April 19, 2025

लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Elections 2024) के एग्जिट पोल के नतीजे आने के बाद सोमवार को भारतीय शेयर बाजार (Share Market) रिकॉर्ड तेजी के साथ खुला. बाजार खुलते ही सेंसेक्स में 2600 पॉइंट्स और निफ्टी 600 पॉइंट्स की बंपर तेजी के साथ ट्रेड कर रहे हैं. बता दें, एग्जिट पोल में भाजपा की भारी जीत का अनुमान लगाया गया था, जबकि शुक्रवार को जीडीपी के आंकड़े उम्मीद से बेहतर आए हैं.

एग्जिट पोल के नतीजे आने के बाद दिग्‍गज बाजार विशेषज्ञों ने बाजार में शानदार तेजी आने की भविष्‍यवाणी की थी. जो आज सच हो गई है. उनका कहना था‍ कि सोमवार को शेयरों और सूचकांकों में जोरदार बढ़त देखने को मिलेगी.

एक्‍सपर्ट सुशील केडिया ने तो एग्जिट पोल के परिणामों के दम पर ही सोमवार, 3 जून को शेयर बाजार में ‘तेजी का विस्‍फोट’ होने की भविष्‍यवाणी की थी. केडिया ने कहा था कि अधिकांश शेयर सप्ताह भर में 20 फीसदी तक बढ़ सकते हैं. जिन शेयरों को लेकर अब तक अनुमान लगाया गया है कि वे अगले तीन या छह महीनों में कमजोर स्थिति में रहेंगे, वे भी अब तेजी से बढ़ सकते हैं.

इन स्टॉक्स में हलचल

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ( एनएसई) के निफ्टी 50 इंडेक्स पर अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड, अडानी एंटरप्राइजेज, श्रीराम फाइनेंस, पावर ग्रिड कॉर्ड और एनटीपीसी सबसे ज्यादा फायदे में कारोबार करते दिखे, जबकि आयशर मोटर्स निफ्टी 50 इंडेक्स पर एकमात्र पिछड़ा हुआ शेयर रहा। बीते 1 जून को अधिकांश एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाला एनडीए 2024 के लोकसभा चुनाव में 543 में से 350 से अधिक सीटें जीत सकता है। निवेशकों ने अलग-अलग सेक्टर में जमकर खरीदारी की और मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक भी लगभग 4 प्रतिशत की बढ़त के साथ नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए।

कंपनियों का बाजार पूंजीकरण बढ़ा

इस बीच, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 11.1 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 423.21 लाख करोड़ रुपये हो गया। 4 जून यानी मंगलवार को लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने वाले हैं। इससे पहले बाजार में निवेशकों का भरोसा काफी मजबूत दिखाई दे रहा है। बता दें, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 31 मई को 1,613.24 करोड़ रुपये मूल्य के भारतीय इक्विटी खरीदे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने महीने के आखिरी दिन 2,114.17 करोड़ रुपये मूल्य के इक्विटी खरीदे।  निवेशकों को उम्मीद है कि मोदी आर्थिक वृद्धि को जारी रखने के लिए बुनियादी ढांचे और विनिर्माण पर खर्च करेंगे।

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