लोकसभा चुनाव संपन्न हो गया है. अब इंतजार है चुनाव परिणाम का जिस पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई है. लेकिन, इंतजार के ठीक पहले तमाम चैनलों के एग्जिट पोल ने जो अनुमान जताए हैं, उसके बाद से बिहार के सियासी हलके में हलचल तेज कर दी है. इसी हलचल के बीच एक नेता की चर्चा खूब हो रही है और वह हैं चिराग पासवान. दरअसल चिराग पासवान को अब बिहार का नया मौसम वैज्ञानिक बताया जा रहा है, जिन्होंने चुनाव के पहले ही परिणाम को भाप लिया था और उसी के हिसाब से अपनी राजनीतिक चाल चली जिसका उन्हें फायदा भी मिलते दिख रहा है.
दरअसल तमाम एग्जिट पोल ने जब आंकड़े देने शुरू किए तो बिहार के नंबर ने लोगों को थोड़ा चौंकाया. अधिकांश एग्जिट पोल के मुताबिक एननडीए (NDA) बिहार में लगभग 32 से लेकर 36 सीटें जीत सकती है. लेकिन, जब इस आंकड़े में पार्टी के हिसाब से आंकड़े जारी किए गए तब लोजपा रामविलास यानी चिराग पासवान की पार्टी के आंकड़ों ने राजनीतिक दलों और राजनीतिक जानकारो को भी थोड़ा चौंकाया. इसकी वजह यह रही कि एग्जिट पोल के अनुसार जदयू और बीजेपी की सीट भी घटती दिखी. लेकिन, चिराग पासवान को अधिकांश एग्जिट पोल में सबसे अधिक सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा है.
चिराग ने काफी पहल से शुरू कर दी थी तैयारी
इस बारे में राजनीतिक जानकार रवि उपाध्याय कहते हैं कि लोकसभा चुनाव के काफी पहले जब नीतीश कुमार एनडीए के साथ नहीं भी आए थे तभी से चिराग पासवान बीजेपी के नजदीक होने लगे थे और लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी. बीजेपी के साथ आने के बावजूद जब उनके चाचा पशुपति कुमार पारस उनके विरोध में थे तब भी वो उन सीटों पर तैयारी शुरू कर चुके थे जो उनके चाचा के पास थे और आखिरकार सीट शेयरिंग में उनकी बात भी मान ली गयी. बीजेपी ने चिराग की मनपसंद उन तमाम सीटों पर उम्मीदवार उतारने का सहमति दे दी.
नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतार किया हैरान
वहीं एक समय ऐसा भी आया जब चिराग पासवान को लेकर चर्चा होने लगी कि चाचा की वजह से वो बीजेपी से दूर हो सकते हैं और तब आरजेडी से भी उनके संपर्क की चर्चा होनी शुरू हो गयी थी. लेकिन, चिराग ने समय के नब्ज को पकड़ बीजेपी का साथ पकड़ लिया. चिराग ने काफी पहले से ही उन सीटों पर तैयारी शुरू कर दी थी. चिराग ने अपनी अधिकांश सीटों पर नए चेहरे उतार राजनीतिक जानकारों को भी हैरान कर दिया. लेकिन, चिराग का ये दांव कम करता दिख रहा है.