छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही में एक बड़ी राजनीतिक भविष्यवाणी की है. उन्होंने दावा किया है कि छह महीने या एक साल के भीतर देश में मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं. यह दावा उन्होंने तब किया है जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बहुमत का आंकड़ा छूने में असफल रही है और सहयोगी दलों के समर्थन से सरकार बनाने की कोशिश कर रही है. बघेल ने अपने कार्यकर्ताओं से तैयार रहने का आह्वान किया है.
मध्यावधि चुनाव की संभावना
भूपेश बघेल ने कहा, ”कार्यकर्ता साथी तैयार रहें. 6 महीने-1 साल के भीतर मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं.” उन्होंने यह बात बीजेपी के प्रमुख नेताओं की वर्तमान राजनीतिक स्थिति को देखते हुए कही. उनके अनुसार, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस इस्तीफा देने की पेशकश कर चुके हैं और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी भी अस्थिर है. इसके अलावा, अन्य बीजेपी नेताओं की स्थिति भी डगमगाई हुई दिख रही है.
राहुल गांधी के मुद्दों पर जोर
भूपेश बघेल ने जदयू के प्रवक्ता द्वारा अग्निवीर योजना रद्द करने और जातिगत जनगणना की मांग को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा, ”ये सब वो मुद्दे हैं जो राहुल गांधी जी लेकर चले हैं.” इस प्रकार, बघेल ने राहुल गांधी की विचारधारा और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों को जनता के सामने प्रमुखता से रखने की कोशिश की है.
पीएम मोदी पर तीखा हमला
वहीं आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, ”ऊंट अब पहाड़ के नीचे आ चुका है. दिन में तीन कपड़े बदलने वाले अब एक ही कपड़े में तीन कार्यक्रम निपटा रहे हैं. खाने-पीने, पहनने-ओढ़ने की अब सुध नहीं है.” इस बयान से बघेल ने यह संकेत दिया कि पीएम मोदी की लोकप्रियता में गिरावट आई है और उनकी राजनीति की दिशा भी कमजोर होती दिख रही है.
बीजेपी के प्रदर्शन पर तंज
बीजेपी के बहुमत न पाने पर भूपेश बघेल ने तंज कसते हुए कहा, ”पार्टी तोड़ने, चुने हुए मुख्यमंत्रियों को जेल में डालने, डराने-धमकाने वालों को जनता ने अच्छा सबक सिखाया है.” उनका यह बयान बीजेपी की चुनावी रणनीतियों और राजनीतिक गतिविधियों पर सीधा हमला है. महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में बीजेपी का प्रदर्शन पिछले चुनाव के मुकाबले काफी निराशाजनक रहा है, जिसे लेकर बघेल ने अपनी बात रखी.
कांग्रेस की स्थिति
भूपेश बघेल ने कांग्रेस के प्रदर्शन में सुधार की ओर भी इशारा किया, लेकिन यह भी स्वीकार किया कि कई राज्यों में पार्टी अपना खाता नहीं खोल पाई है या केवल एक सीट ही जीत पाई है. खुद बघेल भी राजनांदगांव सीट से हार गए हैं, लेकिन उन्होंने अपने बयान में कांग्रेस की स्थिति को सुधारने पर जोर दिया.
महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की स्थिति
वहीं महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन पार्टी ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी का प्रदर्शन पिछले चुनाव के मुकाबले कमजोर रहा है. इन दोनों राज्यों में बीजेपी की स्थिति को देखकर ही बघेल ने मध्यावधि चुनाव की संभावना जताई है.