सीतामढ़ी में दोपहर 3 बजे तक 45.9% वोटिंग हुई है। सहियारा के चिरैया गांव स्थित बूथ संख्या 155 पर मतदाताओं ने वोट का बहिष्कार किया है। डीएम को बुलाने की मांग पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक सड़क निर्माण नहीं होगा, तब तक वह वोट नहीं डालेंगे। वहीं, मेजरगंज प्रखंड के मजकोठवा बूथ संख्या 20 पर में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया है।एसडीपीओ राम कृष्णा गांव पहुंचे हैं। वहां लोगों को समझा रहे हैं।
सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र में मतदान जारी है। इस दौरान मौसम में भी करवट ले ली है। सीतामढ़ी के अधिकांश क्षेत्र में बारिश हो रही है। लेकिन इस दौरान मतदाताओं का उत्साह चरम पर है। मतदाताओं ने कहा कि बारिश हो या तूफान। पहले मतदान करेंगे। शहर के हुसैना स्थित मध्य विद्यालय पर उपस्थित लोगो ने बारिश में भी भींग कर मतदान करते नजर आए हैं।
क्या बोले युवा मतदाता
सीतामढ़ी शहर के मेहसौल स्थित बूथ पर युवाओं से संवाददाता ने बातचीत की। इस दौरान मतदाताओं ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी को दूर करने के लिए मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी काफी बढ़ गई है। युवाओं को नौकरी के लिए बाहर जाना पड़ता है।
शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और भय मुक्त चुनाव के लिए जिलाधिकारी रिची पांडेय और पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार तिवारी ने सभी जोनल दंडाधिकारी, क्यूआरटी मजिस्ट्रेट और संबंधित पुलिस अधिकारियों को निर्देश दे दिया है।
मतदान के दिन निर्धारित क्षेत्र में निरंतर गश्ती करने के लिए भी कहा गया है। इसके साथ ही जिला नियंत्रण कक्ष से संपर्क बनाए रखने और क्षेत्र की स्थिति, समस्या, गतिविधियों के संबंध में संबंधित सहायक निर्वाची अधिकारी को अवगत कराएंगे। चुनाव कार्य में बाधा डालने वाले और असामाजिक तत्वों, गुंडा तत्वों पर नकेल कसने के साथ सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर रखेंगे।
19 लाख मतदाताओं के लिए बनाए गए 1932 केंद्र
उन्होंने स्पष्ट कहा है कि निर्वाचन कार्य में किसी भी तरह की कोताही और लापरवाही पर कार्रवाई की जाएगी। सीतामढ़ी संसदीय क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 19,47,992 है। इनके लिए कुल 1932 मतदान केन्द्रों को बनाया गया है। वही 18 चलंत बूथ भी बनाया गया है। वहीं सुरक्षा को लेकर 195 सेक्टर पदाधिकारी बनाए गए है। लोकसभा आम निर्वाचन 2019 में 59.11 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसके अलावा सभी विधानसभा क्षेत्र में एक-एक आदर्श मतदान केंद्र भी बनाया गया है।
सीतामढ़ी लोकसभा सीट………..
2019 के लोकसभा चुनाव में सीतामढ़ी के लोगों ने 5 लाख 67 हजार 745 वोट देकर जदयू के उम्मीदवार सुनील कुमार पिंटू को सांसद बनाया था। पूरे 5 साल वो सांसद रहे। लेकिन, सीतामढ़ी के लोगों की शिकायत है कि क्षेत्र के विकास के लिए उनकी तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
मां सीता की जन्मस्थली पुनौरा धाम के विकास के लिए भी उन्होंने कोई पहल नहीं की। रीगा की बंद चीनी मिल को चालू करवाने के लिए भी सत्ताधारी दल में होते हुए राज्य सरकार से बात नहीं की। इस वजह से सीतामढ़ी के लोग सुनील कुमार पिंटू से बेहद नाराज हैं।
अगर, जदयू ने इन्हें दूसरी बार टिकट दिया होता तो शायद उन्हें हार का सामना करना पड़ता। संभावना है कि इस बात की आशंका जदयू को पहले से थी। इसलिए 2024 के इस लोकसभा चुनाव में बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को जदयू ने टिकट देकर अपना उम्मीदवार बनाया।
इनका मुकाबला 2009 में जदयू के ही टिकट पर चुनाव लड़कर सांसद बने डॉ. अर्जुन राय से है, जो इस चुनाव में राजद के उम्मीदवार हैं। इन दोनों के बीच बेहद कड़ी टक्कर है। इसकी वजह हैं, वैश्य वोटर्स। जी हां, सीतामढ़ी में वैश्य वोटर्स की संख्या 5 लाख 90 हजार के करीब हैं।
वैश्य NDA से नाराज चल रहे हैं। क्योंकि, NDA ने सीतामढ़ी में ब्राह्मण तो पड़ोसी लोकसभा क्षेत्र शिवहर में राजपूत जाति से आने वाली लवली आनंद को टिकट देकर अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि, राजद ने रितु जायसवाल को शिवहर से अपना उम्मीदवार बनाया।
साइलेंट हैं सीतामढ़ी के शहरी वोटर्स
वैश्य NDA के कोर वोटर माने जाते हैं। पर महागठबंधन सीतामढ़ी में सेंधमारी कर चुकी है। इसका फायदा भी उन्हें मिलता दिख रहा है। वैश्य समेत शहरी इलाके के दूसरी जाति से भी आने वाले वोटर्स पूरी तरह से साइलेंट हो चुके हैं। ऐसे में परेशानी जदयू समेत पूरे NDA के लिए बढ़ गई है।
यही वजह है कि 16 मई को एक प्लान के तहत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जनसभा शहर के बीच स्थित गोयनका कॉलेज ग्राउंड में हुई थी। यहां उन्होंने खुले मंच से पिछड़ा और अति पिछड़ा कार्ड खेला था। बावजूद इसके यहां मुकाबला सख्त और दिलचस्प है।
कौन-किस पर भारी पड़ रहा है? इस सवाल का जवाब एक्सपर्ट भी एक जैसा नहीं दे पा रहे हैं। हवा का रुख किस ओर है? यह जानने के लिए हमने दो एक्सपर्ट से बात की।
मगर, दोनों की राय एक-दूसरे से अलग रही। वैसे ग्राउंड रिपोर्ट के तहत अलग-अलग इलाके के लोगों से हुई बातचीत में हवा का रुख महागठबंधन के उम्मीदवार की ओर है।
ब्राह्मण पर पिछड़ा-अति पिछड़ा हावी
सुबोध कुमार सीतामढ़ी के सीनियर जर्नलिस्ट और पॉलिटिक्ल एक्सपर्ट हैं। इनके अनुसार NDA के वोटर्स साइलेंट हैं। शहरी इलाके में इनके वोटर्स का बेस है। जो इस बार के चुनाव में बहुत एग्रेसिव नहीं हैं। जबकि, ग्रामीण इलाकों में महागठबंधन की पकड़ है। वहां के वोटर्स एग्रेसिव भी बहुत अधिक हैं।
स्थानीय मुद्दा और सीतामढ़ी के विकास की कोशिश पर दोनों उम्मीदवारों ने जोड़ दिया है। पर बात अब जातिवाद पर आ गई। साथ ही लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष और विपक्ष के खेमे में बंट गए हैं। यहां राजनीति अगड़ा और पिछड़ा की हो रही है।
इनकी नजर में महागठबंधन के उम्मीदवार आगे
एसएलके कॉलेज के रिटायर्ड प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ. आनंद किशोर की नजर में हवा का रुख महागठबंधन की तरफ से राजद के उम्मीदवार डॉ. अर्जुन राय की ओर है। इनका कहना है कि जदयू के देवेश चंद्र ठाकुर और डॉ. अर्जुन राय के बीच कड़ी टक्कर है। इन दोनों के बीच में कोई तीसरा नहीं है।
रिटायर्ड प्रिंसिपल कहते हैं कि किसी भी क्षेत्र में जब कोई उम्मीदवार होता है तो उसका बेस होता है। आज कल तो विकास के मुद्दे पर चुनाव नहीं लड़ा जा रहा है। सब कुछ जाति के आधार पर हो रहा है।
इस कारण राजद के उम्मीदवार का मेन बेस मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण है। इस इलाके में मुसलमान और यादव, दोनों ही बहुसंख्यक हैं। वहीं, इस इलाके के भूमिहार पूरी तरह से उदासीन हैं। इनका वोट दोनों ही पक्ष में बंटने की संभावना है।
जदयू के उम्मीदवार को लोग पहचानते तक नहीं
सुनील कुशवाहा राजद के पूर्व विधायक हैं और सीतामढ़ी के जिलाध्यक्ष भी हैं। इनका दावा है कि डॉ. अर्जुन राय बड़े स्तर पर इस चुनाव को जीतने जा रहे हैं। क्योंकि, वो पूर्व में सीतामढ़ी के सांसद रह चुके हैं। लंबे समय से राजनीति कर रहे हैं और जनता की सेवा में लगे हैं।
वे बताते हैं कि सांसद रहते हुए सीतामढ़ी के विकास के लिए उन्होंने कई काम किए। NH-77, NH-104, C-227 रोड भी हमारे उम्मीदवार ने ही सांसद रहते वक्त बनवाया है। सीतामढ़ी से मुजफ्फरपुर रेल लाइन को उन्होंने ही चालू करवाया था।
आज तक जो रेलवे ओवर ब्रिज नहीं बना है, जो अभिशाप बना हुआ है। उसे स्वीकृत और फिर शिलान्यास भी उन्होंने ही करवाया था। लेकिन, बाद में आए जनप्रतिनिधियों के निष्क्रियता के कारण वो अभी तक नहीं बन पाया।
सबसे अधिक वोटों से जीतेंगे देवेश
जदयू के जिलाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह कुशवाहा का अपना अलग दावा है। इनका मानना है कि देश में नरेंद्र मोदी और बिहार में नीतीश कुमार की लहर है। वहीं, सीतामढ़ी में उनके दल के उम्मीदवार देवेश चंद्र ठाकुर की लहर चल रही है। इस चुनाव में वही जीत दर्ज करेंगे, वो भी भारी वोटों से। हवा का रुख पूरी तरह से नरेंद्र मोदी और उनके उम्मीदवार के पक्ष में है।
इनके अनुसार देवेश चंद्र ठाकुर जाति और दल से ऊपर हैं। लंबे वक्त से वो जनसेवा के भाव से राजनीति करते हुए आ रहे हैं। यही कारण है कि क्षेत्र में जहां भी उनके पक्ष में कार्यक्रम हो रहा है, वहां लोगों की भीड़ बड़े स्तर पर उमड़ रही है।
पिछले चुनाव में जीत-हार का अंतर
2019 के चुनाव में जदयू के उम्मीदवार सुनील कुमार पिंटू थे। जबकि, राजद की तरफ से डॉ. अर्जुन राय को ही उम्मीदवार बनाया गया था। इन दोनों के बीच पिछले चुनाव में कड़ी टक्कर की उम्मीद थी। मगर, जब वोटों की गिनती के बाद रिजल्ट आया तो वो चौंकाने वाले थे। क्योंकि दोनों के बीच जीत-हार का अंतर बहुत बड़ा था।
सुनील कुमार पिंटू को 5 लाख 67 हजार 745 वोट मिले थे। वोट प्रतिशत 50.65 रहा था। वहीं डॉ. अर्जुन राय को 3 लाख 27 हजार 206 वोट मिले थे। जीत-हार के बीच 2 लाख 40 हजार 539 वोटों का अंतर था।