लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए प्रधानमंत्री मोदी आज ओडिशा के दौरे पर हैं। वे सुबह ढेंकनाल में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे। उन्होंने कहा- ओडिशा की BJD सरकार पूरी तरह भ्रष्टाचारियों के कब्जे में है।
PM मोदी ने कहा कि मुठ्ठीभर भ्रष्टाचारी मुख्यमंत्री आवास और कार्यालय पर कब्जा करके बैठ गए हैं। BJD के छोटे-छोटे नेता भी करोड़ों के मालिक बन गए हैं।
मोदी ने जनता से कहा कि आप यहां भाजपा की सरकार बनाइए, भाजपा ओडिशा के बेटे या बेटी को ही CM बनाएगी। 10 जून को ओडिशा में भाजपा की डबल इंजन सरकार का शपथ ग्रहण होगा।
जनसभा से पहले मोदी ने पुरी में रोड शो भी किया था। इस दौरान पुरी से भाजपा उम्मीदवार संबित पात्रा भी उनके साथ थे। ओडिशा के ढेंकनाल और पुरी में 25 मई को वोटिंग होनी है।
PM के भाषण की 3 मुख्य बातें…
1. डबल इंजन की सरकार पर
- ओडिशा में एक ही नारा गूंज रहा है। यह नारा है ‘ओडिशा में पहली बार डबल इंजन की सरकार’। यहां बीजेडी सरकार 25 साल से है, लेकिन आज पूरा ओडिशा आत्ममंथन कर रहा है कि इतने वर्षों में लोगों को क्या मिला। ओडिशा में जल, जंगल, जमीन है, फिर भी यहां सबसे ज्यादा बदहाली है।
- 21वीं सदी के ओडिशा को विकास की रफ्तार चाहिए। वो BJD सरकार किसी भी हालत में नहीं दे सकती। इस शताब्दी के अब तक के पूरे हिस्से में आप BJD को मौका दे चुके हैं। अब समय आ गया है कि आप BJD की ढीली-ढाली नीतियों, ढीला-ढाले काम और धीमी रफ्तार को छोड़कर भाजपा की तेज रफ्तार सरकार चुनें।
2. भाजपा की नीतियों पर
- मोदी सरकार ने आदिवासी परिवारों के लिए वनधन योजना बनाई, इसके माध्यम से वन उत्पादों की खरीद MSP पर होती है। देशभर में 3,500 से अधिक वनधन केंद्र हैं। यहां ओडिशा में भी पौने 200 वनधन केंद्र खुले हैं, इनमें 80 से अधिक वन उत्पादों की खरीद MSP पर होती है। लेकिन, BJD सरकार आपको वन उपज पर सही MSP तक नहीं देती।
3. जगन्नाथ मंदिर पर
- BJD सरकार में जगन्नाथ जी का मंदिर भी सुरक्षित नहीं बचा है। पिछले 6 साल से श्री रत्न भंडार की चाबी का भी अता-पता नहीं है। इसके पीछे का बहुत बड़ा राज BJD सरकार और मुख्यमंत्री के करीबी लोग छिपा रहे हैं। पूरा ओडिशा जानना चाहता है कि जो जांच हुई थी, उसकी रिपोर्ट में ऐसा क्या है कि BJD ने वो रिपोर्ट ही दबा दी?
- BJD के राज में न तो ओडिशा की संपदा सुरक्षित है और न ही ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर सुरक्षित है। ये तो पद्म सम्मान से पुरस्कृत अंतर्यामी मिश्रा जी की धरती है, जिन्होंने जगन्नाथ संस्कृति को लेकर इतना काम किया है।