदिरों में भी पूजा-अर्चना कर रहे हैं। इसके बाद गंगाजल लेकर प्रस्थान करते हैं।
गंगा दशहरा पर फतुहा और खुसरुपुर में लाखों श्रद्धालुओं ने मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने गंगा तट पर छोटे बच्चों का मुंडन कराया और गंगा पूजन भी किया। गंगा दशहरे का पर्व रविवार को धूमधाम से मनाया जा रहा है। वहीं, स्थानीय पुजारी सुबोधानंद पांडेय ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन मां गंगा भगवान शिव की जटाओं से पृथ्वी पर अवतरित हुईं थीं। इसी कारण आज के दिन गंगा स्नान करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
त्रिवेणी घाट पर सबसे ज्यादा भीड़
रविवार की सुबह 4 बजे ब्रह्म मुहूर्त में ही श्रद्धालुओं ने गंगा तट पर पहुंचकर स्नान शुरू कर दिया था। हालांकि, शनिवार की शाम से ही यहां श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। त्रिवेणी संगम घाट पर लगातार गंगा भक्तों की भीड़ पहुंच रही है और मां गंगा के जयघोष के साथ आस्था की डुबकी का क्रम चल रहा है। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए यहां पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद दिखी।
गंगा दशहरा पर्व पर त्रिवेणी संगम घाट, कटैया घाट, रायपुरा सीढ़ी घाट और मस्ताना घाट के तटों पर श्रद्धालुओं की जमघट लग रहा। स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं में इस्लामपुर, दनियावां,नगर नौसा, गया नवादा समेत आसपास के इलाकों के श्रद्धालुओं की संख्या सर्वाधिक रही।
सुरक्षा की भी पूरी व्यवस्था
खुसरूपुर के अंचल पदाधिकारी उत्तम राहुल ने भीड़ को लेकर एडवाइजरी जारी किया है। अलग-अलग गंगा घाटों पर नाविकों एवं गोताखोरों को तैनात किया है। सभी घाटों पर डॉ. अंजली की अगुआई में स्वास्थ्य कर्मियों को आवश्यक दवा एवं उपकरणों के साथ तैनात किया गया है। थानाध्यक्ष अरविंद कुमार ने भी सभी घाटों पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया है।