भाजपा और हिंदू नेताओं की हत्या की साजिश रचने के आरोप में शनिवार को सूरत से एक मौलवी मोहम्मद सोहेल उर्फ अबु-बकर तीमोल को गुजरात क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया है।
आरोपी के निशाने पर भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा, तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह, हिंदू सनातन संघ चेयरमैन उपदेश राणा और सुदर्शन टीवी के चीफ एडिटर सुरेश चव्हाणके थे।
सूरत पुलिस के मुताबिक, 27 साल का मौलवी मोहम्मद सोहेल मदरसे का टीचर भी है। वो पिछले दो साल से पाकिस्तान के डोंगर और नेपाल के शहनाज के साथ वॉट्सऐप के जरिए संपर्क में था।
वॉट्सऐप चैट में वे भारत में नबी की गुस्ताखी में दखल दिए जाने और ऐसे लोगों को सीधा करने की बात कर रहे हैं। उपदेश राणा की हत्या के लिए 1 करोड़ रुपए सुपारी की भी चैट में चर्चा हुई है।
मौलवी अबुबकर तीमोल की व्हाट्सएप चैट…
पुलिस ने खुफिया जानकारी के बाद नजर रखना शुरू किया
सूरत क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि हमें मोहम्मद सोहेल की देश विरोधी गतिविधि की खुफिया जानकारी मिली थी। इस पर टीम लगातार नजर रख रही थी। उसे सूरत के चौक बाजार इलाके से हिरासत में लिया गया और उसके मोबाइल की जांच की गई।
पाकिस्तान से हथियार मंगाने की साजिश रची गई
सूरत के पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गहलोत ने कहा- आरोपी को पाकिस्तान और नेपाल के लोगों के साथ एक हिंदू संगठन के नेता की हत्या के लिए 1 करोड़ रुपए की सुपारी देने और पाकिस्तान से हथियार खरीदने की साजिश रचते हुए पाया गया। आरोपी को पाकिस्तान और नेपाल के उसके आकाओं द्वारा लाओस में एक सिम कार्ड भी उपलब्ध कराया गया था।
पाकिस्तान समेत 5 देशों के संपर्क में था
गिरफ्तार आरोपी पाकिस्तान, वियतनाम, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, लाओस जैसे विभिन्न देशों के कोड वाले वॉट्सऐप नंबर के संपर्क में था। आरोपी ने सांप्रदायिक दुश्मनी फैलाने, भारत के राष्ट्रीय ध्वज की तस्वीरें अपलोड करने और हिंदू धर्म के बारे में पोस्ट या वीडियो में भद्दी टिप्पणियां करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया।
आरोपी पर विभिन्न धाराओं में FIR दर्ज
आरोपी पर IPC की धारा 153 (ए) (धर्म, जाति पर अनुचित अपमान या हमले में शामिल होना), 467, 468 और 471 (दस्तावेजों या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की जालसाजी से संबंधित) और धारा 120 ( बी) आपराधिक साजिश के लिए, साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के के तहत FIR दर्ज की गई है।
भाजपा और हिंदू संगठन के वे नेता जो निशाने पर थे…
1. भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा
जून 2022 में भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद उन्हें जान से मारने की धमकियां मिलीं। देशभर में उनके खिलाफ प्रदर्शन भी हुए थे और केस भी दर्ज कराए गए थे। साथ ही कई इस्लामिक देशों की तिखी प्रतिक्रिया का सरकार को सामना करना पड़ा था।
विवाद बढ़ने के चलते बीजेपी ने नूपुर के पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया था। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। इस घटना के बाद से नुपूर अंडरग्राउंड हो गई थीं। वे सार्वजनिक रूप से कहीं भी नजर नहीं आई थीं। नूपुर का समर्थन करने के चलते राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल और महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे की हत्या कर दी गई थी।
2. भाजपा विधायक टी राजा सिंह
अगस्त 2022 में तेलंगाना में बीजेपी के इकलौते विधायक टी राजा सिंह ने पैगम्बर मुहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके कारण जमकर हंगामा हुआ था और टी राजा को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, अक्टूबर 2023 में भाजपा ने टी राजा का निलंबन रद्द कर दिया था। टी राजा अक्सर सांप्रदायिक भाषणों के चलते चर्चा में रहते हैं।
साल 2023 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में टी राजा सिंह ने तीसरी बार जीत हासिल की थी। उन्होंने बीआरएस उम्मीदवार नंद किशोर व्यास को 21 हजार से ज्याजा वोटों से हराया था। गोशामहल विधानसभा में मुस्लिम आबादी 24 फीसदी है।
3. हिंदू सनातन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपदेश राणा
क्राइम ब्रांच के मुताबिक, साल 2019 में यूपी में कमलेश तिवारी की हत्या की गई थी। उसी तरह हिंदू सनातन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपदेश राणा की हत्या की साजिश की जा रही थी। मौलवी अलग-अलग नंबरों से उपदेश को जान से मारने की धमकी देता था। उपदेश की हत्या के लिए 1 करोड़ रुपए की सुपारी देने की बात भी चैट से सामने आई है।
मामले में उपदेश राणा ने एक वीडियो शेयर किया है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले मैं गुजरात पुलिस और सूरत पुलिस को बधाई देता हूं। 2019 में जब से कमलेश तिवारी की हत्या हुई, मैं इन लोगों के निशाने पर था। कई शिकायतें दर्ज कराईं। पुलिस से अपील करता हूं कि इस मामले में शामिल लोगों का पता लगाएं और उनके खिलाफ कार्रवाई करें।