उत्तर प्रदेश की अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों को लेकर सस्पेंस आज खत्म हो सकता है. उम्मीद है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे आज दोनों सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) की अमेठी और रायबरेली से उम्मीदवारी को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. राहुल गांधी को साल 2019 में अमेठी में स्मृति ईरानी से अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा था.
इस बार फिर से राहुल गांधी यहां (अमेठी) से चुनाव लड़ सकते हैं. प्रियंका गांधी वाड्रा के रायबरेली से चुनाव लड़ने की उम्मीद जताई जा रही है. घोषणा में देरी के बावजूद कांग्रेस नेताओं ने बुधवार को आश्वस्त किया कि पार्टी विचलित नहीं है. पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि कोई डर नहीं है और चर्चा जारी है. नामांकन की आखिरी तारीख कल (3 मई) है. कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा, “गांधी परिवार बहुत लोकप्रिय है और उनकी सार्वजनिक बैठकों में लाखों लोग आ रहे हैं. फैसला अब सीईसी पर छोड़ दिया गया है.”
अमेठी निर्वाचन क्षेत्र गांधी परिवार की राजनीतिक विरासत का गढ़ रहा है, जिसका प्रतिनिधित्व 2004 से राहुल गांधी ने 2019 में अपनी हार तक किया है. इसी तरह, रायबरेली गांधी परिवार का गढ़ रहा है, जिसका प्रतिनिधित्व सोनिया गांधी ने 2004 से 2024 तक किया है. सूत्रों ने बताया कि प्रियंका गांधी भी रायबरेली सीट से चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ वंशवाद की राजनीति का मुद्दा उठाने के मद्देनजर राहुल गांधी इस विचार के पक्ष में नहीं हैं। सूत्रों ने बताया कि राहुल नहीं चाहते कि गांधी परिवार के तीनों सदस्य सांसद बनें.
उन्होंने यह भी कहा कि दोनों सीटों पर उम्मीदवार के नामों पर चर्चा के लिए बुधवार को एक बैठक हुई थी लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ. गांधी परिवार के करीबी सहयोगी के एल शर्मा ने कहा कि लोग उम्मीद कर रहे हैं कि गांधी परिवार के सदस्य अमेठी और रायबरेली सीट से चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि इस मामले पर ‘‘बहुत जल्द” फैसला लिया जाएगा क्योंकि सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख तीन मई है. अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवारों को लेकर संशय के बीच कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ‘‘कोई भयभीत नहीं है” और इस बारे में फैसले की घोषणा अगले 24-30 घंटे में की जाएगी.
उन्होंने कहा कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अमेठी और रायबरेली संसदीय सीटों पर उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रूप देने के लिए अधिकृत किया है. समाजवादी पार्टी और अन्य क्षेत्रीय संगठनों के साथ गठबंधन में कांग्रेस (Congress) यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 17 पर चुनाव लड़ रही है, इन प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों का चयन विपक्षी इंडिया ब्लॉक के लिए सबसे महत्वपूर्ण है.
दरअसल, अमेठी और रायबरेली कांग्रेस पार्टी की परंपरागत सीट हैं. पिछले चुनाव यानी साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी सीट पर राहुल गांधी का मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी से हुआ था. हालांकि, राहुल गांधी यहां से चुनाव हार गए थे. वहीं, वायनाड से लोकसभा का चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे. वहीं, रायबरेली सीट पर सोनिया गांधी ने जीत दर्ज की और ये सीट कांग्रेस की ही बनी रही. इस बार यानी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ही सोनिया गांधी राज्यसभा सांसद चली गईं.
सोनिया गांधी के राज्यसभा पहुंचने से खाली हुई सीट
सोनिया गांधी के राज्यसभा पहुंचने के बाद से रायबरेली सीट पर सस्पेंस के बादल मडराने लगे और ये सवाल सामने आने लगा कि कांग्रेस और खासकर गांधी परिवार की इस परंपरागत सीट से कौन चुनाव लड़ेगा. राजनीतिक गलियारों में चर्चा ये भी हो रही है कि प्रियंका गांधी इस सीट से ताल ठोक सकती हैं. हालांकि अभी तक पार्टी ने इसका कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया है.
अमेठी से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने की चर्चा
वहीं अमेठी का सस्पेंस साल 2019 के चुनावी नतीजों के बाद से ही बनना शुरू हो गया था. तभी से चर्चा हो रही थी की क्या राहुल गांधी अगले यानी 2024 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से चुनाव लड़ेंगे या वायनाड को ही अपना नया गढ़ बनाएंगे? ये चर्चा 2024 की चुनावी तारीखों के ऐलान के बाद से बढ़ती जा रही है. अभी तक कांग्रेस और राहुल गांधी की तरफ से अमेठी को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
रायबरेली-अमेठी कांग्रेस का गढ़
दरअसल, रायरबरेली कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है. 1952, 1957 में इस सीट से राहुल गांधी के दादा फिरोज गांधी और 1967, 1971, और 1980 में दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रतिनिधित्व किया था. उसके बाद 2004 से 2019 तक राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी इस सीट से चुनाव जीतती आई हैं. सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद इस सीट पर कौन चुनाव लड़ेगा इस पर सस्पेंस बना हुआ है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि रायबरेली सीट से प्रियंका गांधी को पार्टी उतार सकती है. अगर प्रियंका यहां से चुनाव लड़ती हैं तो यह उनका पहला चुनाव होगा. 2019 में अमेठी सीट पर स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को शिकस्त दी थी. ऐसे में कांग्रेस के सामने बड़ा रिस्क है कि अगर दोनों नेता कसौटी पर खरे नहीं उतरते तो पार्टी और गांधी परिवार की साख दांव पर लग सकती है. इस बार रायबरेली और अमेठी की लड़ाई आसान नहीं है.