लोकसभा चुनाव के आखिर चरण में बिहार की काराकाट लोकसभा सीट पर चुनाव होने वाला है. इस बार बिहार का काराकाट सीट काफी हॉट लोकसभा सीट बना हुआ है. इस सीट पर भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री के सुपर स्टार पवन सिंह भी निर्दलीय चुनावी मैदान में है. वहीं एनडीए की ओर से उपेंद्र कुशवाहा एक बार फिर से ताल ठोक रहे हैं. जबकि महागठबंधन से सीपीआईएम के उम्मीदवार राजाराम सिंह (कुशवाहा) चुनावी मैदान में है. वहीं काराकाट चुनाव से पहले रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उपेन्द्र कुशवाहा के समर्थन में एक रैली को संबोधित करते हुए बड़ा इशारा किया है. अब उनकी बातों के कई राजनीतिक मतलब निकाले जा रहे हैं.
दरअसल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक रैली को संबोधित करते हुए उपेन्द्र कुशवाह को लेकर कहा कि काराकाट से उपेंद्र कुशवाहा को जीत दिलवाइए, इनको बड़ा आदमी बनाना मेरा काम है. अमित शाह ने इसके साथ ये भी कहा कि काराकाट को माले वालों से बचाना है तो एक ही विकल्प है. एनडीए के प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा. जाहिर है अमित शाह का इशारा साफ था कि उपेन्द्र कुशवाहा अगर चुनाव जीतते है और केंद्र में एनडीए की सरकार बनती है तो उपेन्द्र कुशवाह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलने वाली है.
अमित शाह के इस बयान से माना जा रहा है कि वह मतदाताओं को साफ-साफ संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि वहां के लोग वो सिर्फ एक सांसद नहीं चुनने वाले है बल्कि एक केंद्रीय मंत्री को चुनने के लिए वोट करने वाले हैं. अमित शाह के इस बयान से साफ है कि निर्दलीय पवन सिंह को लेकर जो काराकाट में एक जाति विशेष में उत्साह की बात जो आ रही है उससे उपेन्द्र कुशवाह का नुकसान हो रहा है. यह उस वोटर को मैसेज देने की कवायद मानी जा रही है जो एनडीए के वोटर माने जाते हैं.
वहीं इस बारे में बिहार के पत्रकार कहते हैं कि काराकाट में मुकाबला त्रिकोणीय है. यहां जातीय गणित ऐसा है जिससे काराकाट की लड़ाई और उलझ गयी है. उपेन्द्र कुशवाहा के सामने माले उम्मीदवार के तौर पर जो खड़ा है राजा राम सिंह वो भी कुशवाहा जाति से ही आते है जो उपेन्द्र कुशवाह के कोर वोटर पर निशाना साधे हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ पवन सिंह राजपूत जाति से आते हैं जो एनडीए के कोर वोटर माने जाते हैं. इसी को तोड़ने के लिए और उपेन्द्र कुशवाह के जीत को आसान बनाने के लिए अमित शाह के इस बयान का अर्थ निकाला जा सकता है कि उपेन्द्र कुशवाहा को जाति के चश्मे से ना देखे बल्कि एक केंद्रीय मंत्री के तौर पर देखे और वोट करें.