आज सुप्रीम कोर्ट में NEET को लेकर दूसरी याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें एनटीए ने कोर्ट से कहा वो नीट का एग्जाम दोबारा लेगा। यह सुनवाई छात्रों को मिले ग्रेस मार्क को लेकर की गई। NTA की तरफ से कहा गया कि 12 जून को हुई बैठक में छात्रों का डर दूर करने के लिए कुछ निर्णय किए गए हैं। आगे एनटीए ने स्पष्ट करते हुए कहा कि 1563 छात्रों के लिए 23 जून को दोबारा एग्जाम होगा यानी 1563 ग्रेस मार्क वाले छात्रों को ही दोबारा एग्जाम देना होगा।
केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा है कि 10, 11 और 12 तारीख को बैठक हुई थी। समिति ने सिफारिश की है कि 1563 उम्मीदवारों के नंबर रद्द कर दिए जाएंगे। केवल प्रभावित छात्रों के लिए ही दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आपकी बात NTA ने मान ली है। वो ग्रेस मार्क को हटा रहे हैं। एनटीए ने कहा कि 1563 उम्मीदवारों के लिए परीक्षा 23 जून को होगी और रिजल्ट 30 जून से पहले आएगा। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि केवल वो छात्र ही शामिल होंगे जिनको ग्रेस मार्किंग मिली थी।
याचिकाकर्ताओं ने काउंसलिंग पर रोक लगाने की भी मांग की है. संक्षेप में कहा जाए तो कोर्ट तीन याचिकाओं पर विचार कर रहा है, जिसमें अनियमितताओं और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा 1500 से अधिक उम्मीदवारों को “लॉस ऑफ टाइम” के आधार पर परीक्षा में ग्रेस मार्किंग देने के संबंध में संदेह जताने के लिए नीट यूजी 2024 के रिजल्टों को चुनौती दी गई है.
इनमें से एक याचिका फिजिक्स वाला के सीईओ अलख पांडे ने दायर की थी. दायर की गई याचिका में दावा किया था कि एनटीए का ग्रेस मार्क्स देने का फैसला “मनमाना” था. कथित तौर पर पांडे ने लगभग 20,000 छात्रों से प्रतिनिधित्व एकत्र किया, जिसमें दिखाया गया कि कम से कम 1,500 छात्रों को लगभग 70-80 अंक ग्रेस मार्क्स के रूप में दिए गए थे.
सुप्रीम कोर्ट में नीट यूजी परीक्षा को लेकर दूसरी याचिका एसआईओ के सदस्य अब्दुल्ला मोहम्मद फैज और डॉ. शेख रोशन मोहिद्दीन ने दायर की थी. दायर की गई इस याचिका में नीट-यूजी 2024 के रिजल्टों को वापस लेने और नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की मांग की गई थी. याचिकाकर्ताओं ने ग्रेस मार्क्स देने में मनमानी का आरोप लगाया गया है. इसमें बताया गया कि 720 में से 718 और 719 अंक (कई छात्रों द्वारा प्राप्त) “स्टैटिकली रूप से असंभव” थे.
इसके अलावा यह भी दावा किया गया कि एनटीए द्वारा ग्रेस मार्क्स देना कुछ छात्रों को “लॉस ऑफ टाइम” की भरपाई के बजाय “पिछले दरवाजे से प्रवेश” देने की एक दुर्भावनापूर्ण कवायद थी. याचिकाकर्ताओं ने इस तथ्य के बारे में भी संदेह जताया कि एक स्पेशल सेंटर से 67 छात्रों ने 720 अंकों में से 720 अंक प्राप्त किए हैं.
दायर की गई दूसरी याचिका में याचिकाकर्ताओं ने पेपर लीक के आरोपों की जांच पूरी होने तक NEET-UG 2024 प्रवेश के लिए आयोजित की जाने वाली काउंसलिंग पर रोक लगाने की भी मांग की है. उन्होंने परीक्षा के ऑपरेशन में कथित गड़बड़ियों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) के गठन की भी मांग की थी.
नीट यूजी को लेकर तीसरी याचिका नीट उम्मीदवार जरीपिति कार्तिक ने दायर की थी. इसमें परीक्षा के दौरान कथित रूप से लॉस ऑफ टाइम के लिए मुआवजे के रूप में ग्रेस मार्क्स दिए जाने को चुनौती दी गई थी.