1 मई‚ 2024 को अप्रैल‚ 2024 माह में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के संग्रहण से संबंधित जानकारी जारी की गई है। माह अप्रैल २०२४ के दौरान जीएसटी का संग्रहण पिछले सारे रिकार्ड तोड़ते हुए २.१० लाख करोड़ रु पये के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है‚ जो निश्चित ही‚ भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शा रहा है। वित्त वर्ष २०२२ में जीएसटी का औसत कुल मासिक संग्रहण १.२० लाख करोड़ रु पये रहा था‚ जो वित्त वर्ष २०२३ में बढ़कर १.५० लाख करोड़ हो गया एवं वित्त वर्ष २०२४ में १.७० लाख करोड़ रु पये के स्तर को पार कर गया।
अब तो अप्रैल‚ २०२४ में २.१० लाख करोड़ रु पये के स्तर से भी आगे निकल गया है। इससे आभास हो रहा है कि देश के नागरिकों में आर्थिकक नियमों के अनुपालन के प्रति रु चि बढ़ी है‚ अर्थव्यवस्था का तेजी से औपचारीकरण हो रहा है एवं भारत में आर्थिक विकास की दर तेज गति से आगे बढ़ रही है। भारत में वर्ष २०१४ के पूर्व ऐसा समय था जब केंद्रीय नेतृत्व में नीतिगत फैसले लेने में हिचकिचाहट रहती थी और अर्थव्यवस्था विश्व की हिचकोले खाने वाली ५ अर्थव्यवस्थाओं में शामिल थी‚ परंतु केवल १० वर्ष पश्चात केंद्र में मजबूत नेतृत्व एवं मजबूत लोकतंत्र के चलते वर्ष २०२४ में भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की ५वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है। आज भारत आर्थिक क्षेत्र में वैश्विक मंच पर नित रिकार्ड बना रहा है। वैश्विक स्तर पर विदेशी प्रेषण के मामले में भारत प्रेषण प्राप्तकर्ता के रूप में प्रथम स्थान पर पहुंच गया है। भारत में सबसे बड़ा सिंक्रोनाईजड बिजली ग्रिड है। बैंकिंग क्षेत्र में वास्तविक समय लेन देन की सबसे बड़ी संख्या आज भारत में ही संपन्न हो रही है। भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक देश है एवं विश्व में मोबाइल फोन का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता बन गया है। भारत में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेट्वर्क है। मात्रा की दृष्टि से भारत में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा फार्मास्यूटिकल्स उद्योग है। भारत में विश्व में तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेट्वर्क है। भारत ने स्टार्टअप विकसित करने के उद्देश्य से विश्व का तीसरा सबसे बड़ा पारिस्थितिकी तंत्र खड़ा कर लिया है। भारत का स्टॉक बाजार‚ पूंजीकरण के मामले में विश्व में चौथे स्थान पर आ गया है। भारत में विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेट्वर्क है। विश्व में पैटेंट के लिए आवेदन किए जाने वाले देशों में भारत छठे स्थान पर आ गया है। १० वर्षो के दौरान शेयर बाजार में निवेशकों को अपार सफलता हासिल हुई है और सेंसेक्स ने २०० प्रतिशत की रिकार्ड वृद्धि दर्ज की है। निफ्टी ने भी इसी अवधि में २०६ प्रतिशत की रिकार्ड वृद्धि दर्ज की। यह स्थानीय एवं विदेशी निवेशकों का भारतीय अर्थव्यवस्था पर विश्वास जता रहा है। भारत में शेयर बाजार में व्यवहार करने के उद्देश्य से खोले जाने वाले डीमेट खातों की संख्या २०१४ में २.२ करोड़ थी जो २०२४ में बढ़कर १५.१३ करोड़ हो गई है अर्थात १० वषाç में ७ गुणा से अधिक। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी काफी सुधार हुआ है।
भारतीय नागरिकों में आज स्व का भाव जगाने में भी कामयाबी मिली है‚ जिसके चलते स्वदेश निर्मित वस्तुओं का उपयोग बढ़ रहा है एवं अन्य देशों से विभिन्न उत्पादों के आयात कम हो रहे हैं। इसके चलते भारत के विदेशी व्यापार घाटे में सुधार दृष्टिगोचर है। भारत से विभिन्न उत्पादों के निर्यात में भी मामूली वृद्धि दर्ज हो रही है। भारत में नागरिक का औसत जीवन २०२२ के ६२.७ वर्ष से बढ़कर ६७.७ वर्ष हो गया है‚ जो स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के चलते ही संभव हो सका है। संयुक्त राष्ट्र के एक प्रतिवेदन के अनुसार भारत में प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय में पिछले १२ महीनों के दौरान ६.३ प्रतिशत की वृद्ध दर्ज हुई है। एक सर्वे के अनुसार‚ आज भारत में ३६ प्रतिशत कंपनियां आगामी ३ माह में नई भर्तियाँ करने पर गंभीरता से विचार कर रही हैं‚ इससे में रोजगार के लाखों अवसर निर्मित होते दिखाई दे रहे हैं। गरीब वर्ग को भी केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाए जाने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं।
जल जीवन मिशन ने पूरे भारत में ७५ प्रतिशत से अधिक घरों में नल के पानी का कनेक्शन प्रदान करके मील का पत्थर हासिल कर लिया है। लगभग ४ वर्षो के भीतर मिशन ने २०१९ में ग्रामीण नल कनेक्शन कवरेज को ३.२३ करोड़ घरों से बढ़ाकर १४.५० करोड़ से अधिक घरों तक पहुंचा दिया गया है। पीएम आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में ४ करोड़ से अधिक पक्के मकान बनाए गए हैं। सौभाग्य योजना के अंतर्गत २.८ करोड़ घरों का विद्युतीकरण कर लिया गया है। विश्व के सबसे बड़े सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम–प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना–के अंतर्गत ५५ करोड़ लाभार्थियों को माध्यमिक एवं तृतीयक देखभाल एवं अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार ५ लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान किया जा रहा है।
पीएम गरीब कल्याण योजना के माध्यम से मुफ्त अनाज के मासिक वितरण से ८० करोड़ से अधिक परिवारों को लाभ प्राप्त हो रहा है। पीएम उज्जवल योजना के अंतर्गत १० करोड़ से अधिक महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। ये महिलाएं पहले लकड़ी जलाकर भोजन सामग्री तैयार कर पाती थीं और अपनी आंखों को खराब होते हुए देखती थीं। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत भी १२ करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण कर महिलाओं की सुरक्षा एवं गरिमा को कायम रखा जा सका है। जन धन खाता योजना के अंतर्गत ५२ करोड़ से अधिक खाते खोलकर नागरिकों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में लाया गया है। इससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला है। देश भर में ११‚००० से अधिक जनऔषधि केंद्र स्थापित किए गए हैं‚ जो ५०–९० प्रतिशत रियायती दरों पर आवश्यक दवाएं प्रदान कर रहे हैं। कहा जा सकता है कि भारत आर्थिक क्षेत्र में विश्व में चमकते सितारे के रूप में दिखाई दे रहा है एवं अपनी विकास दर को १० प्रतिशत के ऊपर ले जाने के भरसक प्रयास कर रहा है। इससे निश्चित ही भारत शीघ्र ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा एवं इसके बाद २०२७ तक विकसित राष्ट्र भी बन जाएगा।