बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर कहा है कि राजद के साथ जाने उनकी गलती थी. भाजपा के प्रत्याशी शिवेश राम के पक्ष में चुनाव प्रचार के दौरान करगहर में जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश ने यह बात स्वीकार की कि उन्होंने दो बार गलती की है जिस कारण आरजेडी को फिर से सत्ता में आने का मौका मिला. उन्होंने खुले मंच से कहा कि पहली बार जब हमने गलती की तो राजद के लोगों को अपने साथ लिया, लेकिन जब गड़बड़ी करने लगे तो उन्हें हटा दिया. भूलवश दूसरी बार भी उन्होंने गलती कर राजद के चले गए, लेकिन अब वह ऐसी गलती फिर नहीं करेंगे.
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 में भाजपा के साथ मिलकर उन्होंने जो सरकार बनाई, उसके बाद बिहार में काफी कुछ बदलाव हुआ. मुख्यमंत्री ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब आरजेडी सत्ता में थी तो हिंदू-मुसलमान के बीच झगड़ा होता था. जब जदयू तथा भाजपा साथ आए तो उन लोगों ने इस झगड़े को खत्म कर दिया. आज भी अगर वो सत्ता में आ जाएंगे तो फिर से हिंदू मुसलमान के भी झगड़ा करवाने लगेंगे, लेकिन ऐसा नहीं होने देना है. उन्होंने सासाराम के भाजपा प्रत्याशी शिवेश राम के लिए वोट मांगा.
बता दें कि सासाराम में सातवें चरण में चुनाव है और नालंदा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर काराकाट और जहानाबाद के साथ वोटिंग है. इस बार बिहार सासाराम संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी मनोज राम और भाजपा के शिवेश राम के बीच सीधा मुकाबला है. गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट छेदी पासवान ने जीत हासिल की थी. पासवान ने 4 लाख 94 हजार 800 वोट हासिल किया था. वहीं, कांग्रेस कैंडिडेट मीरा कुमार 3 लाख 29 हजार 55 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहीं थीं तो बीएसपी कैंडिडेट मनोज कुमार 86 हजार 406 वोट लाकर तीसरा स्थान हासिल किया था.
2019 में खिला था कमल
बिहार की सासाराम लोकसभा सीट हॉट सीटों में शुमार है .2019 के चुनाव में बीजेपी ने यहां कमल खिलाया था. बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए छेदी पासवान को 494,800 वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए मीरा कुमार को 329,055 वोट प्राप्त हुए थे. यहां से बसपा ने मनोज कुमार को चुनावी मैदान में उतारा था. 86,406 वोटों के साथ मनोज कुमार तीसरे नंबर पर रहे थे. इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवार अशोक बैठा 10,029 वोटों के साथ चौथे स्थान पर रहे थे. इस चुनाव में 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे.
सासाराम का चुनावी इतिहास
सासाराम लोकसभा सीट के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों का दबदबा देखने को मिला है. साल 1952 से लेकर 1984 तक इस सीट पर जितने भी चुनाव हुए, जगजीवन राम ही जीते. वर्ष 1952 से 1971 तक जगजीवन राम ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा. वहीं वर्ष 1977 और 1980 का चुनाव जनता पार्टी के टिकट पर लड़ा और जीते.