9 जून को भले ही मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत हो गई है. लेकिन, इस बार के चुनाव में पिछले दो चुनावों की तरह किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. इसका एक कारण देश में बढ़ती महंगाई और बेरोजागारी को भी माना जा रहा है. ऐसे में नई गठित सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही होगी की इस बजट 2024-25 में कुछ ऐसे फैसले लिए जाए जिससे आम जनता को भी राहत मिल सके.
वित्त मंत्रालय की बागडोर फिर सभालेंगी
नई सरकार में भी वित्त मंत्रालय संभालने की जिम्मेदारी एक बार फिर से निर्मला सीतारमण को दी जाएगी. इसके आर्थिक एजेंडा में देश को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना और 2047 तक भारत को ‘विकसित राष्ट्र’ में बदलने के लिए सुधारों को तेज करने के कदम शामिल होंगे.
जानकारी के अनुसार, मंत्रालय ने बजट पर काम करना शुरू भी कर दिया है. इस बजट में खास तौर पर ध्यान रखा जाएगा कि सरकार इस बार वित्तीय घाटे को जीडीपी के 5.1 प्रतिशत तक ही रखेंगे या फिर आरबीआई की तरफ से 2.1 ट्रिलियन का जो लाभांश मिला है उससे वित्तीय घाटे का सुधार किया जाएगा.
इस बजट में क्या अलग देखने को मिल सकता है
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार बनी सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले Budget 2024-25 में इस बार क्या-क्या अलग हो सकता है. हालांकि कयास इस बात के भी हैं कि गठबंधन का असर बजट पर भी देखने को मिल सकता है.
लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि अगर उनकी सरकार तीसरी बार सत्ता में आती है तो उनकी प्राथमिकता अर्थव्यवस्था (Indian Economy) होगी. फिलहाल सरकार इकनॉमी की रफ्तार को लेकर अपने कदम पीछे खींचने के मूड में बिल्कुल भी नजर नहीं आ रही है.
पीएम मोदी ने चुनावी नतीजों के बाद भी जनता को संबोधित करते हुए भी कहा था कि उनकी पार्टी का लक्ष्य भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बनाना और 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का है. इस बार के पूर्ण बजट में मोदी सरकार देश की महिलाओं, किसानों और युवाओं के लिए कुछ नए और बड़े ऐलान कर सकती है.
अंतरिम बजट में किए गए बड़े ऐलान
फरवरी 2024 के अंतरिम बजट में पीएम आवास के तहत तीन करोड़ घर बनाए गए, अगले पांच साल में ग्रामीण क्षेत्रों में 2 करोड़ और घर बनाए जाएंगे. अंतरिम बजट में भारत में बढ़ रहे सर्वाइकल कैंसर के लिए टीकाकरण को बढ़ावा दिए जाने की बात कही गई, इसके तहत 9-14 साल के बच्चियों को मुफ्त टीका लगाने की बात कही गई थी.
फरवरी 2024 में लखपति दीदी के लक्ष्य को बढ़ाकर 3 करोड़ किए जाने का लक्ष्य तय किया गया. अब तक देश में 1 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाया गया है. इसके अलावा पीएम गति शक्ति योजना के तहत 3 नए कॉरिडोर बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया था, इसके अलावा आने वाले 10 सालों में एयरपोर्ट की संख्या 149 तक हो गई है. वंदे भारत की 40,000 बोगियां अपग्रेड होंगी. मेट्रो और नमो भारत को अन्य शहरों से जोड़ा जाएगा.
आगामी बजट में कौन-से सेक्टर्स पर रहेगी नई सरकार की नजर
अब जब इस चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं आए हैं. तो पूर्ण बजट में खासा लोकलुभावन होने की उम्मीद जताई जा रही है. इस पूर्ण बजट में आम आदमी को टैक्स पर राहत मिल सकती है, इसके अलावा देश के किसानों के लिए खास ऐलान किया जा सकते हैं.
पीएम उज्ज्वला योजना के जैसी कई और योजनाओं की घोषणा की जा सकती है. हालांकि, इन सबके साथ ही मोदी सरकार इकोनॉमी की रफ्तार को बनाए रखने के लिए इंफ्रास्ट्रक्टर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर अपना फोकस बनाए रख सकती है.
मंहगाई पर होगा फोकस
नई सरकार इस बजट में महंगाई को कम करने को लेकर भी बड़े फैसले ले सकती है. दरअसल देश में बढ़ रही महंगाई आम जनता की जेब पर बोझ बढ़ता है. चुनाव प्रचार के दौरान भी इस मुद्दे को जमकर उठाया गया था. ऐसे में सरकार इस बजट में खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए कदम उठा सकती है.
देश में एजुकेशन सेक्टर को मजबूत और बेहतर बनाना भी बेहद जरूरी है. इसके मद्दे नजर केंद्र सरकार शिक्षा के बजट को बढ़ा सकती है ताकि सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके. पूर्ण बजट में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी योजनाएं शुरू की जा सकती है, जिससे ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों के बच्चे भी ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकें.
देश के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर यानी बुनियादी ढांचे का विकास भी काफी महत्वपूर्ण है. ऐसे में पूर्ण बजट में सरकार सड़कों, पुलों, और रेल नेटवर्क के निर्माण का बजट और ज्यादा कर सकती है. इस फैसले से न सिर्फ परिवहन सुविधाएं बेहतर होंगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे.
पूर्ण बजट में रियल एस्टेट सेक्टर पर भी ध्यान दिया जाएगा. इस क्षेत्र से भी जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं. सबसे पहले, यह क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा है और लाखों लोगों को रोजगार देता है। इसलिए, इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार कुछ खास कदम उठा सकती है.
इन मुद्दों पर रहेगी दुनिया की नजर
देश में कर राजस्व में उछाल के बाद भी गैर-कर राजस्व एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. इसका एक कारण ये भी है कि लोग स्ट्रैटजिक इंवेस्टमेंट पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते है. शिपिंग कॉरपोरेशन, एनएमडीसी स्टील लिमिटेड, बीईएमएल, पीडीआईएल और एचएलएल लाइफकेयर सहित कई केंद्रीय सार्वजनिक उद्यमों की रणनीतिक बिक्री अभी प्रक्रिया में है.
पिछले कुछ सालों में बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के मोर्चे पर भी सरकार को काफी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में इस बजट में बैंकिंग सेक्टर्स को लेकर बड़े लेने की भी उम्मीद है.