लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में बिहार के सारण लोकसभा क्षेत्र में वोटिंग जारी है। दोपहर 3 बजे तक 43.13% मतदान हुआ है। एनडीए प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी ने पत्नी और बेटी के साथ अपना वोट कास्ट किया। अमनौर विधानसभा क्षेत्र की बूथ संख्या 12, 13 ,14 को लेकर निवर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूडी ने लिखित शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में उन्होंने सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ बूथ कैप्चरिंग जैसे आरोप लगाए हैं। इसके बाद ऑब्जर्वर्स ने मामले की जांच शुरू की है।
वोट देने के लिए परिवार संग निकले एनडीए प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि राजद के कार्यकर्ता और लोग बूथों पर मारपीट कर रहे हैं। पिछड़े, कमजोर खासकर महिलाओं की आवाज दबाने की कोशिश हो रही है। कई बूथों पर निगरानी हुई है और मामला दर्ज किया गया है। इस बार फिर मोदी की सरकार ही आएगी।
छपरा सदर प्रखंड की माला पंचायत में सैकड़ों लोगों ने वोट बहिष्कार किया। वोट नहीं देने के लिए लोग एकजुट हुए हैं।
नल नहीं बन पाया है, जिससे आक्रोशित लोगों ने वोट नहीं करने का फैसला किया। ग्रामीण रोड नहीं तो वोट नहीं का बैनर लगाकर घूम रहे हैं।
विभिन्न बूथों पर मतदाता कतार में खड़े होकर मतदान कर रहे हैं। सुबह छह बजे मॉक पोल के साथ वोटिंग प्रक्रिया की शुरुआत हुई।
सारण कमिश्नर सर्वानंद एम ने अपने परिवार के साथ वोट किया है। वहीं, डीएम अमन समीर और एसपी ने भी वोट कास्ट किया है। जिलाधिकारी ने वोट देने के बाद कहा कि इस बार मतदान बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए हैं। उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा लोग वोट करेंगे।
वहीं, वोट कास्ट करने के बाद लोग सेल्फी पॉइंट पर तस्वीरें भी खींच रहे हैं। उनमें काफी उत्साह देखा जा रहा है। युवा विकास कुमार ने कहा कि जो अच्छा काम कर रहा है, उसे वोट कर रहे। राष्ट्र का विकास के नाम पर वोट देने आए हैं। लोगों ने कहा कि अधिक से अधिक लोग वोटिंग करें ताकि देश मजबूत हो।
नल नहीं बन पाया है, जिससे आक्रोशित लोगों ने वोट नहीं करने का फैसला किया। ग्रामीण रोड नहीं तो वोट नहीं का बैनर लगाकर घूम रहे हैं।
विभिन्न बूथों पर मतदाता कतार में खड़े होकर मतदान कर रहे हैं। सुबह छह बजे मॉक पोल के साथ वोटिंग प्रक्रिया की शुरुआत हुई।
सारण कमिश्नर सर्वानंद एम ने अपने परिवार के साथ वोट किया है। वहीं, डीएम अमन समीर और एसपी ने भी वोट कास्ट किया है। जिलाधिकारी ने वोट देने के बाद कहा कि इस बार मतदान बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए हैं। उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा लोग वोट करेंगे।
वहीं, वोट कास्ट करने के बाद लोग सेल्फी पॉइंट पर तस्वीरें भी खींच रहे हैं। उनमें काफी उत्साह देखा जा रहा है। युवा विकास कुमार ने कहा कि जो अच्छा काम कर रहा है, उसे वोट कर रहे। राष्ट्र का विकास के नाम पर वोट देने आए हैं। लोगों ने कहा कि अधिक से अधिक लोग वोटिंग करें ताकि देश मजबूत हो।
बूथों पर स्वास्थ्यकर्मी तैनात हैं। वोट देने के लिए आए लोगों में उत्साह का माहौल है। महिला, पुरुष, बुजुर्ग, युवा सब लाइन में लगे हैं। अपनी बारी का वेट कर रहे हैं।
सारण लोकसभा क्षेत्र बिहार ही नहीं बल्कि भारत के हॉट सीटों में से एक है। एक तरफ भाजपा से राजीव प्रताप रूडी चुनावी मैदान में है। दूसरी तरफ राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य मैदान में है।
सारण लोकसभा…………..
लोकसभा में 6 विधानसभा हैं। सोनपुर, परसा, अमनौर, गरखा, छपरा और मढ़ौरा। 2024 के लोकसभा चुनाव में यहां हवा का रुख क्या है, इसे समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि इन विधानसभा इलाकों का राजनीतिक समीकरण कैसा है।
सारण लोकसभा के सभी 6 विधानसभा इलाके यादव और राजपूत बहुल हैं। इनमें 4 पर राजद का कब्जा है। छपरा और अमनौर को छोड़कर सोनपुर, परसा, गरखा और मढ़ौरा में 2015 और 2020 विधानसभा चुनावों में राजद के विधायक जीते। लेकिन फिर भी 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में राजीव प्रताप रूडी को बढ़त मिली और वो सांसद बने।
2019 के लोकसभा चुनाव में राजीव प्रताप रूडी इन सभी 6 विधानसभा इलाकों में राजद कैंडिडेट चंद्रिका राय से आगे रहे थे। सभी विधानसभा में उन्हें 10 से 20 हजार वोटों की बढ़त मिली थी। लेकिन छपरा और अमनौर में निर्णायक बढ़त मिली और आखिर में करीब 1.40 लाख वोटों के मार्जिन से उन्होंने चंद्रिका राय को हराया। ऐसा तब हुआ, जब 2019 में मोदी लहर मानी जा रही थी।
2014 लोकसभा चुनाव की बात करें तो देश भर में बदलाव की लहर में थी। सारण लोकसभा में राजीव प्रताप रूडी करीब 41 हजार वोटों से जीते थे। उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू यादव की पत्नी और पूर्व सीएम राबड़ी देवी को हराया था।
राबड़ी देवी 3 विधानसभा, सोनपुर, परसा और गरखा में रूडी से आगे रही थीं। तब भी छपरा, अमनौर के अलावा मढ़ौरा में रूडी को निर्णायक बढ़त मिली थी। यहां बता दें कि रूडी अमनौर के ही रहनेवाले हैं।
अब वो 3 बातें जो रूडी को परेशान कर सकती हैं –
कई स्थानीय वोटरों की शिकायत है कि रूडी क्षेत्र में दिखते नहीं हैं। उनसे संपर्क करना मुश्किल है। यह जरूर है कि वो सड़क का प्रोजेक्ट पास करा देंगे, बनवा देंगे, लेकिन उद्घाटन में नहीं दिखेंगे।
एंटी इनकंबेंसी की बात सामने आती है। रूडी का टिकट कटने की चर्चा भी हो चुकी है। मढ़ौरा समेत लोकसभा क्षेत्र के एक बड़े वोटर वर्ग में यह चर्चा तो है कि रूडी 2 टर्म से लगातार सांसद हैं, लेकिन पर्याप्त रोजगार जनरेट नहीं कर सके हैं।
एक बड़ी और महत्वपूर्ण बात यह भी सामने आ रही है कि पिछड़ा-अति पिछड़ा वोटर्स में टूट हो सकती है। अभी तक इसे नीतीश कुमार का वोटबैंक माना जाता था। लेकिन इस बार लालू ने 5 पिछड़ा-अति पिछड़ा कैंडिडेट को टिकट दिया है। इसका प्रभाव हर लोकसभा में पड़ेगा। 3 से 5% वोटर्स टूटने की आशंका है। यह रूडी के लिए बड़ी परेशानी वाली बात हो सकती है।
अब जानिए…रोहिणी की मुश्किलें क्या हैं…
लालू की बेटी के विरोध में सबसे बड़ी बात यह है कि उन्हें बाहरी के तौर पर प्रचारित किया जा रहा है। रूडी खुद भी अपनी जनसभाओं में यह बात बोल रहे हैं। रोहिणी के चुनावी हलफनामे में नागरिकता का जिक्र न होने का मामला कोर्ट तक ले गए हैं।
लालू की बेटी होना रोहिणी आचार्य की सबसे बड़ी पहचान है और यही उनके लिए सबसे बड़ा नुकसान है। विरोधी खेमा इस बात को जोरशोर से उठा रहा है कि लालू परिवारवाद को बढ़ावा देते हुए अब एक और बेटी को राजनीति में लाना चाह रहे हैं। साथ में जंगलराज का उदाहरण है ही।
एक बात जो बहुत उभर कर सामने नहीं आ रही, लेकिन अंदर-अंदर लालू परिवार की परेशानी बढ़ा रही है, वो है परसा विधानसभा के वोटर्स की नाराजगी। परसा लालू के समधी और तेजप्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय का क्षेत्र है। बात जब होती है सारण की बेटी की, तो लोग रोहिणी से पहले ऐश्वर्या का नाम ले रहे हैं। तेजप्रताप-ऐश्वर्या विवाद के बाद स्थानीय यादव वोटर्स भी लालू परिवार से नाराज बताए जा रहे हैं। चंद्रिका राय तो रूडी के साथ हैं ही।
एक्सपर्ट बोले- चुनाव पास आते-आते मुद्दा मोदी हो गया
सीनियर जर्नलिस्ट संजय कुमार सिंह कहते हैं कि जब सारण में टिकट की घोषणा हुई, तब हवा का रुख कुछ और था। अब कुछ और है। टिकट के ऐलान के वक्त तक स्थानीय मुद्दे हावी थे, लेकिन चुनाव नजदीक आते-आते मुद्दा मोदी हो गए।
राजद विधायकों और परसा पर लालू की नजर
संजय सिंह कहते हैं कि विधानसभा चुनावों में यहां राजद को लीड मिलती तो है लेकिन लोकसभा चुनावों में नहीं मिलती। वजह कि 2-3 राजद विधायक हैं, जो लोकसभा चुनावों में खुलकर सहयोग नहीं करते। इस बार राजद प्रमुख लालू प्रसाद की नजर ऐसे विधायकों पर भी है। साथ ही वो परसा के लोगों से भी संपर्क में हैं।
वहीं मनोकामना सिंह कहते हैं कि सारण में हार-जीत का अंतर बहुत कम रहता है। इसबार भी वही स्थिति है। यहां जाति और राष्ट्रवाद ही मुख्य मुद्दा दिख रहा है। दोनों प्रमुख जातियों के वोटर्स अपने-अपने प्रत्याशियों के साथ हैं।