उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट इन दिनों काफी चर्चा में है. इस बीच राहुल गांधी का नाम कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर ऐलान होने के बाद इस सीट की अहमियत इस चुनाव में और बढ़ गई है. राहुल गांधी ने अपनी पुरानी सीट अमेठी को छोड़कर आज रायबरेली से पर्चा भरा। इस दौरान उनके साथ मां सोनिया गांधी, बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा जीजा रॉबर्ट वाड्रा, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी नजर आए।
राहुल गांधी जब नामांकन कराने के लिए कलेक्ट्रेट जा रहे थे तब डिग्री कॉलेज चौराहा के पास उनका विरोध भी देखने को मिला। बताया जा रहा है कि इस दौरान कथित रूप से भाजपा के कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी भी की।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे रायबरेली से राहुल गांधी के नामांकन दाखिल करने से पहले रायबरेली कांग्रेस कार्यालय पहुंच गए हैं। राहुल गांधी समेत अन्य नेता भी वहां मौजूद हैं। कार्यालय के बाहर सपा और कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ा है। उत्साह में कार्यकर्ता राहुल गांधी जिंदाबाद और कांग्रेस जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि इस सीट से राहुल की मां सोनिया गांधी 2004 से लगातार चुनाव जीतती आई हैं। पार्टी ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि गांधी परिवार के करीबी माने जाने किशोरी लाल शर्मा को अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया गया है। शर्मा गांधी परिवार की गैर-मौजूदगी में इन दोनों चर्चित निर्वाचन क्षेत्रों का काम-काज संभालते रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर वायनाड से पहले ही चुनाव लड़ रहे राहुल को दूसरी सीट के रूप में अमेठी से क्यों नहीं उतारा गया?
सता रहा है अमेठी से हार का डर?
माना जा रहा है कि कहीं न कहीं कांग्रेस के मन में अमेठी की सीट से राहुल गांधी की जीत को लेकर शंका रही होगी, इसीलिए पार्टी ने उन्हें रायबरेली से उतारने का फैसला किया है। दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनावों के पहले तक उत्तर प्रदेश में अमेठी और रायबरेली की सीटें कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थीं। लेकिन स्मृति ईरानी ने पिछले चुनावों में देश की सबसे बड़ी पार्टी के सबसे मजबूत किलों में से एक अमेठी को फतह कर लिया। इसके बाद से वह अपने लोकसभा क्षेत्र में लगातार जाती रहीं और हाल ही में उन्होंने वहां अपने मकान का गृह प्रवेश भी किया है। इन्हीं सारी बातों को देखते हुए अमेठी से केएल शर्मा को टिकट देने का फैसला किया होगा।
रायबरेली से क्यों लड़ रहे हैं राहुल गांधी?
अमेठी का समीकरण तो समझ में आ गया, अब सवाल यह उठता है कि राहुल गांधी रायबरेली से चुनाव क्यों लड़ रहे हैं? दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनावों में रायबरेली ही एक ऐसी सीट थी, जिसे कांग्रेस ने यूपी में जीता था। बीजेपी की आंधी में भी रायबरेली का गढ़ सुरक्षित रहा था, ऐसे में कांग्रेस को लग रहा होगा कि इस बार भी राहुल की उम्मीदवारी से उन्हें फायदा हो सकता है। यह अलग बात है कि इलाके के कई दिग्गज कांग्रेसी नेता पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। लेकिन कांग्रेस को कहीं न कहीं लग रहा होगा कि गांधी परिवार के नाम पर, और वह भी राहुल गांधी के नाम पर, रायबरेली की जनता जरूर अपना समर्थन देगी।
दादा- दादी ने भी जीता था रायबरेली से चुनाव
बता दें कि रायबरली की सीट पर न सिर्फ राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी, बल्कि उनकी दादी इंदिरा गांधी और उनके दादा फिरोज गांधी भी कांग्रेस का परचम लहरा चुके हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व गांधी-नेहरू परिवार के सदस्यों के अलावा उनके कई करीबी मित्रों ने भी किया है। रायबरेली की जनता भावनात्मक रूप में नेहरू-गांधी परिवार के काफी करीब रही है, और पार्टी के सबसे बुरे दिनों में भी उसका साथ नहीं छोड़ा है। ऐसे में पूरे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए इससे सुरक्षित सीट शायह ही कोई और हो सकती है। माना जा रहा है कि इसी वजह से इस सीट से राहुल गांधी के नाम का ऐलान किया गया है।
भाजपा ने रायबरेली से योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को टिकट दिया है, जबकि अमेठी से स्मृति ईरानी लड़ रही हैं। पहले कांग्रेस नेताओं ने राहुल के अमेठी और प्रियंका के रायबरेली से लड़ने की बात कही थी। अमेठी सीट पर भी आज नामांकन का आखिरी दिन है।
टिकट मिलने के बाद किशोरी लाल शर्मा ने कहा- मेरे जैसे छोटे कार्यकर्ता को अपनी पारिवारिक सीट की जिम्मेदारी दी है। मैं पूरी कोशिश करूंगा कि यहां मेहनत करूं। मैंने राजीव गांधी के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा-किशोरी लाल का हमारे परिवार से वर्षों का नाता है। अमेठी, रायबरेली के लोगों की सेवा में वे हमेशा मन-प्राण से लगे रहे। उनका समर्पण उन्हें इस चुनाव ने सफलता दिलाएगा।
वहीं, अमेठी से दावेदारी छोड़ने पर यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने राहुल पर तंज कसा। कहा-राहुल अमेठी से पलायन करके वायनाड गए। रायबरेली की जनता समझ चुकी है, ये रणछोड़ दास लोग हैं। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा-गांधी परिवार जहां से हारता है, वहां दोबारा नहीं जाता है।
नामांकन से पहले राहुल गांधी कांग्रेस कार्यालय में पूजा-पाठ करेंगे। जिस वाहन से कलेक्ट्रेट नामांकन के लिए जाएंगे। उसको रथ के रूप में तैयार किया जा रहा है।