‘मैं अभी CM के घर पर हूं, उन्होंने अपने PA बिभव कुमार से मुझे बुरी तरह पिटवाया है।’ 13 मई की सुबह 9:34 बजे पुलिस के पास एक फोन आया। कॉलर ने सिर्फ एक लाइन में शिकायत दर्ज कराई। फोन CM हाउस से था, कॉलर राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल थीं और आरोप दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल के भरोसेमंद सहयोगी बिभव कुमार पर था। पुलिस एक्टिव हुई, लेकिन स्वाति मालीवाल गायब हो गईं। उन्होंने न FIR कराई, न फिर सामने आईं।
स्वाति मालीवाल आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद हैं। ऐसा दावा है कि पार्टी ने उनसे इस्तीफा मांगा है। स्वाति मालीवाल इसी मसले पर बात करने अरविंद केजरीवाल के घर गई थीं। हालांकि, इस पर अभी कोई खुलकर नहीं बोल रहा है। चर्चा है कि अरविंद केजरीवाल स्वाति की जगह अभिषेक मनु सिंघवी को राज्यसभा भेजना चाहते हैं।
स्वाति पार्टी की सबसे तेजतर्रार नेता, उनकी चुप्पी पर सहयोगी हैरान
आम आदमी पार्टी में स्वाति मालीवाल से ज्यादा तेजतर्रार और बोलने वाला कोई नेता नहीं है। उनके साथ काम कर चुके एक पुराने सहयोगी कहते हैं, ‘हैरानी इसी बात की है कि स्वाति चुप हैं। वे चुप रहने वालों में से नहीं हैं। ये केजरीवाल और उनकी पार्टी के सभी लोगों को पता है।’
वे आगे कहते हैं, ‘संजय सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस उसी डैमेज को कंट्रोल करने की स्ट्रैटजी का हिस्सा थी, जो स्वाति CM और पार्टी के खिलाफ बोलकर कर सकतीं थीं। स्वाति के पास गैर सरकारी संगठन ‘परिवर्तन’ से पार्टी बनने तक और उसके बाद की कई बातें हैं। ये चुनाव के वक्त बाहर आईं तो बड़ा डैमेज हो सकता है।’
दैनिक भास्कर ने आम आदमी पार्टी में स्वाति मालीवाल के तीन पुराने सहयोगियों से बात की। इनमें वो लोग भी हैं, जो स्वाति मालीवाल को NGO के दिनों से जानते हैं। वे अपनी पहचान नहीं बताना चाहते, लेकिन उस दिन की कहानी से लेकर स्वाति की चुप्पी और अरविंद केजरीवाल से दूरी पर खुलकर बात की।
4 पॉइंट्स में समझिए उस दिन ऐसा क्या हुआ था, जिसकी वजह से स्वाति को पुलिस कम्प्लेंट करनी पड़ी और फिर क्या हुआ कि उन्होंने चुप्पी साध ली।
1. स्वाति, केजरीवाल से मिलने गईं, बिभव ने कहा- CM बिजी हैं, इंतजार कीजिए
स्वाति मालीवाल 13 मई को अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके घर गई थीं। वे सीधे उनसे मिलना चाहती थीं, लेकिन CM के PA बिभव कुमार ने उन्हें इंतजार करने के लिए कहा। स्वाति ने 15-20 मिनट इंतजार भी किया। फिर बिभव से कहा कि पता करें कि कितना वक्त लगेगा। बिभव ने साफ कह दिया कि CM व्यस्त हैं। इंतजार करना ही होगा। उसके बाद भी वे मिल पाएंगे या नहीं, पक्के तौर पर कुछ नहीं बता सकते।
इससे स्वाति नाराज हो गईं। बिना परमिशन का इंतजार किए वे ड्राइंग रूम से CM के कमरे की तरफ जाने लगीं। बिभव ने रोका तो स्वाति ने उन्हें इस मामले से दूर रहने की हिदायत दी। बिभव को अपनी ड्यूटी करनी थी। उन्हें ऊपर से मिले ऑर्डर का पालन करना था। उन्होंने रास्ता रोका तो स्वाति ने उन पर मारपीट का आरोप लगा दिया और पुलिस को फोन कर दिया।
स्वाति कभी बिभव की बॉस थीं, इसलिए उनका रोकना खराब लगा
2000 में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने परिवर्तन नाम से NGO बनाया था। दिसंबर, 2006 में यही NGO पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन के नाम से रजिस्टर्ड हुआ। परिवर्तन रजिस्टर्ड NGO नहीं था। ये NGO अरविंद केजरीवाल ने रेमन मैग्सेसे पुरस्कार के पैसों से बनाया था। इन दोनों NGO की सर्वेसर्वा स्वाति मालीवाल थीं। केजरीवाल इसका नाम थे, तो चेहरा स्वाति थीं।
दिल्ली में करप्शन के खिलाफ हुए आंदोलन में भी स्वाति मालीवाल अहम रोल निभा रही थीं। मनीष सिसोदिया ने 2012 में कबीर नाम से एक NGO बनाया। ‘कबीर’ पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन का बेबी था। बिभव कुमार इस NGO में स्टाफ थे। स्वाति मालीवाल उस वक्त उन्हें काम असाइन करती थीं। स्वाति के लिए ये सहन करना मुश्किल था कि बिभव, जिनकी वे कभी बॉस थीं, उन्हें CM से मिलने से रोक रहे थे।
2. बेरोकटोक CM से मिलने वाली स्वाति को परमिशन की जरूरत क्यों पड़ी
आम आदमी पार्टी के वर्कर्स के मुताबिक, CM हाउस में स्वाति मालीवाल का बेरोकटोक आना-जाना था। उन्हें कोई नहीं रोक सकता था। केजरीवाल खुद भी स्वाति की बात कम ही काटते थे। वे ऐसी पार्टी कार्यकर्ता थीं, जो अरविंद केजरीवाल के CM बनने के बाद भी उनसे बिना किसी हिचक के पहले की तरह बात करती थीं।
फिर क्या हुआ, जो CM उनसे मिलने से कतरा रहे थे और उस दिन स्वाति क्यों उनसे मिलने पहुंची थीं?
पहली वजह: स्वाति मालीवाल उस दिन राज्यसभा की अपनी सीट के लिए बात करने पहुंची थीं। उनके पास कुछ वर्कर्स के जरिए ये मैसेज पहुंचाया गया था कि स्वाति सीट छोड़ दें। उन्हें हम पार्टी में एडजस्ट कर लेंगे। बताया जाता है कि ये सीट अरविंद केजरीवाल का केस लड़ रहे एडवोकेट मनु सिंघवी के लिए खाली करनी है।
इस पर स्वाति सीधे CM से बात करने गई थीं। अरविंद केजरीवाल को पता था कि आमने-सामने बातचीत में वे कई मुद्दे उठाएंगीं।
दूसरी वजह: पार्टी के कार्यकर्ताओं के भीतर इस बात पर भी कानाफूसी हो रही है कि स्वाति मालीवाल दरअसल इस मुद्दे को भी उठाने वाली थीं कि सुनीता केजरीवाल को CM का उत्तराधिकारी क्यों प्रोजेक्ट किया जा रहा है। AAP का हमेशा से कहना रहा है कि एक परिवार से एक ही व्यक्ति पार्टी में रहेगा। अंदरखाने चर्चा ये भी है कि वे खुद को CM का उत्तराधिकारी मानती हैं।
3. CM ने स्वाति से इतनी दूरी क्यों बनाई
अरविंद केजरीवाल के जेल जाने से लेकर उनके बाहर आने तक स्वाति मालीवाल न तो किसी आंदोलन में थीं और न सोशल मीडिया पर एक्टिव रहीं। उनका एक ट्वीट जरूर आया कि वे बहन के इलाज के लिए विदेश में हैं। अरविंद केजरीवाल और उनके करीबियों को ये बात अच्छी नहीं लगी।
दरअसल, चर्चा है कि स्वाति BJP के संपर्क में हैं। अगर आम आदमी पार्टी से उन्हें झटका मिला, तो BJP के खाते से राज्यसभा की सांसद बनी रहेंगी।
4. पिता पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली स्वाति चुप क्यों
पहले स्वाति मालीवाल के फोन पर रिंग जा रही थी, लेकिन वे फोन नहीं उठा रही हैं। बाद में फोन स्विच ऑफ हो गया। दरअसल, अब संजय सिंह और अरविंद केजरीवाल स्वाति के संपर्क में हैं। उन्हें पुराना कार्यकर्ता होने के नाते चुप रहने के लिए कहा गया है। राज्यसभा सांसद के तौर पर वे फिलहाल बनी रहेंगी।
अवार्ड कार्यक्रम में कहा था- पिता ने बचपन में यौन शोषण किया
स्वाति मालीवाल ने नवंबर, 2023 में खुलासा किया था कि ‘बचपन में मेरे पिता मेरा यौन शोषण करते थे। इस वजह से मैं अपने ही घर में डरकर रहती थी। वे बिना वजह मुझे पीटते थे, चोटी पकड़कर सिर दीवार से टकरा देते थे। डर की वजह से मैंने कई रातें तो बिस्तर के नीचे छिपकर बिताई हैं।’ स्वाति मालीवाल ने ये बातें DCWAwards कार्यक्रम के दौरान कही थीं।
पुलिस ने कहा- मैडम थाने आई थीं, लेकिन शिकायत नहीं की
DCP (नॉर्थ) मनोज मीना ने बताया, ‘हमें सुबह 9:34 बजे एक PCR कॉल मिली। कॉल करने वाले ने कहा कि उसके साथ CM आवास के अंदर मारपीट की गई है। उसके बाद लोकल पुलिस और SHO ने कॉल का जवाब दिया। कुछ समय बाद, सांसद स्वाति मालीवाल पुलिस स्टेशन सिविल लाइंस आईं। इस मामले में उनकी ओर से कोई शिकायत नहीं दी गई है।’
दिल्ली पुलिस ने बताया कि कॉलर ने अपना नाम AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल बताया। कॉल करने वाली महिला ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री का PA बिभव कुमार पीट रहा है। ये कॉल CM हाउस से की गई।
केजरीवाल की परछाई जैसे हैं बिभव कुमार, वीडियो एडिटर से CM के PA बने
बिभव कुमार का नाम अरविंद केजरीवाल के क्लोज्ड सर्कल में शामिल है। द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक बिभव कुमार ही मैनेज करते हैं कि केजरीवाल समय से दवाइयां, इंसुलिन और खाना खाते रहें।
केजरीवाल के लिए इतने अहम होने की वजह से बिभव को केजरीवाल का ‘मैन फ्राइडे’ तक कहा जाता है। अंग्रेजी के इस टर्म का मतलब होता है सबसे करीबी और भरोसेमंद सहयोगी। केजरीवाल ने बिभव कुमार को 27 फरवरी, 2015 को पर्सनल सेक्रेटरी के तौर पर नियुक्त किया था।
हालांकि, मार्च 2024 में बिभव को इस पद से बर्खास्त कर दिया गया। स्पेशल सेक्रेटरी विजिलेंस वाईवीवीजे राजशेखर ने आदेश जारी कर कहा था कि बिभव की सेवाएं तत्काल प्रभाव से खत्म कर दी गई हैं। उनकी नियुक्ति के लिए तय प्रक्रिया और नियमों का पालन नहीं किया गया था। इसलिए उनकी नियुक्ति अवैध और शून्य करार दी जाती है।
संजय सिंह बोले- बिभव ने बदतमीजी की, कार्रवाई करेंगे
स्वाति मालीवाल से बदसलूकी के आरोप पर AAP लीडर संजय सिंह ने कहा कि इस मामले पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गंभीर हैं। बिभव कुमार ने उनके साथ बदतमीजी की है। अरविंद केजरीवाल इस पर सख्त कार्रवाई करेंगे। पार्टी ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करती है। ये बहुत ही निंदनीय घटना है। स्वाति मालीवाल पार्टी की पुरानी और सीनियर लीडर्स में से एक हैं। हम सभी उनके साथ हैं।
स्वाति मालीवाल 4 महीने पहले ही सांसद बनीं, 9 साल DWC की अध्यक्ष रहीं
स्वाति मालीवाल आम आदमी पार्टी की तरफ से राज्यसभा सांसद हैं। उन्होंने इसी साल 31 जनवरी को शपथ ली थी। इससे पहले वे दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष थीं। स्वाति मालीवाल ने जनवरी, 2024 में आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। वे 2015 से इस पद पर थीं।
27 जनवरी को दिल्ली में राज्यसभा की 3 सीटें खाली हुई थीं। इन पर 19 जनवरी को चुनाव हुए। राज्यसभा में AAP के कुल 10 सांसद हैं। BJP, कांग्रेस और TMC के बाद सांसदों के लिहाज से AAP चौथी सबसे बड़ी पार्टी है।