विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के सुप्रीमो मुकेश सहनी को केंद्र से मिली Y प्लस सुरक्षा 30 अप्रैल को हटा ली गई है। लगभग 14 महीने तक मुकेश सहनी इस सुरक्षा घेरे में बिना मंत्री, विधायक या सांसद के रहे।
उनकी सुरक्षा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर आपत्तिजनक बयान देने के 10 घंटे के भीतर हटाई गई। इसे लेकर अब बिहार में सियासत शुरू हो गई है। मुकेश सहनी ने सुरक्षा हटने के 24 घंटे बाद कहा कि एक बयान के कारण उनकी सुरक्षा हटा ली जाती है। उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी उन्हें मरवाना चाहती है।
गठबंधन में उनके सहयोगी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि बीजेपी के लोग रेवड़ी बांट रहे हैं, जो उनके साथ आता है उनकी सुरक्षा बढ़ा दी जाती है, केस खत्म कर दिए जाते हैं। बीजेपी के नेता लीडर नहीं, बल्कि डीलर हैं।
अब मुकेश सहनी को सुरक्षा मिलने और हटने की पूरी क्रोनोलॉजी समझिए
जब बीजेपी छोटी पार्टियों को जोड़ रही थी तब सुरक्षा मिली
फरवरी 2023 को मुकेश सहनी को केंद्र सरकार की तरफ वाई प्लस सुरक्षा दिया गया था। तब मुकेश सहनी वीआईपी सुप्रीमो के अलावा कुछ नहीं थे। सुरक्षा मिलने के दो महीने के भीतर मई में इन्होंने बतौर मंत्री बिहार सरकार की तरफ से मिला बंगला खाली कर दिया। जबकि, इससे पहले ये इस बंगले का भारी किराया चुका रहे थे।
उस दौरान नीतीश कुमार I.N.D.I.A. गठबंधन में थे और देश भर में पार्टियों को एकजुट कर रहे थे। इधर, बीजेपी एक-एक कर बिहार की छोटी पार्टियों को अपने साथ जोड़ रही थी। इसमें उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी जैसे नेता शामिल थें। सुरक्षा मिलने और बंगला खाली करने के बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई कि मुकेश सहनी की एक बार फिर से एनडीए में वापसी हो सकती है।
नीतीश कुमार के वापस आने के बाद बिगड़ा खेल
अभी बीजेपी के नेता और मुकेश सहनी के बीच सीटों को लेकर डील चल ही रही थी कि जनवरी 2024 में नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़ एनडीए में शामिल हो गए। कुशवाहा और मांझी पहले से ही एनडीए का हिस्सा थे। सूत्रों की माने तो इसके बाद बीजेपी की तरफ से मुकेश सहनी को साफ कर दिया गया कि उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए ज्यादा से ज्यादा 1 सीट दिया जाएगा। इसके बाद सारा खेल बिगड़ गया। मुकेश सहनी ने साफ इनकार कर दिया कि वे किसी भी सूरत में एक सीट के साथ गठबंधन नहीं करेंगे।
महागठबंधन के साथ तीन सीट पर तय हुई डील
बीजेपी में बात नहीं बनने के बाद सहनी एक बार फिर से लालू यादव और तेजस्वी के पास पहुंचे। यहां सहनी अपनी बात मनवाने में सफल रहे और तीन सीटों पर फाइनल डील तय हुई। इसके बाद तेजस्वी लगातार मुकेश सहनी को अपने साथ लेकर अलग-अलग सभाओं में घूम रहे हैं।
पहले तेजस्वी के साथ तंज, फिर आपत्तिजनक बयान पड़ा भारी
मुकेश सहनी तेजस्वी के साथ मिलकर लगातार बीजेपी पर हमलावर हैं। वे कभी मछली तो कभी संतरा के बहाने लगातार बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं, लेकिन 30 मई को मंडल कमीशन के बहाने उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर आपत्तिजनक बयान दिया, ये उन्हें भारी पड़ा। बयान के 8 घंटे के भीतर उनकी वाई प्लस सुरक्षा हटा ली गई।
सस्ती लोकप्रियता के लिए इस तरह का बयान दे रहे सहनी- बीजेपी
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिंह ने कहा कि सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए मुकेश सहनी इस तरह का बयान दे रहे है। समाज में उन्हें कोई पूछ नहीं रहा है। इनके साथ इनका समाज भी नहीं जुड़ पा रहा है, इसलिए बेचैनी में इस तरह का अनर्गल बयान दे रहे हैं। पिछड़ा-अति पिछड़ा समाज नरेंद्र मोदी के साथ इंटैक्ट है।
अब किसी को वीआईपी सुरक्षा मिलने की पूरी प्रक्रिया समझिए
गृह विभाग के अधिकारियों की माने तो वीआईपी की सुरक्षा के लिए अलग से किसी तरह के कानून का कोई प्रावधान नहीं है। ये केवल राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए है। बाकी के लिए वीवीआईपी सुरक्षा से जुड़े निर्णय इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधिकारियों, गृह सचिव और गृह मंत्री की सदस्यता वाली एक समिति करती है।
कई बार राज्य सरकार की सिफारिशों के आधार पर भी वीवीआईपी सुरक्षा प्रदान कर दी जाती है। इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर वीआईपी को सुरक्षा दी जाती है, इसके बाद अगर थ्रेट कम हो जाता है तो उसे सीधे हटा लिया जाता है।