April 19, 2025

केंद्र में मंत्रिमंडल गठन के बाद विपक्ष लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर है. विपक्ष का कहना है कि बिहार के विशेष राज्य के दर्जे के लिए नीतीश कुमार को जोरदार तरीके से अपनी बात रखनी चाहिए. मंत्रीमंडल गठन में भी कोई अच्छा विभाग बिहार के सांसदों को नहीं मिला. इसे लेकर बुधवार (12 जून) को जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता हिमराज राम और अंजुम आरा ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर तेजस्वी यादव से सवाल पूछा. उन्होंने कहा कि जब 2004 की यूपीए सरकार में आरजेडी मजबूत स्थिति में थी, तब लालू प्रसाद यादव ने कभी बिहार के विकास की बात क्यों नहीं की. केंद्र से विशेष राज्य और जातिगत जनगणना की बात क्यों नहीं उठाई.

जेडीयू का लालू यादव पर हमला 

जेडीयू प्रदेश प्रवक्ता हिमराज ने कहा कि आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव यूपीए सरकार में गृहमंत्री बनना चाहते थे.  जेडीयू के नेताओं ने दावा किया है कि उस समय लालू यादव के पास 24 सांसद थे संख्या बल मजबूत थी उसके बावजूद लालू यादव स्पेशल स्टेट्स की मांग करने के बजाय गृह मंत्रालय के लिए अड़े हुए थे, हालांकि गृह मंत्रालय भी नहीं मिला और रेल मंत्री बनाया गया. जिसकी आड़ में  वो अपने नाबालिग बच्चों के लिए धन अर्जित कर रहे थे. उन्हें बिहार के विकास की चिंता नहीं थी, सिर्फ अपने परिवार के विकास की चिंता थी.

‘लालू ने विकास के मुद्दों को नहीं उठाया’

प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा कि यूपीए सरकार के फर्स्ट टर्म में बिहार के 12 मंत्री थे. इसके बावजूद बिहार से जुड़े कई अहम काम नहीं हुए. बिहार से जुड़े विकास के मुद्दों को जोरदार तरीके से नहीं उठाया गया. ना ही विशेष राज्य के दर्जे की मांग की गई ना ही जातीय जनगणना करवाई गई. जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि साल 2008 में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान लालू प्रसाद यादव ने यूपीए सरकार को गृह मंत्रालय के शर्त पर समर्थन दिया था, जबकि उन्हें विशेष राज्य के दर्जे की मांग करनी चाहिए थी. लालू यादव ने सिर्फ अपना स्वार्थ देखा बिहार के बारे में कोई बात नहीं की. आज ये लोग बिहार के विकास की बात करते हैं.

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