बिहार में छपरा के गरखा के मोतीराजपुर में मदरसा के पास बम बनाते समय विस्फोट में दो व्यक्ति जख्मी हो गए थे. इन घायलों में मस्जिद का मौलवी इमामुद्दीन भी शामिल थे, लेकिन इनकी इलाज के दौरान मौत हो गई है. आशंका है कि बम बनाते समय यह विस्फोट हुआ जिसमें इमामुद्दीन और नूर आलम नाम का एक छात्र घायल हो गया था. इलाज करवा रहे नूर आलम ने बताया है कि उसे खेलने के दौरान एक बॉल जैसी चीज मिली जो बम थी. वह दिखाने के लिए मौलवी के पास ले गया जहां अचानक विस्फोट हो गया, जबकि पुलिस ने कहा कि बम बनाने के दौरान विस्फोट की बात सामने आई है. पुलिस दोनों एंगल पर जांच कर रही है. इस बीच इमामुद्दीन का पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में कराया गया है.
बता दें कि घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे एडिशनल एसपी राज किशोर सिंह ने मामले की जांच शुरू कर दी है. राजकिशोर सिंह ने बताया कि मौके पर फॉरेंसिक टीम बुलाई गई है. घटना के बाद इलाके में दहशत फैल गयी. इलाके के लोगों ने पहले मामले को दबाने की काफी कोशिश की और घटना को रसोई गैस सिलेंडर में विस्फोट बताया. हालांकि, पुलिस को शुरुआती जांच में यहां बम विस्फोट की बात सामने आई, जिसके बाद फॉरेंसिक की टीम बुलाई गई.
बता दें कि गरखा का मोती राजपुर इलाका पहले से भी पटाखा बनाने के मामले को लेकर बदनाम रहा है. यहां कुछ परिवार है जो पटाखा बनाने में काफी कुशल है, लेकिन यह काम अवैध तरीके से किया जाता है और आए दिन ऐसी दुर्घटनाएं होती रहती हैं. इस घटना की सूचना मिलने के बाद सारण के एसपी गौरव मंगला ने मामले की जांच के लिए स्पेशल टीम का गठन कर दिया है. लोकसभा चुनाव के नजदीक होने के कारण यह घटना काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
एसपी गौरव मंगला ने बताया कि पुलिस इस मामले में हर एंगल पर जांच कर रही है और जल्द ही इस मामले का खुलासा कर दिया जाएगा. फिलहाल मृतक का पोस्टमार्टम करवाया गया है और एक घायल को इलाज के लिए पटना भेजा गया है जहां उनकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है. फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि बम कितना शक्तिशाली था.