इस बार के लोकसभा चुनाव में ओबीसी कोटे के तहत मुस्लिमों को दिए गए आरक्षण के फैसले को लेकर भारतीय जनता पार्टी मुखर नजर आ रही है. पीएम मोदी सहित भाजपा के कई स्टार प्रचारक चुनावी रैलियों में ओबीसी कोटे से मुस्लिमों को आरक्षण देने के खिलाफ बयान दे चुके हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और राजस्थान की नवनिर्वाचित भजन लाल सरकार ने मुस्लिमों के आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला किया है. सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार मुस्लिमों को ओबीसी कोटे में दिए गए आरक्षण की समीक्षा करेगी. राजस्थान में मुस्लिम की कायमखानी, सिंधी, मुस्लिम, काठात, समेत करीब आधा दर्जन से अधिक जातियों को ओबीसी कोटे में आरक्षण मिला हुआ है.
सूत्रों के मुताबिक़, यूपी में योगी सरकार ओबीसी कोटे में मुसलमानों को दिए जा रहे आरक्षण की समीक्षा करने जा रही है. इस क़वायद के तहत यह पता किया जाएगा कि मुसलमानों को आख़िरकार किस नियम-व्यवस्था के तहत ओबीसी कोटे में आरक्षण दिया जा रहा है. बता दें कि दो दर्जन से ज्यादा मुस्लिम जातियों को यूपी में ओबीसी कोटे में आरक्षण मिलता है. सूत्रों के मुताबिक़ सपा सरकार में इसके लिए नियम बनाये गए थे.
सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी सरकार में इसके लिए लिए नियम बनाए गए ते. अब योगी सरकार जांच करगी कि आरक्षण देने का आधार क्या है अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि रिजर्वेशन की बारीकियों को देखा जाए. आरक्षण का लाभ लेने वालों की जानकारी भी जुटाई जाए, जिसके बाद सीएम योगी के सामने रिपोर्ट पेश की जाएगी. वहीं योगी सरकार के इस फैसले पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस बीजेपी पर हिंदू मुसलमान की राजनीति करने का आरोप लगा रही है.