लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में 57 लोकसभा सीटों के लिए 1 जून को मतदान होना है। पीएम मोदी का ये कन्याकुमारी दौरा आज 30 मई से 1 जून तक का होगा। वह 2019 में आखिरी फेज की वोटिंग के पहले केदारनाथ गए थे। वोटों की गिनती से पहले उन्होंने केदारनाथ मंदिर में पूजा-पाठ किया था।
पीएम मोदी के 30 मई से कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 48 घंटे के ध्यान कार्यक्रम पर कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाए हैं। पार्टी ने आरोप लगाया कि ये चुनाव आचार संहिता का सीधा-सीधा उल्लंघन है। चुनाव प्रचार थमने के बाद मोदी ध्यान के जरिये चुनावी प्रतिबंधों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए आज 30 मई की शाम को प्रचार थम जाएगा। आखिरी फेज की वोटिंग के पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आध्यात्मिक प्रवास के लिए 30 मई को तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले में प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल जाएंगे। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने मंगलवार को यह जानकारी दी। बीजेपी नेता ने बताया कि प्रधानमंत्री के गुरुवार शाम को कन्याकुमारी के तट पर समुद्र के बीच तमिल संत तिरुवल्लुवर की अखंड प्रतिमा के करीब स्थित सुरम्य वीआरएम में आने की संभावना है। जिसके बाद वह 1 जून को दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। भाजपा नेता ने बताया, ‘‘उनकी इस यात्रा का पार्टी से जुड़े किसी कार्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है।’’
कैसा रहेगा पीएम मोदी का कार्यक्रम?
पीएम मोदी का ये कन्याकुमारी दौरा 30 मई से 1 जून तक का होगा। पीएम मोदी विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर 30 मई की शाम से 1 जून की शाम तक ध्यान करेंगे। वह रॉक मेमोरियल के उसी पत्थर पर ध्यान लगाएंगे, जहां स्वामी विवेकानंद ने ध्यान लगाया था।
आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार इससे पहले आज 30 मई को सुबह 11 बजे पीएम मोदी होशियारपुर में चुनावी सभा को संबोधित किये। इसके बाद वे तमिलनाडु जाएंगे और वहीं रात में विश्राम करेंगे।
स्वामी विवेकानंद को कन्याकुमारी में हुए थे भारत माता के दर्शन
बता दें कि कन्याकुमारी वह स्थान है जहां स्वामी विवेकानंद को भारत माता के दर्शन हुए थे। इस शिला का स्वामी विवेकानंद के जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ा। लोगों का मानना है कि जैसे सारनाथ गौतम बुद्ध के जीवन में विशेष स्थान रखता है, वैसे ही यह चट्टान स्वामी विवेकानंद के जीवन में भी वैसा ही स्थान रखती थी। स्वामी विवेकानंद देशभर में भ्रमण के बाद यहां पहुंचे और तीन दिनों तक तपस्या की और विकसित भारत का सपना देखा।
उसी स्थान पर ध्यान करना स्वामी जी के विकसित भारत के दृष्टिकोण को जीवन में लाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। शास्त्रों के अनुसार, माना जाता है कि देवी पार्वती भी उसी स्थान पर एक पैर पर बैठकर भगवान शिव की प्रतीक्षा करती रहीं थी। कन्याकुमारी भारत का सबसे दक्षिणी छोर है। इसके अलावा, यह वह स्थान है जहां भारत की पूर्वी और पश्चिमी तटरेखाएं मिलती हैं। यह हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के मिलने का सेंटर प्वाइंट भी है।
2019 में रुद्र गुफा में लगाया था 17 घंटे ध्यान
लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में 57 लोकसभा सीटों के लिए 1 जून को मतदान होना है। इन सीटों के लिए चुनाव प्रचार 30 मई की शाम 5 बजे थम जाएगा। मोदी 2019 में आखिरी फेज की वोटिंग के पहले केदारनाथ गए थे। वोटों की गिनती से पहले उन्होंने केदारनाथ मंदिर में पूजा-पाठ किया था। जब पीएम मोदी ने वहां हिमालय में 11,700 फीट ऊपर बनी रुद्र गुफा में 17 घंटे ध्यान लगाया था।
विपक्ष को है एतराज
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 30 मई से कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 48 घंटे के ध्यान कार्यक्रम पर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने आरोप लगाया कि ये चुनाव आचार संहिता का सीधा-सीधा उल्लंघन है। चुनाव प्रचार थमने के बाद मोदी ध्यान के जरिये चुनावी प्रतिबंधों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या कहता है कानून?
चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री के ध्यान लगाने के कार्यक्रम पर चुनाव कानून के तहत कोई रोक नहीं है। कांग्रेस द्वारा 30 मई से कन्याकुमारी के ध्यान मंडपम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रस्तावित यात्रा के विरोध के बीच सरकारी सूत्रों ने बुधवार को यह बात कही। सूत्रों ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 का हवाला देते हुए कहा कि यह मतदान से पहले साइलेंस पीरियड के दौरान सार्वजनिक बैठकों या जनता के बीच चुनाव प्रचार पर रोक लगाती है। साइलेंस पीरियड मतदान समाप्त होने से 48 घंटे पहले शुरू होता है। अंतिम चरण में एक जून को होने वाले मतदान के लिए साइलेंस पीरियड गुरुवार को शाम छह बजे से शुरू होगा।