हमास के खिलाफ जंग में इजरायल की सनक अब साफ दिखने लगी है. हजारों कत्लेआम के बाद भी गाजा पट्टी की धरती खून की प्यासी है. इजरायल ने हमास को खत्म करने की कसम खाई है. मगर उसकी यह कसम अब सनक बनती जा रही है. इजरायली सैनिकों की गोलियां और बम अब हमास के आतंकियों और आम नागरिकों में भेद नहीं कर रहे हैं. हमास के आतंकियों के खात्मे की बात तक दुनिया एक हद तक चुप थी. मगर अब फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत से दुनिया परेशान है. यही वजह है कि इजरायल की अब जग हंसाई होने लगी है. उसके अपने साथी भी गाजा और राफा में इजरायली कत्लेआम के खिलाफ खुलकर बोलने लगे हैं. एक ओर जहां इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने इजरायल को राफा में जंग रोकने को कहा है, वहीं अब बेंजामिन नेतन्याहू को अपनी गलती का एहसास होने लगा है.
दरअसल, 27 मई को गाजा के साउथ सिटी राफा में विस्थापित फिलिस्तीनियों के लिए बने तंबुओं पर इजरायली सैनिकों ने हमला कर दिया था. इस हमले में 45 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए और 250 से अधिक घायल हुए. राफा में मचे इस कत्लेआम को लेकर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को गलती का एहसास हुआ है. बेंजामिन नेतन्याहू ने राफा में हुए इस इजरायली हमले को ‘दुखद गलती’ बताया है. इससे पहले भी इजरायल की गोलियों से कई आम नागरिकों की मौत हुई है, मगर बेंजामिन नेतन्याहू ने कभी खुलकर अपनी गलती नहीं मानी. मगर इस बार जिस तरह से उन्होंने खुलकर इस हमले को दुखत गलती करार दिया है, वह संकेत देता है कि उनके तेवर अब नरम पड़ने लगे हैं.
इजरायल की हो रही जग हंसाई
राफा गाजा पट्टी का एक दक्षिणी शहर है. इसकी सीमा मिस्र से लगती है. गाजा की आधी आबादी राफा में ही रहती है. गाजा के अन्य हिस्सों से विस्थापितों ने यहीं शरण लिया है. राफा में बीते कुछ समय से अपनी सैन्य कार्रवाई तेज कर दी है. राफा में इजरायली सैनिकों के एक्शन की गूंज अब पूरी दुनिया में सुनाई देने लगी है. राफा में ताबड़तोड़ हमले और आम नागरिकों की मौत के बाद इजरायल को इंटरनेशनल लेवल पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. उसकी अब खूब जग हंसाई हो रही है. नागरिकों की मौत पर तो अमेरिका भी उसके खिलाफ हो चला है. समय-समय पर अमेरिका ने गाजा में आम नागरिकों की सुरक्षा करने में विफल रहने पर इजरायल की आलोचना की है. जो बाइडन तो गाजा में इजरायल के अप्रोचल को लेकर यहां तक कह चुके हैं कि बेंजामिन नेतन्याहू जिस तरह से हमास के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं, वह इजरायल की मदद करने से ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं.
वहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कहा, ये ऑपरेशन बंद होने चाहिए. राफा में फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए कोई भी जगह सेफ नहीं है. मैं अंतरराष्ट्रीय कानून के लिए पूर्ण सम्मान और तत्काल युद्धविराम का आह्वान करता हूं. वहीं, इटली के रक्षा मंत्री गुइडो क्रोसेटो ने भी एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि इस तरह के बम विस्फोट नफरत फैला रहे हैं. नफरत को जड़ दे रहे हैं जिसमें उनके बच्चे और पोते-पोतियां शामिल होंगे. इसके अलावा, कतर ने कहा कि राफा में हमले से बातचीत फिर बिगड़ सकती है. कतर ने इजरायली सैनिकों की वापसी की मांग की. बता दें कि कतर वही देश है, जिसने हमास की कैद में बंधकों की रिहाई में इजरायल की मदद की थी और मुख्य भूमिका निभाई थी. पड़ोसी देश मिस्र और जॉर्डन ने भी राफा हमले की निंदा की है.
इस तरह से इजरायल केवल आलोचना ही नहीं झेल रहा, बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर कमजोर भी पड़ता जा रहा है. उसकी आवाज में हां में हां मिलाने वाले अब कम हो रहे हैं. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस भी इजरायल के खिलाफ है. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने इजराइल को राफा में अपनी सैन्य कार्रवाई तुरंत रोकने का आदेश दिया है. हालांकि, इजराइल का कहना है कि उसे हमास के आतंकवादियों से खुद की रक्षा करने का अधिकार है और उसके द्वारा इस फैसले का पालन करने की संभावना नहीं है. यही वजह है कि उसने इंटरनेशनल कोर्ट के आदेश के दो दिन बाद ही राफा पर हमला किया.
हालांकि, इंटरनेशल कोर्ट ऑफ जस्टिस यानी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के इस आदेश से गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध को रोकने के लिए इजराइल पर वैश्विक दबाव और बढ़ गया है. गाजा में अपने सैन्य अभियान को लेकर इजराइल पहले ही अलग-थलग पड़ते जा रहा है. इजराइल के करीबी सहयोगी अमेरिका ने भी राफा में सैन्य अभियान के खिलाफ आगाह किया है. राफा में युद्ध शुरू होने के बाद से हजारों फिलिस्तीनी पनाह लिए हुए हैं. वहीं, यूरोप के तीन देशों नार्वे, स्पेन और आयरलैंड ने घोषणा की है कि वे फिलस्तीन को राष्ट्र के रूप में मान्यता देंगे. बता दें कि 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला किया था. इसके पलटवार में इजरायल ने हमास को खत्म करने की कसम खाई है, जिसमें अब तक 35 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.