45 घंटे की कड़ी तपस्या, न खाना खाएंगे और न बोलेंगे, सिर्फ नारियल का जूस और तरल आहार लेंगे…यह प्रण लिया है देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, जो 3 दिन की आध्यात्मिक यात्रा पर चले गए हैं। 4 जून को लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना से ठीक पहले PM मोदी की यह संकल्प पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। वे बीते दिन कन्याकुमारी पहुंचे और रॉक मेमोरियल पहुंचे।
वे तिरुवनंतपुरम से कन्याकुमारी हेलिकॉप्टर में पहुंचे और सड़क के रास्ते ध्यान मंडपम रॉक मेमोरियल तक गए। यहां सबसे पहले उन्होंने भगवती देवी अम्मान मंदिर के दर्शन किए। अपना संकल्प शुरू करते हुए पूर्जा अर्चना की। इस दौरान उन्होंने साउथ इंडिया में पहनी जाने वाली पारंपरिक ड्रेस सफेद मुंडु पहनी, जो लुंगी की तरह पहनी जाती है। दक्षिण भारत की संस्कृतक का प्रतीक शॉल ओढ़ा। इस दौरान वे काफी शांत नजर आए।
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आखिरी चरण का चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है। 1 जून 2024 को चुनाव के सातवें फेज के लिए वोटिंग होगी। इस बीच अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार खत्म कर के कन्याकुमारी पहुंच चुके हैं। कार्यक्रम के अनुसार, पीएम मोदी विवेकानंद रॉक मेमोरियल पहुंचे हैं। वह यहां 30 मई की शाम से 1 जून की शाम तक ध्यान मंडपम में ध्यान करने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी अब ध्यान मुद्रा में बैठ चुके हैं।
कन्याकुमारी में समुद्र के बीचोंबीच स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल में पीएम मोदी की ध्यान मुद्रा में बैठी हुई तस्वीरें सामने आ गई हैं। पीएम मोदी यहां पर ध्यान मुद्रा में बैठे हुए हैं।
45 घंटे तक नहीं खाएंगे अन्न
पीएम मोदी ने विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान शुरू कर दिया है। पीएम के शेड्यूल के मुताबिक, वह अब 45 घंटे तक कुछ भी अन्न नहीं खाएंगे। वह इस पूरे कार्यक्रम के दौरान केवल तरल आहार ग्रहण करेंगे। जानकारी के मुताबिक, वह ध्यान कक्ष से बाहर नहीं निकलेंगे और मौन रहेंगे। वह 1 जून की शाम तक ध्यान मंडपम में ध्यान करेंगे।
पीएम मोदी की निजी यात्रा- अन्नामलाई
ध्यान लगाना शुरू करने से पहले, मोदी कुछ देर के लिए मंडप की ओर जाने वाली सीढ़ियों पर खड़े रहे। पीएम मोदी एक जून को अपनी रवानगी से पहले स्मारक के पास तमिल कवि तिरुवल्लुवर की प्रतिमा को देखने के लिए भी जा सकते हैं। भाजपा नेता अन्नामलाई ने पत्रकारों से बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा को पूरी तरह से निजी यात्रा बताया है।
ध्यान यात्रा करने पर चुनावी कानून के तहत कोई रोक नहीं
चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री की ध्यान यात्रा करने पर चुनावी कानून के तहत कोई रोक नहीं है। चुनाव आयोग ने इसी तरह की अनुमति 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी PM को दी थी। कांग्रेस ने 29 मई को आरोप लगाया था कि PM की ध्यान यात्रा आचार संहिता का उल्लंघन है।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि मोदी के ध्यान को मीडिया में प्रसारित नहीं होने दिया जाए। हालांकि, जानकार सूत्रों ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 का हवाला दिया। इसमें मौन अवधि (साइलेंट टाइम) के दौरान जनसभा या चुनाव प्रचार पर रोक का जिक्र है।
वोटिंग खत्म होने से 48 घंटे पहले साइलेंट टाइम शुरू हो जाता है। लोकसभा चुनाव में आखिरी फेज का चुनाव प्रचार 30 की शाम 5 बजे खत्म हो चुका है। इस फेज में 1 जून को वाराणसी सीट में भी वोटिंग होगी। जानकारों के मुताबिक, इस कानून में वह क्षेत्र ही आता है, जहां वोटिंग होना है।
एक दिन पहले देवी अम्मन मंदिर में पूजा की
कन्याकुमारी पहुंचकर पीएम ने सबसे पहले भगवती देवी अम्मन मंदिर में दर्शन-पूजन किया। पूजा के दौरान मोदी ने सफेद मुंडु (दक्षिण भारत का एक परिधान) और शॉल पहना था। पुजारियों ने उनसे विशेष आरती कराई। प्रसाद, शॉल और देवी की तस्वीर दी।
कड़ी सुरक्षा तैनात
पीएम मोदी की इस यात्रा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उनके प्रवास के दौरान दो हजार पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। इसके साथ ही भारतीय तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना भी कड़ी निगरानी रखेगी। यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री इस स्मारक पर ठहरेंगे। यह स्मारक स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि स्वरूप बनाया गया है। यह स्मारक समुद्र के बीच में स्थित है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 3 दिन प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा का जिम्मा 2 हजार पुलिस कर्मी ने उठाया है। 3 दिन के लिए रॉक मेमोरियल और इसके आस-पास के टूरिस्ट प्लेस को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। पुलिस जवानों के अलावा ड्रोन से एरिया की निगरानी की जाएगी। कोस्टल सिक्योरिटी टीम, कोस्ट गार्ड और इंडियन नेवी समुद्र के बीच से प्रधानमंत्री मोदी की निगरानी करेगी।
पूरा मंडपम इतनी कड़ी सुरक्षा में है कि परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा। मछुआरों और नौकायन करने वालों को भी समुद्र तट तक आने की परमिशन नहीं होगी। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के समय भी आखिरी चरण का चुनाव प्रचार खत्म होते ही वे केदारनाथ चले गए थे, जहां करीब 17 घंटे वे रुद्र गुफा में ध्यान में लीन हुए थे।
शिला पर बैठकर ध्यान लगाएंगे PM मोदी
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी उस शिला पर बैठकर ध्यान लगाएंगे, जिस पर बैठकर 1892 में स्वामी विवेकानंद ने मेडिटेशन किया था। रॉक मेमोरियल और भी कई कारणों से खास है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी स्थान पर मां पार्वती ने एक पैर पर खड़े होकर ध्यान लगाया था और भगवान शिव का आह्वान किया था। कन्याकुमारी देश का दक्षिणी किनारा है, जहां भारत का पूर्वी और पश्चिमी तट मिलता है। यहां बंगाल की खाड़ी, अरब और हिंद महासागर का मिलन भी होता है।