पश्चिम बंगाल की मेदिनीपुर में मंगलवार को एक्टर और भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती के रोड शो में पत्थरबाजी हुई। मिथुन चक्रवर्ती मेदिनीपुर से भाजपा उम्मीदवार अग्निमित्रा पॉल के समर्थन में रोड शो कर रहे थे। इसी दौरान कुछ लोग हाथ में तख्तियां लिए नारेबाजी करने लगे। इसके बाद उन्होंने रोड शो में शामिल भाजपा कार्यकर्ताओं पर पत्थर और बोतलें फेंकी। इसके बाद उनकी भाजपा कार्यकर्ताओं से झड़प हो गई।
अग्निमित्रा पॉल ने आरोप लगाया कि पत्थर फेंकने वाले TMC के कार्यकर्ता थे। उन्होंने कहा- TMC राज्य में भाजपा को मिल रहे समर्थन को देखकर डर गई है। वह गुंडागर्दी का सहारा ले रही है। उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती जैसे महान अभिनेता का अपमान किया है।
उधर, TMC के प्रवक्ता त्रिनाकुर भट्टाचार्य ने इन आरोपों को खारिज किया। हम इस तरह के हरकतों में विश्वास नहीं करते हैं। चक्रवर्ती का रोड शो फ्लॉप हो गया था, इसलिए भाजपा नाटक कर रही है।
बंगाल से भाजपा प्रत्याशी पूर्व जज के कैंपेन पर रोक
इलेक्शन कमीशन ने मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज और तामलुक से भाजपा कैंडिडेट अभिजीत गंगोपाध्याय पर 24 घंटे के लिए प्रचार से बैन लगाया है। EC ने यह एक्शन गंगोपाध्याय के पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर दिए अभद्र बयान के बाद लिया है।
गंगोपाध्याय ने 15 मई को बंगाल के हल्दिया में कहा था- ‘मैं सोच रहा हूं कि ममता कितने रुपए में बिक रही हैं। 10 लाख रुपए? मुझे हैरानी होती है वे महिला हैं भी या नहीं।’ EC ने गंगोपाध्याय की टिप्पणी को बेहद निचले स्तर का पर्सनल अटैक बताया, जिससे आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है। EC का यह आदेश मंगलवार शाम 5 बजे से लागू होगा।
EC बोला- इस बयान से बंगाल का अपमान हुआ
इलेक्शन कमीशन ने 17 मई को इस बयान का संज्ञान लिया था और कहा था कि यह बयान गलत, विवेकहीन और गरिमा के पार है। इलेक्शन कमीशन ने गंगोपाध्याय को इस अभद्र टिप्पणी के चलते शो-कॉज नोटिस भेजा था, जिसका सोमवार को गंगोपाध्याय ने जवाब दिया। कमीशन ने 20 मई तक गंगोपाध्याय से जवाब मांगा था।
कमीशन ने गंगोपाध्याय के जवाब को पढ़ने के बाद उनके स्टेटमेंट को दोबारा सुना और इस नतीजे पर पहुंचे कि उन्होंने ममता पर निचले स्तर का पर्सनल अटैक किया था। कमीशन ने यह भी कहा कि यह बयान दिखाता है कि देश में महिलाओं का क्या स्टेटस रह गया है। इस बयान से बंगाल का अपमान हुआ है।
मार्च में कलकत्ता हाईकोर्ट से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे गंगोपाध्याय
कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने 5 मार्च को इस्तीफा दिया था। वे इसी साल अगस्त में रिटायर्ड होने वाले थे। जस्टिस पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद गंगोपाध्याय ने भाजपा में शामिल होने की घोषणा कर दी थी।
भाजपा ने उन्हें तामलुक से उम्मीदवार बताया है। 2009 में सुवेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस की टिकट पर इस सीट से पहली बार जीत दर्ज की थी। वह दो बार लगातार यहां से सांसद रहे। अधिकारी ने 2016 में तृणमूल छोड़कर भाजपा जॉइन की। हालांकि, इस सीट पर TMC का वर्चस्व बना रहा। अभी TMC के दिब्येंदु अधिकारी यहां से सांसद हैं।
तृणमूल ने भी पार्टी जॉइन करने का ऑफर दिया था
गंगोपाध्याय ने पद छोड़ने का फैसला रविवार (3 मार्च) को ही जाहिर कर दिया था। इसके बाद कुणाल घोष ने उन्हें तृणमूल में शामिल होने का न्योता भेजा था। इस पर गंगोपाध्याय ने कहा था, ‘कुणाल ने एक राजनीतिक प्रवक्ता के तौर पर मेरे खिलाफ कई बातें कही हैं, पर एक इंसान के तौर पर वो मुझे पसंद हैं। वो एक अच्छे इंसान हैं।’
गंगोपाध्याय बंगाल की CM ममता बनर्जी को मंझा हुआ राजनीतिज्ञ बता चुके हैं। उन्होंने कहा था कि ममता बनर्जी के लिए उनके दिल में काफी इज्जत है।
जस्टिस अभिजीत से परेशान थी ममता सरकार, कई बार आरोप लगाए
जज के तौर पर जस्टिस गंगोपाध्याय ने ममता सरकार से जुड़े कुल 14 मामलों को ED-CBI को सौंपा था। इनकी जांच पश्चिम बंगाल पुलिस कर रही थी। BJP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष का कहना था कि, ‘राज्य में कानून-व्यवस्था फेल हो गई है। लोगों का सरकार और पुलिस पर से भरोसा उठ गया है। लोग अदालत जा रहे हैं और अदालत मामले CBI को सौंप रही है।’
इधर TMC का आरोप था कि CBI तटस्थ नहीं है। TMC प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा था, ‘अदालत मामले CBI को दे रही है, लेकिन CJI खुद कहते हैं कि CBI को राजनीतिक हाथों से बाहर निकलना होगा। उन्हें खुद CBI पर भरोसा नहीं है। CBI तटस्थ नहीं है। उन्होंने TMC नेताओं से पूछताछ की और गिरफ्तारी की, लेकिन जब शुभेंदु अधिकारी की बात आई तो उन्होंने कुछ नहीं किया।’