दो चरणों के चुनाव में कम मतदान बिहार एनडीए के रणनीतिकारों के परेशानी का सबब बन गया है। एनडीए के रणनीतिकारों की कोशिश है कि तीसरे चरण में हर हाल में मतदान का प्रतिशत बढ़ाया जाए। भाजपा ने बूथ लेवल कमेटी को अलर्ट किया है। वहीं, जदयू ने लोकसभा चुनाव अभियान समिति की बैठक में तीसरे चरण के वोट प्रतिशत को पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। तीसरे चरण में अररिया, मधेपुरा, खगड़िया, झंझारपुर और सुपौल में मतदान होना है। इनमें तीन लोकसभा पर जदयू और एक-एक लोकसभा सीट पर भाजपा और लोजपा ने जीत दर्ज की थी।
अररिया लोकसभा
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार प्रदीप कुमार सिंह को जीत मिली थी। इस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से 9.68 प्रतिशत ज्यादा मत मिला था यानी भाजपा उम्मीदवार को 52.87 प्रतिशत वोट मिला था। वहीं, वर्ष 2019 के लोकसभा में राजद के सरफराज आलम को गत चुनाव से 8 प्रतिशत कम मत यानी 41.14 प्रतिशत वोट मिला था। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कुल मतदान 1169741 यानी 64.79 प्रतिशत हुए थे।
मधेपुरा लोकसभा
मधेपुरा लोकसभा से वर्ष 2019 में जदयू के दिनेश चंद्र यादव को जीत मिली थी। इन्हें कुल मतदान का 54.42 प्रतिशत मत मिला। वहीं, राजद के शरद यादव को मात्र 28.14 प्रतिशत वोट मिला था। कुल वोट 1147652 यानी 60.89 प्रतिशत पड़ा था।
खगड़िया लोकसभा
खगड़िया लोकसभा से गत चुनाव में लोजपा के महबूब अली कैसर को जीत मिली थी। तब लोजपा उम्मीदवार को 52.77 प्रतिशत वोट मिले। वीआईपी के मुकेश सहनी को 27.08 प्रतिशत वोट मिले। कुल टर्न आउट 967411 यानी कुल मत का 57.7 प्रतिशत मतदान हुआ।
झंझारपुर लोकसभा
झंझारपुर लोकसभा से जदयू के रामप्रीत मंडल ने जीत दर्ज की थी। तब रामप्रीत मंडल को 56.50 प्रतिशत वोट मिले और राजद के गुलाब यादव को 26.35 प्रतिशत। कुल मतदान 1062391 यानी 57.35 प्रतिशत मतदान हुए।
सुपौल लोकसभा
सुपौल लोकसभा से जदयू के दिलेश्वर कामत ने जीत दर्ज की थी। तब इन्हें 53.78 प्रतिशत वोट मिले थे। कांग्रेस के रंजीता रंजन को 29.76 प्रतिशत वोट मिले थे।
नीतीश ने चुनाव अभियान समिति की क्लास
दो चरणों के काम मतदान से परेशान राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जदयू कार्यालय पहुंचे और लोकसभा चुनाव अभियान समिति के साथ बैठ कर कम मतदान पर चर्चा की। उन्होंने इस मौके पर वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव के वोट प्रतिशत की चर्चा करते मत प्रतिशत बढ़ाने को लेकर सुझाव भी दिया। मुख्यमंत्री ने रविवार को प्रखंड और पंचायत स्तर के कमेटी से समन्वय बिठाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इन कमेटी के सदस्यों को घर-घर जाकर वोट देने के लिए अपील करने को कहा।
हालांकि, मुख्यमंत्री दूसरे चरण के चुनाव के पहले अचानक प्रदेश जदयू कार्यालय पहुंचे। मुख्यमंत्री यहां चुनाव अभियान समिति की बैठक में शामिल हुए। उस बैठक में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी को निर्देश दिया था कि 26 अप्रैल को होने वाले दूसरे चरण के चुनाव पर पैनी नजर रखें। मगर, इस चरण में बेहतर मतदान प्रतिशत का न होना, एक बार फिर नीतीश कुमार को लोकसभा चुनाव अभियान समिति की क्लास लगानी पड़ी। अब देखना है कि तीसरे चरण के चुनाव में मत प्रतिशत बढ़ाने में नीतीश कुमार कामयाब होते हैं या नहीं।