कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में महिलाओं के बैंक खाते में एक लाख रुपए भेजने का वादा किया है। पांचवें चरण के मतदान के पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिल्कार्जुन खरगे ने मोदी के पांच किलो के मुकाबले 10 किलो मुफ्त राशन देने का भी वादा कर दिया। एक लाख के वादे का महिलाओं पर असर तो दिख ही रहा था, अब 10 किलो राशन का लोभ भी मतदाताओं में दिखने लगा है। चुनाव आयोग ने बिहार में चार चरणों के चुनाव के जो आधिकारिक आंकड़े जारी किए हैं, उसमें महिलाओं की पुरुषों के मुकाबले तकरीबन आठ प्रतिशत अधिक वोटिंग यह दर्शाती है कि इसमें कांग्रेस के एक लाख रुपए के वादे का असर भी है। अब तो 10 किलो राशन की घोषणा ने भी रंग दिखाना शुरू कर दिया है।
तेजस्वी भी कांग्रेस के वादे दोहराने लगे
बिहार के पूर्व डेप्युटी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को भी अब एहसास हो गया है कि इन दोनों मुद्दों का व्यापक प्रसार होता तो एनडीए से मुकाबला और आसान हो जाता। पांच चरणों के मतदान के बाद नौकरी, रोजगार और महंगाई के मुद्दे तक ही सीमित रहने वाले तेजस्वी यादव अब कांग्रेस की इन दो घोषणाओं से लोगों को आकर्षित करने की कोशिश में लग गए हैं। चुनाव प्रचार के लिए सिवान पहुंचे तेजस्वी ने मंगलवार को कहा कि केंद्र में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की अगर सरकार बनी तो गरीब महिलाओं के खाते में सालाना एक लाख रुपये का सहयोग दिया जाएगा। हमारी सरकार 10 किलो मुफ्त राशन भी देगी। गैस का सिलिंडर पांच सौ रुपये में मिलेगा। दो सौ यूनिट बिजली फ्री होगी।
पांच लाख नौकरी पर इतराते रहे तेजस्वी
तेजस्वी ने लोकसभा चुनाव में अभी तक 17 महीने की महागठबंधन सरकार में अपनी उपलब्धियों को ही मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया था। अब उन्होंने इन मुद्दों में कांग्रेस की उन दो घोषणाओं को भी शामिल कर लिया है, जिनमें हर महिला को सालाना एक लाख रुपए और हर माह 10 किलो अनाज की बात कही गई है। यानी उन्हें भी अब लगने लगा है कि कांग्रेस के इन दो वादों का महिलाओं पर असर दिख रहा है। तेजस्वी इसके पहले सिर्फ यही बताते थे कि उन्होंने रोजगार की दिशा में सरकार में रहते क्या-क्या किए। वे बताते रहे हैं कि जब वे सरकार में थे तो 17 माह में पांच लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी। आरक्षण का दायरा 75 प्रतिशत तक कराया।
क्या सच में एक लाख का वादा कारगर है
अभी तक वोटिंग के जो रुझान सामने आए हैं, उसमें पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की अधिक भागीदारी के बाद सभी राजनीतिक दलों ने इसका अध्ययन शुरू किया है। इंडी अलायंस के नेताओं को भी अब लगने लगा है कि कांग्रेस की इन दो घोषणाओं का ही कमाल है कि महिलाएं घरों से निकल कर मतदान केंद्र तक पहुंचने लगी हैं। जिन महिलाओं को एक लाख नकद और 10 किलो राशन पर भरोसा जागा है, वे इस अफवाह को भी खारिज करने लगी हैं कि इंडिया ब्लॉक अगर सत्ता में आया तो मुफ्त रशन बंद कर देगा। उनका कहना है कि कांग्रेस ने जब 10 किलो राशन का वादा कर ही दिया है तो फिर इसे बंद करने का सवाल कहां से उठता है। रही बात, इंडिया ब्लाक की सरकार बनने पर संशय की तो रिस्क लेने में हर्ज क्या है। वैसे भी उन्हें सीधे इस तरह का लाभ देने का दूसरे किसी दल ने वादा नहीं किया है।
कांग्रेस की घोषणाओं का नहीं हुआ प्रचार
कांग्रेस समेत इंडिया ब्लॉक के नेताओं को अब यह लगने लगा है कि कांग्रेस के इन दो वादों का अगर ठीक से प्रचार हुआ होता तो स्थिति और बेहतर हो सकती थी। सच तो यह है कि कांग्रेस नेताओं ने भी इसे ठीक से प्रचारित नहीं किया। कांग्रेस के बड़े नेताओं में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे चुनाव प्रचार के लिए सिर्फ एक बार बिहार आए, जबकि अकेले नरेंद्र मोदी ने अभी तक बिहार के सात दौरे किए हैं। इंडिया ब्लॉक में शामिल आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने भी पहले इन वादों को तरजीह नहीं दी थी। अब उन्हें भी समझ में आ गया है कि कांग्रेस के दोनों वादों का महिलाओं पर खासा असर दिख रहा है।
दो चरण में 14 सीटों पर चुनाव होने हैं
पांच चरणों में बिहार में अभी तक 26 सीटों पर मतदान हो चुके हैं। दो चरणों में 14 सीटों पर चुनाव होना है। पहले चरण में चार सीटों- गया, औरंगाबाद, जमुई और नवादा में मतदान हुआ। दूसरे चरण में पांच सीटों- किशनगंज, कटिहार, भागलपुर, बांका और पूर्णिया में वोट पड़े। तीसरे चरण में भी पांच सीटों- झंझारपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और खगड़िया में वोट डाले गए। चौथे चरण में पांच सीटों- दरभंगा, उजियारपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय और मुंगेर में वोटिंग हुई। पांचवें चरण में बिहार की पांच सीटों- सारण, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी और मधुबनी में मतदान हुआ। पांच चरणों में 26 सीटों पर मतदान हो चुका है। छठे चरण का चुनाव 25 मई को होना है। छठे चरण के चुनाव वाली आठ सीटें हैं- वाल्मीकिनगर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, वैशाली, महाराजगंज, सिवान और गोपालगंज।