पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) इनदिनों हिंसा की आग में जल रहा है. पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद में पुलिस कार्रवाई के बाद हालात बेहद खराब हो गए हैं. पुलिस की कार्रवाई के विरोध में बुलाई गई हड़ताल के चलते सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया गया है. जबकि आम लोगों को इससे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शहर में सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी देखने को मिल रही है. जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों और पुलिस की झड़प में एक पुलिसकर्मी की मौत होने की भी खबर है. प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिसकर्मियों को आंसू गैस के गोले भी छोड़न पड़े.
क्यों प्रदर्शन करने पर मजबूर लोग
बता दें कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में लोग बिजली बिलों पर लगाए गए ‘अन्यायपूर्ण’ टैक्स का जमकर विरोध कर रहे हैं. जिसके चलते अब लोग सड़कों पर उतरने लगे हैं. यहां के लोग शाहबाज सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं. इस दौरान गुस्साए लोगों ने पाकिस्तानी फौज पर भी जमकर पत्थर बरसा दिए. वहीं लोगों के बेकाबू गुस्से को शांत करने के लिए पुलिस ने हवा में गोलियां चलाईं. बावजूद इसके लोग शांत नहीं हुआ और प्रदर्शन करते रहे.
हिंसक झड़प में कई लोग और पुलिसकर्मी घायल
पीओजे के में चल रहे विरोध प्रदर्शन और शटडाउन के चलते शनिवार को मुजफ्फराबाद में हिंसक झड़पें भी हुई. जिसमें एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई. जबकि 90 अन्य घायल हो गए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मीरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कामरान अली के उप-निरीक्षक अदनान कुरेशी की इस्लामगढ़ शहर में सीने में गोली लगने से मौत हो गई. वह मुजफ्फराबाद में एक रैली को रोकने के लिए अन्य पुलिसकर्मियों के साथ तैनात थे.
जानें क्या है पूरा मामला?
बता दें कि पीओके में जेकेजेएसी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद लोगों ने यहां हड़ताल का आह्वान किया. बता दें कि समिति ने पिछले महीने घोषणा की थी पीओके में लोग 11 मई प्रदर्शन करेंगे और मुजफ्फराबाद की ओर एक लंबा मार्च निकालेंगे. बता दें कि पुलिस ने जेकेजेएसी के नेताओं को तब गिरफ्तार किया गया जब वे राज्य में बिजली की उत्पादन लागत के बाद उपभोक्ताओं को बिजली मिलने के लिए आंदोलन कर रहे थे.
शहबाज़ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी
दरअसल ये वारदात हुई POK की राजधानी मुजफ्फराबाद में…यहां पर पाकिस्तानी फौज और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव हुआ। इस पूरे प्रदर्शन के दौरान बाजार दुकानें तक बंद रहीं। तोड़-फोड़ भी की गई। जिसमें कई घरों और दुकानों को नुकसान पहुंचा है। लोगों ने पाकिस्तान की शहबाज सरकार (Shahbaz Sharif) के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस टकराव में एक पुलिस अधिकारी की मौत भी हो गई है और करीब 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं।
प्रदर्शनकारियों संग पुलिस कर रही बर्बरता
ट्रेडर्स एसोसिएशन मुजफ्फराबाद के अध्यक्ष और सदस्य सौकत नवाज मीर ने कहा, “दादयाल में हमारे शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता के खिलाफ पीओके और खासकर मुजफ्फराबाद में पूरी तरह से शटडाउन और व्हील-जाम हड़ताल होने जा रही है.” न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने बताया कि कश्मीर ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी ने यह जानकारी दी.
आजादी की मांग कर रहे स्थानीय लोगों के वीडियो वायरल होने पर उन्होंने कहा, “मैं आज सभी से बाहर आने और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने का आह्वान करता हूं.”
बता दें कि समिति ने अगस्त 2023 में भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया था. शौकत नवाज़ मीर ने कहा, “हम बिजली बिलों पर टैक्स लगाए जाने को अस्वीकार करते हैं. इसके बजाय, हमारी मांग है कि उपभोक्ताओं को क्षेत्र में जल विद्युत की उत्पादन लागत के मुताबिक, बिजली दी जानी चाहिए.”
“Pok हमेशा भारत का हिस्सा रहा है”
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 5 मई को, इस बात पर जोर देते हुए कि पीओके हमेशा भारत का हिस्सा रहा है, कहा था कि “बहुत खेदजनक स्थिति” जारी है. पिछली सरकारों ने यह सुनिश्चित नहीं किया कि पाकिस्तान आजादी के बाद इस क्षेत्र को खाली कर दे.
एस जयशंकर ने ओडिशा के कटक में एक इंटरैक्टिव सेशन में कहा था, “पीओके कभी भी इस देश से बाहर नहीं गया. यह हमेशा इस देश का हिस्सा रहा है. भारतीय संसद का एक प्रस्ताव है कि पीओके पूरी तरह से भारत का हिस्सा है. अब, अन्य लोगों को नियंत्रण कैसे मिला? ऐसा तब होता है, जब आपके पास कोई ऐसा व्यक्ति होता है जो घर का जिम्मेदार संरक्षक नहीं है, तो एक बाहरी व्यक्ति आएगा और कुछ चुरा लेगा.”
“पीओके एक बार फिर भारत की चेतना में”
उन्होंने कहा, “यहां आपने दूसरे देश को अनुमति दे दी है… ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हमने आजादी के शुरुआती सालों में इन क्षेत्रों से पाकिस्तान को खाली कराने की कोशिश नहीं की, जिससे यह बेहद दुखद स्थिति बनी हुई है. भविष्य में क्या होगा, यह कहना बहुत मुश्किल है लेकिन, मैं हमेशा लोगों से एक बात कहता हूं कि आज पीओके एक बार फिर भारत के लोगों की चेतना में है. हम इसके बारे में भूल गए थे, हमें इसके बारे में भुलाया गया था, लेकिन यह अब निश्चित रूप से वापस आ गया है.” .