देश की संसद में एक बार फिर सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की गई. इस मामले में तीन मजदूरों को गिरफ्तार किया गया है. तीनों ने एक ही आधार कार्ड का उपयोग करके संसद भवन में एंट्री ली थी. सूत्रों के मुताबिक 4 जून को आईजी-3 गेट के माध्यम से जिसमें मोनिस और कासिम ने व्यक्तिगत फोटो के साथ एक ही आधार कार्ड नंबर-763767140501 नंबर दिखाया गया था.
प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्होंने साजिश के तहत ये जाली दस्तावेज तैयार किए और उन्हें असली के रूप में इस्तेमाल किया. संसद की सुरक्षा टीम ने जब इनके दस्तावेज चेक किए तो एक ही आधार नंबर अलग अलग लोगों की फोटो मिली जिसके बाद उनसे पूछताछ की गई है. सभी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
इस तरीके से संसद में घुसने की हुई थी कोशिश
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने बताया कि इनकी पहचान कासिम, मोनिस और शोएब के रूप में हुई है. तीनों पर जालसाजी और धोखाधड़ी से संबंधित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. 4 जून को CISF ने तीन मजदूरों को पकड़ा गया जिसके बाद उन्हें पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया. सूत्रों के मुताबिक 4 मई दोपहर 1:30 मिनट पर गेट नंबर 3 से खुद को फर्जी आधार कार्ड के ज़रिए घुसने की कोशिश की गई.
पिछले साल भी हुई थी संसद की सुरक्षा में चूक
बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब संसद की सुरक्षा में इस तरह की सेंध मारी की कोशिश की गए हो. इससे पहले पिछले साल ऐसा ही एक मामला सामने आया था. जब पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था. दरअसल, पिछले साल 13 दिसंबर को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए. उसके बाद दोनों ने केन के जरिए सदन में धुआं फैला दिया था.
इस दौरान नीलम आजाद और शिंदे ने संसद परिसर में नारेबाजी की. पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनके नाम मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम, ललित झा और महेश कुमावत हैं. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले में कल यानी गुरुवार (6 जून) को ही सभी छह आरोपियों पर सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है.