जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में भारतीय वायु सेना के काफिले पर हुए हमले के संबंध में पूछताछ के लिए सुरक्षाबलों ने छह स्थानीय लोगों को हिरासत में लिया है। सूत्रों के मुताबिक, इन स्थानीय लोगों पर हमले में आतंकियों की मदद करने का संदेह है। हमले में पांच जवान घायल हुए थे, जिन्हें एयरलिफ्ट कर उधमपुर के अस्पताल ले जाया गया। इलाज के दौरान एक जवान की मौत हो गई।
हमला पुंछ के शाहसितार इलाके में शनिवार शाम 6 बजकर 15 मिनट पर हुआ। चार आतंकियों ने सनाई टॉप जा रही सुरक्षाबलों की दो गाड़ियों पर फायरिंग की। इसमें से एक वाहन एयरफोर्स का था। हमले के बाद आतंकवादी जंगल में भाग गए। उनके हाथ में एके असॉल्ट राइफल्स थी। एयरफोर्स की स्पेशल गरुड़ फोर्स, आर्मी और जम्मू-कश्मीर पुलिस सर्च ऑपरेशन कर रही हैं। पुंछ, राजौरी-अनंतनाग लोकसभा सीट में आता है। यहां छठे फेज में 25 मई को वोटिंग है।
आतंकियों को पकड़ने के लिए तलाशी जारी
वायुसेना के काफिले पर हमले के पीछे के आतंकवादियों को पकड़ने के लिए अभियान दूसरे दिन भी जारी है। इसके मद्देनजर सुरक्षाबलों ने आतंकियों की मदद के शक में पूछताछ के लिए छह स्थानीय लोगों को हिरासत में लिया है। वहीं, शाहसितार, गुरसाई, सनाई और शींदरा टॉप समेत कई इलाकों में तलाशी अभियान जारी है। हमले के बाद आतंकवादी जंगल में भाग गए हैं, लेकिन अभी तक उनका पता नहीं चल पाया है।
सुरनकोट में भी हुआ था सेना के काफिले पर हमला
इससे पहले 21 दिसंबर 2023 को सुरनकोट में भी सेना के काफिले पर आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले की जिम्मेदारी पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट यानी PAFF ने ली थी। सेना के अधिकारियों को शक है कि शनिवार शाम को हुए हमले में भी इसी संगठन का हाथ है। PAFF लश्कर-ए-तैयबा की ही शाखा है।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक इस हमले की भूमिका 4 दिन पहले उसे समय बनी जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने पाकिस्तान वायु सेवा के समारोह में बोलते हुए कश्मीर के लोगों को हर तरह से समर्थन देने का ऐलान किया. इसके फौरन बाद पाकिस्तान से आतंकवादी समूहों पर दबाव बनाया गया कि वह कोई बड़ी वारदात करें. खुफिया सूत्रों के मुताबिक कि इस हमले का मकसद श्रीनगर अनंतनाग बारामूला में होने वाले लोकसभा चुनाव में व्यवधान पैदा करना है और वोटरों को डराना है, जिससे वह वोट देने ना निकलें.
कौन है यह आतंकी संगठन
पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट यानी पीएएफएफ पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का ही बदला हुआ रूप है. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद हुई कई वारदातों में पीएएफएफ का नाम सामने आया है. यह आतंकी समूह खुद को अंसार गजवत-उल-हिंद के मारे गए कमांडर जाकिर मूसा से प्रेरित बताया है, जो वैश्विक आतंकी समूह अल कायदा के लिए वफादार माना जाता है.
पुंछे में हेलीकॉप्टर और ड्रोन से आतंकियों की तलाश
इस बीच भारतीय सुरक्षाबलों ने पुंछ जिले के रविवार को कई इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया. यहां आतंकवादियों का पता लगा हेलिकॉप्टर और ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. रविवार सुबह शुरू हुए इस व्यापक तलाशी अभियान की निगरानी जीओसी, डीआईजी और पुंछ जिले के एसएसपी सहित सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं.
बता दें कि पुंछ जिले की सुरनकोट तहसील के बकरबल मोहल्ला (सनाई) इलाके में शनिवार शाम आतंकियों ने वायुसेना के दो वाहनों के काफिले पर हमला कर दिया था, जिसमें एयर फोर्स के एक जवान की मौत हो गई. वहीं चार घायल जवानों को उत्तरी कमान के उधमपुर मुख्यालय में कमांड अस्पताल पहुंचाया गया. डॉक्टरों के अनुसार एक घायल जवान की हालत गंभीर है जबकि अन्य तीन की हालत स्थिर है.
21 दिसंबर को भी हुआ था ऐसा ही हमला
यह आतंकी हमला 21 दिसंबर, 2023 को हुए हमले की तरह था, जिसमें आतंकवादियों ने सेना के वाहन पर घात लगाकर हमला किया था, जिसमें चार सैनिक मारे गए थे. यह हमला पुंछ जिले के बाफलियाज के डेरा की गली इलाके में हुआ था. बाद में रहस्यमय परिस्थितियों में तीन नागरिकों की मौत हो गई थी और स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया था कि वे बदले की कार्रवाई में मारे गए हैं.